मसूद अजहर को बैन न करने पर UNSC को भारत की खरी-खरी, कहा- सिर्फ सियासत हो रही

आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के मुखिया मसूद अजहर को आतंकवादी घोषित कर प्रतिबंधित करने में 9 महीने लगाने पर भारत ने यूनाइटेड नेशन्स सिक्युरिटी काउन्सिल (यूएनएससी) की कड़ी आलोचना की है।

tiwarishalini
Published on: 8 Nov 2016 11:25 AM GMT
मसूद अजहर को बैन न करने पर UNSC को भारत की खरी-खरी, कहा- सिर्फ सियासत हो रही
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संयुक्त राष्ट्र: आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के मुखिया मसूद अजहर को आतंकवादी घोषित कर प्रतिबंधित करने में 9 महीने लगाने पर भारत ने यूनाइटेड नेशन्स सिक्युरिटी काउन्सिल (यूएनएससी) की कड़ी आलोचना की है। भारत का यह एतराज पाकिस्तानी आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के मुखिया पर प्रतिबंध लगाने की भारत की कोशिश को ‘टेक्निकल होल्ड के आधार पर’ खटाई में डालने पर था।

यूएन में भारत के परमानेंट रिप्रजेंटेटिव सैयद अकबरुद्दीन ने सोमवार को इस मुद्दे पर यूएनएससी को खरी-खरी सुनाई। अकबरुद्दीन ने आतंकवादी संगठनों के नेताओं पर प्रतिबंध लगाने में विफलता पर कहा कि यूएनएससी अपनी ही सियासत में फंसकर रह गई है। अकबरुद्दीन ने यूएनएससी के समतामूलक प्रतिनिधित्व और सदस्यता में वृद्धि पर आयोजित एक सेशन को संबोधित करते हुए यह बात रखी।

और क्या कहा अकबरुद्दीन ने ?

अकबरुद्दीन ने कहा जो संगठन पहले से ही आतंकी लिस्ट में है, उसके लीडर्स को आतंकवादी घोषित करने में 9 महीने का वक्त क्यों लग रहा है। अकबरूद्दीन ने कहा कि इस साल मानवीय स्थितियों, आतंकवादी खतरों और शांतिरक्षण की समस्याओं के प्रति कदम उठाने में अक्षमता अहम मामलों में प्रगति करने में विश्व समुदाय की कमी की कीमत का हिस्सा हैं, जिसे चुकाया जा रहा है।

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उन्होंने कहा कि इस साल मानवीय स्थितियों, आतंकवादी खतरों और शांतिरक्षण की समस्याओं के प्रति कदम उठाने में अक्षमता अहम मामलों में प्रगति करने में विश्व समुदाय की कमी की कीमत का हिस्सा हैं, जिसे चुकाया जा रहा है। अकबरूददीन ने कहा कि 70 साल पहले तय की गई इसकी सदस्यता, खास कर स्थाई श्रेणी में प्रतिनिधित्व की कमी इसकी वैधता और साख की कमी में इजाफा करती है। उन्होंने उम्मीद जताई कि मौजूदा संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनओ) प्रेसिडेंट पीटर थामसन के कार्यकाल में सुधार को आगे बढ़ाने की प्रक्रिया होगी।

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चीन ने लगा रखा है अडंगा

-दरअसल 31 मार्च 2016 में भारत ने पठानकोट हमले के मास्टर माइंड मसूद अजहर को आतंकवादी घोषित करने की मांग के साथ अर्जी दी थी।

-यूएनएससी के परमानेंट मेंबर चीन ने इस पर असहमति जता दी थी, जबकि 14 सदस्य देश इससे सहमत थे।

-चीन ने वीटो का इस्तेमाल करते हुए भारत की अर्जी के बाद होने वाली प्रॉसेस पर रोक लगा दी।

-जिससे यह मामला 6 महीने के लिए अटक गया था।

-इसके बाद सितंबर में सालभर के भीतर दूसरी बार चीन ने अड़ंगा लगाया।

-इस मामले पर तीन महीने का एक्सटेंशन मांगा।

-चीन कहना है कि भारत की अर्जी में अभी भी दिक्कत है।

मसूद अजहर को आतंकी घोषित करने पर क्या होगा?

-अगर मसूद अजहर को आतंकी लिस्ट में डाला जाए तो इससे उसकी सारी संपत्ति जब हो जाएगी और उसके एक देश से दूसरे देश में जाने पर भी रोक लगेगी। बता दें कि मसूद अजहर अब भी पाकिस्तान में खुले आम रैली करता है। इस पर भी रोक लगेगी।

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