Pakistan Politics: इमरान आउट, अब नवाज़ की होगी एंट्री

Pakistan Politics: प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ़ ने घोषणा की थी कि नेशनल असेंबली 9 मई को निर्धारित समय से पहले भंग कर दी जाएगी, जिससे अगले 90 दिनों में आम चुनाव होंगे। इमरान खान को कानूनी रूप से रास्ते से हटाने से एक और पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की घर वापसी का रास्ता साफ हो गया है।

Neel Mani Lal
Published on: 5 Aug 2023 6:02 PM GMT
Pakistan Politics: इमरान आउट, अब नवाज़ की होगी एंट्री
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पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ- पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान: Photo- Social Media

Pakistan Politics: इमरान खान "आउट" करार दिए गए हैं। अब दुबारा मैदान में उतरना शायद ही हो पाए। सो, अब सवाल है कि उनके लिए आगे की राह क्या है? तात्कालिक जवाब तो यही है कि हर मामले की तरह, इमरान खान इस फैसले के खिलाफ ऊपरी अदालतों में अपील कर सकते हैं।

राह आसान नहीं

ऊपरी अदालतों में अपील तो एक आसान सा जवाब है । लेकिन मामला इतना आसान भी नहीं है। इमरान के खिलाफ यह फैसला ऐसे समय आया है जब पाकिस्तान में तीन महीने के भीतर आम चुनाव होने हैं। इस सप्ताह की शुरुआत में प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ़ ने घोषणा की थी कि नेशनल असेंबली 9 मई को निर्धारित समय से पहले भंग कर दी जाएगी, जिससे अगले 90 दिनों में आम चुनाव होंगे। इमरान खान को कानूनी रूप से रास्ते से हटाने से एक और पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की घर वापसी का रास्ता साफ हो गया है।

क्या करेगी पार्टी

यह देखना बाकी है कि पाकिस्तान थेरिक-ए-इंसाफ (पीटीआई) अपने नेता के अयोग्य, दोषी और जेल में बंद होने के बावजूद कैसे काम करती है। बीते 9 मई को पूरे पाकिस्तान में पीटीआई सदस्यों के उत्पात के बाद से पीटीआई के कई नेताओं और कैडरों ने पार्टी छोड़ दी है। इमरान के वफादार कितने लोग बने रहेंगे, ये भी पक्के तौर पर नहीं कहा जा सकता।

100 से ज्यादा मामले

तोशखाना मामले के अलावा इमरान खान के खिलाफ ईशनिंदा से लेकर आतंकवाद और देशद्रोह तक के 121 मामले हैं। इमरान खान द्वारा मई में इस्लामाबाद उच्च न्यायालय को सौंपी गई एक सूची में कुल 121 मामले गिनाए गए हैं। सूची में कहा गया है कि इमरान खान के खिलाफ संघीय राजधानी में 31 मामले दर्ज किए गए हैं और पंजाब प्रांत की राजधानी लाहौर में 30 मामले और कॉल-अप नोटिस जारी किए गए हैं। सूची के अनुसार, इमरान के खिलाफ लाहौर में आतंकवाद के 12 मामले दर्ज किए गए हैं और फैसलाबाद में 14 मामले दर्ज किए गए हैं। पूरे देश में इमरान खान के खिलाफ आतंकवाद के 22 मामले दर्ज किए गए हैं। तोशखाना मामले के अलावा, खान और पीटीआई नेताओं को राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (एनएबी) की एक अन्य जांच में भी संलिप्त बताया गया है।

पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान, उनकी पत्नी बुशरा बीबी और अन्य पीटीआई नेताओं के खिलाफ एनएबी की एक जांच चल रही है। ये मामला तत्कालीन पीटीआई सरकार और एक संपत्ति व्यवसायी के बीच समझौते से संबंधित है जिससे कथित तौर पर राष्ट्रीय खजाने को 190 मिलियन पाउंड का नुकसान हुआ था। कुल मिलाकर इमरान के खिलाफ इन सभी मामलों और हाल ही में 9 मई की हिंसा के बाद उनकी पाकिस्तान तहीरक इंसाफ पार्टी से पलायन के बाद, इमरान खान के लिए राह आसान नहीं दिख रही है।

नवाज़ की वापसी

बहरहाल, पाकिस्तान में आगामी चुनावों के लिए अब मंच तैयार हो चुका है। "पंजाब के शेर" नवाज़ शरीफ के बारे में अफवाह है कि वे लंदन में आत्म-निर्वासन खत्म कर सितंबर में वापस आने वाले हैं। कानूनी तौर पर वह दोबारा चुनाव लड़ सकते हैं। उनके भाई, पाकिस्तान के वर्तमान प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ़ कार्यवाहक प्रधान मंत्री के कार्यभार संभालने के लिए 1 अगस्त को पद छोड़ देंगे। वह पहले ही संकेत दे चुके हैं कि वह अपने बड़े भाई के लिए रास्ता बनाएंगे। प्रधानमंत्री शहबाज़ ने हाल ही में कहा भी है - "आप देखेंगे कि जब नवाज़ शरीफ़ पाकिस्तान लौटेंगे तो राजनीति का नक्शा बदल जाएगा।" पनामा पेपर्स खुलासे के तहत भ्रष्टाचार के आरोप में नवाज पर 2017 में सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव लड़ने पर प्रतिबंध लगा दिया था।

हालाँकि, जून में सरकार द्वारा लाया गया एक नया कानून, सुप्रीम कोर्ट रिव्यू ऑफ़ जजमेंट्स एंड ऑर्डर्स एक्ट 2023, 60 दिनों के भीतर आजीवन अयोग्यता के खिलाफ अपील दायर करने की अनुमति देता है। अगर इमरान और उनकी पार्टी चुनाव से बेदखल रहते हैं तो चुनाव का शायद ही कोई मतलब रह जाए। इस परिदृश्य में अंतरराष्ट्रीय रिएक्शन भी पाकिस्तान के खिलाफ ही जायेगा।

Neel Mani Lal

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