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बाइडेन के इस ऐलान से भारत को तगड़ा झटका, पाकिस्तान की हुई बड़ी जीत
बाइडेन ने अमेरिका और नाटो के सैनितों को अफगानिस्तान से वापस बुलाने का फैसला किया है। जिसने भारत की चिंता बढ़ा दी है।
नई दिल्ली: अमेरिका के जो बाइडेन प्रशासन के एक फैसले ने भारत को बड़ा झटका दिया है और पाकिस्तान की जीत के तौर पर देखा जा रहा है। दरअसल, अमेरिकी सरकार ने अमेरिका और नाटो के सैनितों को अफगानिस्तान से वापस बुलाने का फैसला किया है। प्रशासन ने ऐलान किया है कि वो सैनिकों को सिंतबर तक वापस बुला लेगा। जिसके बाद भारत की चिंता बढ़ गई है।
दरअसल, भारत इस बात से चिंतित है कि अमेरिकी सैनिकों की वापसी के बाद अफगानिस्तान में अस्थिरता बढ़ जाएगी। अफगानिस्तान में एक वैक्यूम बनेगा और तालिबान फिर से वहां अपने आपको मजबूत करने की कोशिश में जुट जाएगा। इसके साथ ही विश्लेषक भी चिंता जता रहे हैं कि अफगानिस्तान में तालिबान फिर से सिर उठा सकता है।
तालिबान और पाकिस्तान फैसले हुए खुश
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के इस ऐलान को तालिबान और पाकिस्तान अपनी जीत के तौर पर देख रहे हैं। वहीं, एक मीडिया रिपोर्ट में लिखा है कि इस बारे में बताते हुए तालिबान के एक वरिष्ठ सदस्य ने कहा है कि उन्होंने यह जंग जीत ली है और अमेरिका हार गया है। इससे साफ है कि तालिबान एक बार फिर से अफगानिस्तान में खुद को मजबूत करने की कवायद में जुट जाएगा। इसी बात ने भारत की सिरदर्दी बढ़ा दी है।
भारत अमेरिकी सैनिकों की वापसी के बाद अफगानिस्तान में पाकिस्तान की बढ़ने वाली भूमिका को लेकर भी फ्रिकमंद है। दरअसल, भारत को लगता है कि सैनिकों के वापस चले जाने से अफगानिस्तान में अस्थिरता बढ़ेगी। साथ ही इस अस्थिरता की आंच कश्मीर तक महसूस की जाएगी। वहीं, तालिबान से पाकिस्तान के रिश्ते किसी से भी छिपे नहीं हैं। जबकि भारत तालिबान का विरोध करता आया है।
भारत के हितों को नुकसान पहुंचा सकता है पाकिस्तान
चिंता जताई जा रही है कि पाकिस्तान तालिबान पर अपने प्रभाव का इस्तेमाल भारत के हितों को नुकसान पहुंचाने में भी कर सकता है। इस बीच नई दिल्ली में एक सुरक्षा सम्मेलन में भारत के चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) बिपिन रावत ने इस बारे में कहा कि हम अमेरिका और नाटो के वापस चले जाने के बाद वहां पैदा होने वाले वैक्यूम को लेकर चिंतित हैं। अभी भी अफगानिस्तान में हिंसा जारी है।
उन्होंने कहा कि दूसरे लोग इस मौके का फायदा उठा सकते हैं। हम इस क्षेत्र में शांति और स्थिरता देखना चाहते हैं। उन्होंने साफ तौर पर तो किसी देश का नाम नहीं लिया, लेकिन उनका इशारा पाकिस्तान की ओर ही था। दूसरी ओर विश्लेषक भी चिंता जता रहे हैं कि इस युद्धग्रस्त देश का आतंकवादियों के शरणस्थली के रूप में इस्तेमाल किया जाना भारत के लिए चिंता का विषय होगा।
बाइडेन ने किया है ये ऐलान
अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने बुधवार को ऐलान किया है कि अफगानिस्तान से करीब दो दशक के बाद इस साल 11 सितंबर तक सभी अमेरिकी सैनिकों को वापस बुला लिया जाएगा। इसके बाद NATO ने भी अफगानिस्तान से अपने सैनिकों को वापस बुलाने की बात कही है।