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पाकिस्तान चुनाव: इमरान खान 92,891 वोटों से जीते, इन दिग्गजों को करना पड़ा हार का सामना

Aditya Mishra
Published on: 26 July 2018 5:10 PM IST
पाकिस्तान चुनाव: इमरान खान 92,891 वोटों से जीते, इन दिग्गजों को करना पड़ा हार का सामना
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दिल्ली: पाकिस्‍तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी (पीटीआई) के नेता इमरान खान चुनाव जीत गये है। उन्होंने अपनी सीट नेशनल असेंबली इस्‍लामाबाद 2 पर 92,891 वोटों से जीत हासिल की है। साथ ही उनकी पार्टी 115 सीटों पर आगे चल रही है। उनकी पार्टी के नेता सदाकत अली अब्‍बासी ने पाकिस्‍तान के पूर्व प्रधानमंत्री और पीएमएल-एन के प्रत्‍याशी शाहिद खक्‍कान अब्‍बासी हरा दिया है। इस चुनाव में तहरीक-ए-इंसाफ सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है। चुनावों में मिल रही जीत पर उनके समर्थकों में भी खुशी की लहर है। समर्थकों ने सड़कों पर उतरकर जश्‍न मनाना शुरू कर दिया है।

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इन दिग्गज नेताओं को चुनाव में मिली हार

शहबाज शरीफ

पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के नेता शहबाज़ शरीफ़ चुनाव हार गये है। वे पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के छोटे भाई है। पार्टी की कमान इस समय उनके हाथों में ही है। शहबाज आठ जून 2013 से पंजाब प्रांत के मुख्‍यमंत्री के तौर पर अपनी जिम्‍मेदार संभाल रहे थे। इस वर्ष जून में ही उन्‍होंने अपना पद छोड़ा है। वह पहली बार साल 1997 में पंजाब के मुख्‍यमंत्री बने थे। साल 1988 में पाकिस्‍तान के आम चुनावों में शहबाज को पहली बार प्रांतीय एसेंबली के चुनावों में जीत मिली। साल 1990 में जब चुनाव हुए तो शहबाज दूसरी बार पंजाब प्रांत से जीते और इसी वर्ष उन्‍होंने पहली बार जनरल इलेक्‍शंस में जीत हासिल की।

हाफिज सईद

मुंबई हमलों के मास्टरमाइंड और लशकर-ए-तैयबा के मुखिया हाफिज सईद की पार्टी मिल्ली मुस्लीम लीग चुनाव हार गई है। उसकी पार्टी का एक भी उम्मीदवार जीत हासिल नहीं कर पाया है। उसका खुद का बेटा हाफिज तल्हा और दामाद खालिद वलीद दोनों ही अपनी सीटें नहीं बचा पाए है। उन्हें बुरी तरह से हार का मुंह देखना पड़ा है।

बता दें कि आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का संस्थापक और वर्तमान में जमात-उद-दावा का सरगना हाफिज सईद का जन्म पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के सरगोधा में 10 मार्च 1950 को हुआ था। वह भारत की सर्वाधिक वांछित अपराधियों की सूची में शामिल है। मुंबई की 26/11 हमले में उसका हाथ होने की बात सामने आई थी जिसमें छह अमेरिकी नागरिक समेत 166 लोग मारे गए थे। भारत तब से पाकिस्तान से लगातार उसे सौंपने को कहता रहा है। अमेरिका ने दुनिया में ‘आंतकवाद के लिए जिम्मेदार’ लोगों की सूची जारी की है उसमें हाफिज सईद का भी नाम है। उस पर अमेरिका ने एक करोड़ डॉलर का इनाम घोषित कर रखा है।

बिलावल भुट्टो

पूर्व प्रधानमंत्री बेनज़ीर भुट्टो के 29 वर्षीय बेटे बिलावल भुट्टो चुनाव हार गये है। इस समय उनके हाथों में ही पाकिस्तान पीपुल्ज़ पार्टी की कमान है। बिलावल भुट्टो एक शांतीपूर्ण और तरक्कीपरस्त पाकिस्तान बनाने के वादे पर वोट मांग रहे थे। लेकिन उन्हें चुनाव में कामयाबी नहीं मिल पाई।

बता दे कि भुट्टो खानदान की चौथी पीढ़ी हैं बिलावल भुट्टो। उन्होंने ऑक्सफ़र्ड यूनिवर्सिटी से पढ़ाई की है। मां बेनजीर की मौत के बाद 19 साल की उम्र में उन्हें पार्टी की जिम्मेदारी सौंप दी गई थी। वे अपने तीन भाई बहनों में सबसे बड़े है। पिछले चुनाव में भी बिलावल के नेतृत्व में पार्टी कोई कमाल नहीं कर पाई। बिलावल भुट्टो पाकिस्तान की पूर्व विदेश मंत्री हिना रब्बानी के साथ अपनी नजदीकियों की वजह से भी चर्चा में आ चुके है। दोनों को कई बार पाकिस्तान के बाहर एक साथ सड़कों पर घूमते हुए भी देखा गया था। तब सोशल मीडिया में उनकी फोटो भी खूब वायरल हुई थी।

