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UNSC में भारत ने फिर दिया रूस का साथ, यूक्रेन मामले में अमेरिका के प्रस्ताव पर वोटिंग से बनाई दूरी
UNSC News: रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन ने जनमत संग्रह का हवाला देते हुए यूक्रेन के चार प्रांतों को रूस में शामिल करने की बड़ी घोषणा की है।
UNSC News: रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन ने जनमत संग्रह का हवाला देते हुए यूक्रेन के चार प्रांतों को रूस में शामिल करने की बड़ी घोषणा कर दी है। रूसी संसद ने भी पुतिन की इस घोषणा पर मुहर लगाते हुए इन प्रांतों को रूस का हिस्सा घोषित करते हुए यूक्रेन का 18 फ़ीसदी हिस्सा हड़प लिया है। पुतिन की ओर से उठाए गए इस कदम के खिलाफ विश्वव्यापी तीखी प्रतिक्रिया हुई है। पुतिन की ओर से उठाए गए इस कदम पर अमेरिका और अन्य पश्चिमी देश भड़क गए हैं।
पुतिन के इस कदम पर विरोध जताने के लिए अमेरिका और अल्बानिया ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में रूस के खिलाफ निंदा प्रस्ताव रखा मगर भारत में एक बार फिर इस प्रस्ताव पर वोटिंग से दूर रहकर रूस के साथ अपनी दोस्ती निभाई है। भारत के अलावा ब्राजील, चीन और गैबॉन ने भी इस प्रस्ताव पर वोटिंग में हिस्सा नहीं लिया। बाद में रूस ने अमेरिका की अगुवाई में लाए गए इस प्रस्ताव के खिलाफ वीटो का इस्तेमाल कर दिया जिसकी वजह से इस प्रस्ताव को खारिज कर दिया गया।
शांति की बहाली पर भारत का जोर
अमेरिका की अगुवाई में लाए गए इस प्रस्ताव के समर्थन में 10 देशों ने मतदान किया जबकि भारत समेत चार देशों ने मतदान से दूरी बना ली। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में इस प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान भारत का पक्ष रखते हुए संयुक्त राष्ट्र संघ में भारत के स्थायी प्रतिनिधि रुचिरा कंबोज ने दुनिया में शांति प्रक्रिया की बहाली पर जोर दिया। उन्होंने कूटनीति और संवाद से समस्याओं का समाधान करने की बात कही। उन्होंने कहा कि यूक्रेन में हाल में हुई घटनाओं को लेकर भारत हमेशा अपनी चिंता जताता रहा है। भारत की प्रतिनिधि ने कहा कि स्थिति की समग्रता को देखकर हमने इस प्रस्ताव पर वोटिंग से दूरी बनाई है।
पीएम मोदी की टिप्पणी का किया उल्लेख
उन्होंने कहा कि भारत हमेशा ही इस सिद्धांत को मानता रहा है कि मानव समाज की कीमत पर किसी भी समस्या का कोई समाधान नहीं निकाला जा सकता। उन्होंने कहा कि संबंधित पक्षों को हिंसा और शत्रुता का माहौल खत्म करने के लिए तत्काल कदम उठाने चाहिए। भारत की प्रतिनिधि ने कहा कि हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी इस बात को ही स्पष्ट कर चुके हैं कि मौजूदा युग युद्ध का नहीं हो सकता। उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री मोदी ने हाल में समरकंद में पुतिन के साथ मुलाकात के दौरान यह महत्वपूर्ण टिप्पणी की थी।
रूस के वीटो से प्रस्ताव हुआ खारिज
रूस सुरक्षा परिषद का स्थायी सदस्य है और उसके पास वीटो की ताकत है। अमेरिका और अल्बानिया की ओर से लाए गए प्रस्ताव पर रूस ने अपनी वीटो की ताकत का इस्तेमाल किया जिसकी वजह से यह प्रस्ताव खारिज कर दिया गया। इस बीच संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने रूस की ओर से उठाए गए कदम को अंतरराष्ट्रीय कानून और संयुक्त राष्ट्र के चार्टर का उल्लंघन बताया है।
उन्होंने कहा कि धमकी या बल प्रयोग के जरिए किसी देश द्वारा दूसरे देश के क्षेत्र पर कब्जा करना संयुक्त राष्ट्र के चार्टर का स्पष्ट तौर पर उल्लंघन है और इसे स्वीकार नहीं किया जा सकता। रूस के राष्ट्रपति पुतिन की ओर से की गई घोषणा के बाद अमेरिका और ब्रिटेन समेत कई पश्चिमी देशों ने सख्त नाराजगी जताई है। इसी कड़ी में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में रूस के खिलाफ निंदा प्रस्ताव लाया गया था।
पुतिन ने उठाया बड़ा कदम
इससे पहले पुतिन ने यूक्रेन के चार प्रांतों का रूसी संघ में विलय करने का बड़ा ऐलान किया था। पुतिन ने कहा था कि लुहांस्क, डोनेट्स्क, खेरसॉन और ज़ापोरिज्जिया में रहने वाले लोग हमेशा के लिए हमारे नागरिक बन रहे हैं। पुतिन ने आरोप लगाया कि सोवियत संघ के विघटन के बाद से ही अमेरिका और अन्य पश्चिमी देश रूस को छोटे टुकड़ों में विभाजित करने की साजिश रचते रहे हैं।
उनका मकसद है है कि हम आपस में ही लड़ते रहें और वे हमें गुलाम बनाने में कामयाब हो सकें। पुतिन ने कहा कि यूक्रेन मुद्दे पर पर बैठकर चर्चा की जा सकती है, लेकिन अब चारों क्षेत्र रूस का ही हिस्सा बने रहेंगे। इन क्षेत्रों के अलगाववादी नेताओं ने भी इन्हें रूस में शामिल करने का समर्थन किया है और अब हम इन क्षेत्रों को लेकर कोई चर्चा नहीं करेंगे।