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यूके के साथ फ्री ट्रेड समझौता: स्कॉच व्हिस्की और ऑटो पुर्जों पर ड्यूटी घटना तय

India Free Trade Agreement with UK: भारत और यूनाइटेड किंगडम एक मुक्त व्यापार समझौते के करीब हैं। यह समझौता जल्द पूरा होने की उम्मीद है। लेकिन अब भी कठिन बाधाओं को पार करना बाकी है।

Neel Mani Lal
Published on: 29 Aug 2023 5:04 PM IST
यूके के साथ फ्री ट्रेड समझौता: स्कॉच व्हिस्की और ऑटो पुर्जों पर ड्यूटी घटना तय
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यूके के साथ फ्री ट्रेड समझौता: Photo- Social Media

India Free Trade Agreement with UK :भारत और यूनाइटेड किंगडम एक मुक्त व्यापार समझौते के करीब हैं। यह समझौता जल्द पूरा होने की उम्मीद है। लेकिन अब भी कठिन बाधाओं को पार करना बाकी है। भारत वीजा प्रतिबंधों में ढील और यूके के श्रम बाजारों तक अधिक पहुंच चाहता है । लेकिन इस पर कोई बात नहीं हुई है। बहरहाल, समझौते की बातचीत के क्रम में भारत स्कॉच व्हिस्की पर ड्यूटी को 150 प्रतिशत से घटाकर 100 प्रतिशत करने और ब्रिटिश ऑटोमोबाइल और ऑटोमोटिव घटकों के आयात पर समान शुल्क कटौती करने पर सहमत हो गया है।

भारतीय छात्रों का मसला

वीज़ा प्रतिबंध और श्रम बाज़ार तक अधिक पहुंच पर भी बातचीत नहीं हो रही है । फिर भी भारत अनुरोध कर रहा है कि जो भारतीय ब्रिटेन में थोड़े समय के लिए काम करते हैं उन्हें सामाजिक सुरक्षा भुगतान से छूट दी जानी चाहिए। वर्तमान में ब्रिटेन में जो भारतीय थोड़े समय के प्रवास करते हैं उनको भी सामाजिक सुरक्षा भुगतान करना पड़ता है। और इसका उन्हें कोई फायदा भी नहीं होता।

एक पेचीदा मुद्दा यह है कि भारत ब्रिटेन में भारतीय छात्रों से संबंधित नियमों के बारे में कानूनी आश्वासन भी चाहता है। ब्रिटेन की गृह सचिव सुएला ब्रेवरमैन द्वारा पेश किए गए सख्त नए नियमों के तहत विदेशी छात्रों को अपनी पढ़ाई के दौरान परिवार के सदस्यों को अपने साथ रखने की अनुमति नहीं होगी। इसके अलावा अपना पाठ्यक्रम पूरा करने के बाद छात्रों को ब्रिटेन में रहने की अनुमति के समय को भी कम करने का प्रयास किया जा रहा है।

13 दौर की बातचीत

भारत और यूके ने व्यापार वार्ता के 13 दौर आयोजित किए हैं। यूके के व्यापार सचिव केमी बडेनोच पिछले सप्ताह भारत में थे, ताकि कुछ जटिल मुद्दों को सुलझाने में मदद मिल सके । जिन्हें ऐसी वार्ताओं में अनिवार्य रूप से अंतिम बातचीत पर छोड़ दिया जाता है। बैडेनोच का इस बात पर जोर है कि वीजा प्रतिबंधों में ढील और श्रम बाजार तक पहुंच व्यापार वार्ता का हिस्सा नहीं है। उनका कहना है कि वास्तव में, वीज़ा और वीज़ा उदारीकरण मुक्त-व्यापार समझौतों के अंतर्गत नहीं आते हैं। यह एक आव्रजन मुद्दा है, जिसे हमारे गृह कार्यालय द्वारा निपटाया जाता है।

ऑटो पार्ट्स आयात

भारत ऑटोमोबाइल आयात पर 70 प्रतिशत से 100 प्रतिशत के बीच आयात शुल्क लगाता है। इसे पांच साल की अवधि में 10 प्रतिशत तक लाने का प्रस्ताव है। भारत वैश्विक स्तर पर दुनिया के सबसे संरक्षण प्राप्त ऑटोमोबाइल बाजारों में से एक है, इसलिए शुल्कों में कटौती से बाजार पर काफी प्रभाव पड़ेगा। भारतीय वाहन निर्माता, टाटा मोटर्स, निश्चित रूप से, यूके की शीर्ष वाहन निर्माता जगुआर लैंडरोवर में सबसे बड़े शेयरधारक हैं। टेस्ला भी भारतीय बाजार में प्रवेश करने पर विचार कर रहा है। लेकिन संरक्षण वाले टैरिफ के कारण उसने फिलहाल अपनी योजना छोड़ दी है। एक प्रस्ताव यह है कि शुरुआत में देश में केवल सीमित संख्या में कारों को आने की अनुमति दी जानी चाहिए।

