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Quad Summit: UNSC में स्थायी सदस्यता के लिए भारत का समर्थन,अड़ंगा लगाने वाला चीन क्यों करता रहा है विरोध

Quad Summit: अमेरिका और रूस समेत कई प्रमुख देशों का भारत को स्थायी सदस्यता के मुद्दे पर पहले भी समर्थन मिलता रहा है। हालांकि इस काम में सबसे बड़ा रोड़ा चीन अटकाता रहा है।

Anshuman Tiwari
Published on: 22 Sept 2024 3:31 PM IST
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Quad Summit: अमेरिका में चल रही क्वाड समिट के दौरान संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की स्थायी सदस्यता का मामला एक बार फिर चर्चाओं में आ गया है। शिखर सम्मेलन के दौरान क्वाड देश के नेताओं ने सुरक्षा परिषद में सुधार के प्रति अपना समर्थन जताया। इस दौरान स्थायी और अस्थायी सदस्यों की श्रेणियों में विस्तार की आवश्यकता पर भी जोर दिया गया। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ बैठक के दौरान वैश्विक संस्थानों में भारत की आवाज को मान्यता देने की बात की। उन्होंने सुरक्षा परिषद में भारत की स्थायी सदस्यता का भी समर्थन किया।

अमेरिका और रूस समेत कई प्रमुख देशों का भारत को स्थायी सदस्यता के मुद्दे पर पहले भी समर्थन मिलता रहा है। हालांकि इस काम में सबसे बड़ा रोड़ा चीन अटकाता रहा है। चीन हमेशा इस बात का विरोध करता रहा है क्योंकि उसे इस बात का डर सताता रहा है कि वैश्विक मंच पर इससे भारत को काफी मजबूती मिल जाएगी। चीन हमेशा से वैश्विक मंच पर भारत की आवाज मजबूत होने के खिलाफ साजिशें रचता रहा है। क्वाड शिखर सम्मेलन को लेकर अभी तक चीन ने कोई आधिकारिक टिप्पणी नहीं की है मगर माना जा रहा है कि वह निश्चित रूप से एक बार फिर कोई न कोई बाधा खड़ी करेगा।

भारत को मिला क्वाड देशों का समर्थन

अमेरिका में क्वाड शिखर सम्मेलन के दौरान अमेरिका, जापान, ऑस्ट्रेलिया और भारत ने सुरक्षा परिषद में सुधार के लिए समर्थन की शपथ ली। पीएम मोदी से वार्ता के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन की ओर से भारत की स्थायी सदस्यता की दावेदारी का समर्थन किया जाना काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। बाइडेन के साथ मुलाकात के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि मौजूदा समय में वैश्विक स्थितियां पूरी तरह अलग हैं और इसलिए सुरक्षा परिषद में सुधार किया जाना चाहिए। जापान के पीएम फुमियो किशिदा और ऑस्ट्रेलिया के एंथनी अल्बानीस ने भी भारत के लिए इस वैश्विक मंच का दरवाजा खोलने पर जोर दिया है। हालांकि भारत की दावेदारी का अमेरिका और कई प्रमुख देश पहले भी समर्थन कर चुके हैं। माना जा रहा है कि क्वाड समिट के जरिए एक बार फिर इसके लिए दबाव बनाने की कोशिश की गई है।

चीन हमेशा करता रहा है विरोध

सुरक्षा परिषद में अमेरिका ब्रिटेन रूस फ्रांस और चीन स्थायी सदस्य हैं। इनमें से चीन को छोड़कर बाकी सभी देशों ने समय-समय पर भारत की दावेदारी का समर्थन किया है। भारत का धुर विरोधी चीन हमेशा भारत की स्थायी सदस्यता का विरोध करता रहा है। दरअसल चीन को इस बात का खतरा सताता रहता है कि स्थायी सदस्यता हासिल करके भारत इस बड़े वैश्विक मंच पर चीन के बराबर खड़ा हो जाएगा।कूटनीतिक जानकारों का भी मानना है कि यदि भारत संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की स्थायी सदस्यता हासिल करने में कामयाब रहा तो निश्चित रूप से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की ताकत काफी बढ़ जाएगी। चीन वैश्विक स्तर पर भारत का प्रभाव कभी बढ़ने नहीं देना चाहता। इसलिए वह भारत की स्थायी सदस्यता की राह में रोड़े खड़े करता रहा है।

पर्दे के पीछे से चीन का बड़ा खेल

स्थायी सदस्यता के साथ ही भारत को वीटो पावर भी हासिल हो जाएगा। चीन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दादागिरी दिखाने के लिए कुख्यात रहा है और भारत वीटो पावर के जरिए चीन की तमाम चालों को नाकाम कर सकता है। भारत में लंबे समय से पाकिस्तान की ओर से प्रायोजित आतंकवाद चलाया जा रहा है मगर पर्दे के पीछे से चीन पाकिस्तान को समर्थन देता रहा है।पाकिस्तान से जुड़े कई कुख्यात आतंकवादियों के खिलाफ लाए गए प्रस्ताव को भी चीन अतीत में वीटो कर चुका है। अब देखने वाली बात होगी कि चीन की ओर से भारत को स्थायी सदस्यता देने से रोकने की साजिशों को दुनिया के अन्य बड़े देश नाकाम करने में कामयाब हो पाते हैं या नहीं।



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Shalini singh

Shalini singh

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