पाकिस्तान की खुली पोल: भारत ने किया झूठ उजागर, अब बातचीत नहीं सीधे होगी जंग

भारत ने बातचीत शुरू करने से पहले पाकिस्तान को आतंकवाद और हिंसा के खिलाफ ठोस कदम उठाने को कहा है। इसके लिए पाकिस्तान को सीमा पार चल रहे आतंकवादी ट्रेनिंग शिविरों को खत्म करना होगा और अपने क्षेत्र में सक्रिय सैकड़ों आतंकियों पर शिकंजा कसना होगा।

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Published on: 14 Oct 2020 2:59 PM GMT
पाकिस्तान की खुली पोल: भारत ने किया झूठ उजागर, अब बातचीत नहीं सीधे होगी जंग
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पाकिस्तान की खुली पोल: भारत ने किया झूठ उजागर, अब बातचीत नहीं सीधे होगी जंग

अंशुमान तिवारी

नई दिल्ली। भारत ने एक बार फिर पाकिस्तान के झूठ का पर्दाफाश किया है। पाकिस्तान की ओर से बुधवार को दावा किया गया था कि भारत ने पाकिस्तान के साथ बातचीत शुरू करने के कुछ संकेत दिए हैं। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे पर सलाहकार मोइद यूसुफ का कहना था कि नई दिल्ली ने पाकिस्तान के साथ बातचीत करने की इच्छा जताई है।

इस मामले में जानकार लोगों का कहना है कि भारत की ओर से पाकिस्तान से बातचीत की कोई पहल नहीं की गई है। भारत ने इस बाबत न तो सीधे और न किसी मध्यस्थ के जरिए ही पाकिस्तान से कोई संपर्क किया है।

पाक के दावे को पूरी तरह काल्पनिक बताया

इस बाबत सरकारी सूत्रों का कहना है कि पाकिस्तान की ओर से किया गया यह दावा पूरी तरह काल्पनिक और बेबुनियाद है। सूत्रों के मुताबिक भारत ने पाकिस्तान के साथ बातचीत शुरू करने के संबंध में अपना रुख हमेशा साफ रखा है।

भारत ने बातचीत शुरू करने से पहले पाकिस्तान को आतंकवाद और हिंसा के खिलाफ ठोस कदम उठाने को कहा है। इसके लिए पाकिस्तान को सीमा पार चल रहे आतंकवादी ट्रेनिंग शिविरों को खत्म करना होगा और अपने क्षेत्र में सक्रिय सैकड़ों आतंकियों पर शिकंजा कसना होगा।

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पहले आतंकवाद पर कसना होगा शिकंजा

इस बाबत एक वरिष्ठ अफसर का कहना है कि बिना किसी अनुकूल वातावरण के पाकिस्तान के साथ बातचीत शुरू करने का कोई मतलब ही नहीं है। इस बाबत किए जा रहे किसी भी दावे में कोई दम नहीं है। यह पाकिस्तान की ओर से की गई एक नई शरारत है।

पाकिस्तान को पहले आतंकवाद के खिलाफ ठोस कदम उठाने होंगे और बातचीत के लिए अनुकूल माहौल तैयार करना होगा। अधिकारी ने कहा कि पाकिस्तान का यह दावा उसी तरह अपमानजनक है जितना 2014 में पेशावर में एक स्कूल पर हुए आतंकवादी हमले को भारत से जोड़ना अपमानजनक था।

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इमरान के सलाहकार ने किया था यह दावा

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के राष्ट्रीय सुरक्षा और रणनीतिक नीति नियोजन पर विशेष सहायक मोइद युसूफ का कहना था कि भारत ने पाकिस्तान से बातचीत करने की इच्छा जताई है और इस बाबत संदेश भी भेजा है, लेकिन उन्होंने इसका ब्योरा देने से इनकार कर दिया था।

वैसे भारत के साथ बातचीत शुरू करने के लिए उन्होंने भी कई शर्ते रखी थी। उनका कहना था कि जम्मू-कश्मीर में राजनीतिक कैदियों की रिहाई, कश्मीरियों को बातचीत में एक पार्टी बनाने, घाटी में प्रतिबंधों को खत्म करने और जम्मू-कश्मीर में लागू किए गए ने अधिवास कानून को रद्द किया जाना चाहिए। उनका यह भी कहना था कि जम्मू कश्मीर में किया गया बदलाव कोई आंतरिक मामला नहीं है बल्कि यह मामला संयुक्त राष्ट्र संघ के अधीन ही आता है।

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आईएसआई के साथ काम कर चुके हैं युसूफ

इमरान खान का सलाहकार बनने से पहले युसूफ पाकिस्तानी सेना और आईएसआई के साथ भी काम कर चुके हैं। जानकार सूत्रों का कहना है कि युसूफ की ओर से किया गया दावा जानबूझकर किया गया है ताकि घाटी को लेकर मौजूद तथ्यों पर आपत्ति जताई जा सके।

घाटी में आतंकियों को पाक की मदद

भारत ने पाकिस्तान के साथ बातचीत शुरू करने के मुद्दे पर हमेशा अपना रुख साफ रखा है।‌ घाटी में अभी भी आतंकी गतिविधियों पर पूरी तरह विराम नहीं लग सका है और घाटी में सक्रिय आतंकी और आतंकी संगठनों को पाकिस्तान की ओर से पूरी मदद की जा रही है।

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इस बाबत समय-समय पर भारत-पाकिस्तान की पोल खोलता रहा है और उसे आतंकवाद को बढ़ावा देने से बाज आने की नसीहत देता रहा है। इसके बावजूद पाकिस्तान के रवैये में अभी तक कोई सुधार नहीं आया है। पाकिस्तान ने अभी भी कई ऐसे आतंकियों को पनाह दे रखी है जो भारत में मोस्ट वांटेड हैं। ऐसे में दोनों देशों के बीच बातचीत शुरू होने का कोई भी माहौल नहीं दिख रहा है।

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