स्कॉच व्हिस्की का मसला

स्कॉच व्हिस्की लंबे समय से यूके और भारत के बीच सबसे पेचीदा मुद्दा रहा है। जब ब्रिटेन अंतरराष्ट्रीय संगठन का हिस्सा था, तब यह भारत-ईयू वार्ता में भी एक महत्वपूर्ण मुद्दा था। कुछ महीने पहले जारी नवीनतम आंकड़ों के अनुसार भारत अब विश्व स्तर पर दूसरा सबसे बड़ा स्कॉच व्हिस्की उपभोक्ता है। इसने फ्रांस को पीछे छोड़ दिया है। लेकिन भारत के शक्तिशाली शराब कारोबारी हमेशा से ही स्कॉच व्हिस्की पर शुल्क कम करने में बहुत बड़ी बाधा रहे हैं। अब सवाल यह है कि क्या सरकार उन्हें टैरिफ कम करने पर अपनी आपत्तियां छोड़ने के लिए मना पाएगी। स्कॉच व्हिस्की निर्माताओं का तर्क है कि उनकी बिक्री हमेशा बाजार के ऊपरी हिस्से तक सीमित होती है।इससे स्थानीय उत्पादकों को कोई खतरा नहीं होगा।

अल्पकालिक श्रमिक

अल्पकालिक श्रमिकों के लिए सामाजिक सुरक्षा भुगतान में छूट के मुद्दे पर भारत मजबूत स्थिति में है। फ़्रांस, ऑस्ट्रेलिया और कनाडा सभी ने ऐसी छूट दी है। फ़्रांस ने 20 साल से भी पहले ऐसे भुगतानों के बारे में अपने नियम बदले थे। यदि ब्रिटिश सरकार सामाजिक सुरक्षा भुगतान पर नियमों को आसान बनाने की योजना बना रही है तो उसे एक असामान्य समस्या का सामना करना पड़ सकता है, वह यह कि इस तरह के कदम से भारत के सॉफ्टवेयर सेवा उद्योग को लाभ होगा। इसमें जाहिर तौर पर इंफोसिस भी शामिल होगी। जिसमें ब्रिटिश प्रधान मंत्री ऋषि सुनक की पत्नी अक्षता मूर्ति की काफी हिस्सेदारी है। सुनक पर पहले ही इंफोसिस के पक्ष में कदम उठाने के आरोप लग चुके हैं। द गार्जियन की एक रिपोर्ट के अनुसार व्यापार और व्यापार चयन समिति के लेबर पार्टी के अध्यक्ष सांसद डैरेन जॉन्स चाहते हैं कि सुनक खुद को व्यापार वार्ता से अलग कर लें।

नाजुक दौर में वार्ता

बहरहाल, दोनों पक्षों के अधिकारियों का कहना है कि संधि के 26 में से 19 अध्याय पूरे होने के साथ, वार्ता सबसे गहन और राजनीतिक रूप से नाजुक चरण में पहुंच गई है, जिसमें वस्तुओं, सेवाओं और श्रम गतिशीलता पर प्रमुख रियायतों पर बातचीत की जा रही है।

दोनों पक्षों के अपने अपने फायदे हैं। ब्रिटेन में भारत दूसरा सबसे बड़ा विदेशी निवेशक है। दोनों पक्षों को उम्मीद है कि यह सौदा 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को दोगुना करने के लक्ष्य को पूरा करने में मदद करेगा। पिछले साल भारत को यूके का निर्यात 44 प्रतिशत बढ़कर 14.7 बिलियन पाउंड स्टर्लिंग हो गया, जबकि भारत से आयात भी 28 प्रतिशत बढ़कर 21.6 बिलियन पाउंड स्टर्लिंग हो गया।

बैडेनोच ने कहा - अब हम बातचीत के अंतिम चरण में हैं। मैं कोई समय सीमा नहीं दे सकता, कुछ भी हो सकता है । लेकिन मैं "पारस्परिक रूप से लाभकारी" सौदा करने को लेकर बहुत आशावादी हूं। दोनों देशों को उम्मीद है कि अगले साल के आम चुनाव से पहले व्यापार वार्ता पूरी हो जाएगी।



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Neel Mani Lal

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