फजल उर रहमान

मुत्ताहिदा मजलिस-ए-अमल (MMA) के चीफ फजल उर रहमान, चुनाव हार गये है। वे एक धार्मिक पार्टी के मुखिया है। उन्होंने सभी सीटों पर अपने उम्मीदवार चुनाव में उतारे थे। लेकिन उन्हें हर जगह से हार का मुंह देखना पड़ा है। उन्हें पाक पीएम बनाने के लिए जमात-ए-इस्लामी, उलेमा-ए-इस्लाम-फजल, उलेमा-ए-पाकिस्तान और तहरीक-ए-जफारिया जैसी पारंपरिक मजहबी पार्टियों ने अपना समर्थन दिया था। इन सब के बावजूद उनकी पार्टी चुनाव में अच्छा परफार्म नहीं कर पाई।

बता दे कि फजल उर रहमान की पाकिस्तान के अंदर पहचान एक कट्टरवादी धार्मिक नेता के तौर पर है। उन पर अंधविश्वास को भी बढ़ावा देने का आरोप लग चुका है। वे धर्म का हवाला देकर अपने भाषणों से लोगों को उकसाने का भी काम करते है। उन्होंने हाल ही एक बयान दिया था। जिसमें उन्होंने कहा था कि पाकिस्तान के अंदर जो कोई भी खत्म ए नेबुब्बत (Khatm-e-Nabuwwat) यानि की कुरान के संदेशों को गलत तरह से मैनुपुलेट करने की कोशिश करेगा वो पकिस्तान के अंदर अपनी कब्र खोदने का काम करेगा। इस बयान के सामने आने के बाद से उनकी तीखी आलोचना हुई थी।

पीएमएल- एन ने मतगणना प्रक्रिया पर आपत्ति जताई

इस बीच पीएमएल- एन ने मतों की गणना की प्रक्रिया पर आपत्ति जताई है और आरोप लगाया है कि उनकी पार्टी के एजेंटों को कई निवार्चन क्षेत्रों के मतदान केंद्रों से बाहर किया गया है। पीपीपी के मौला बक्स चंदियों ने भी दावा किया कि उनकी पार्टी के एजेंटों को बादिन में मतदान केंद्रों के अंदर नहीं जाने दिया गया।

इमरान को हासिल है सेना और आईएसआई का समर्थन, विरोधियों का आरोप

इन चुनावों में इमरान खान के विरोधियों ने आरोप लगाया है कि उनकी पार्टी यानि पीटीआई को पाकिस्‍तानी सेना और पाकिस्‍तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई का समर्थन मिला हुआ है। इस कारण उन्हें अपने विरोधियों के खिलाफ थोड़ी बढ़त हासिल है. इमरान खान ने दावा किया है कि वह देश की अब तक की राजनीतिक पार्टियों को मात देकर एक 'नया पाकिस्तान' बनाएंगे।

नेशनल असेंबली में होते हैं कुल 342 सदस्य

दरअसल, पाकिस्तान की नेशनल असेंबली में कुल 342 सदस्य होते हैं, जिनमें से 272 को सीधे तौर पर चुना जाता है, जबकि शेष 60 सीटें महिलाओं और 10 सीटें धार्मिक अल्पसंख्यकों के लिए आरक्षित हैं। आम चुनावों में पांच फीसदी से ज्यादा वोट पाने वाली पार्टियां इन आरक्षित सीटों पर समानुपातिक प्रतिनिधित्व के हिसाब से अपने प्रतिनिधि भेज सकती हैं।

272 जनरल सीटों पर 3,459 उम्मीदवार मैदान

नेशनल असेंबली की 272 जनरल सीटों के लिए 3,459 उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं, जबकि चार प्रांतीय विधानसभाओं- पंजाब, सिंध, बलूचिस्तान और खैबर-पख्तूनख्वा की 577 जनरल सीटों के लिए 8,396 उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। इन चुनावों में 30 से ज्यादा राजनीतिक पार्टियों ने अपने उम्मीदवार उतारे हैं।

इस चुनाव में कुल कितने वोटर?

105, 955, 407 रजिस्टर्ड वोटर हैं। इनमें 46,731,145 महिलाएं और 59,224,262 पुरुष वोटर हैं।

पिछले चुनाव का मतदान प्रतिशत क्या था?

पाकिस्तान के पिछले आम चुनाव में कुल 55 फीसदी मतदान हुआ था। जनसंख्या के लिहाज से पाकिस्तान दुनिया का छठवां सबसे बड़ा मुल्क है।

कितनी महिला उम्मीदवार?

संसद की 272 सीटों पर लगभग 171 महिला उम्मीदवार भाग्य आजमा रही हैं। पांच ट्रांसजेंडर्स को भी चुनाव लड़ने की मंजूरी दी गई है।



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Aditya Mishra

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