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Russia Ukraine War: रूस-यूक्रेन युद्ध के चलते बढ़ी भारतीय गेहूं की मांग, हरियाणा के किसान उठा रहे फायदा
Russia Ukraine War: यूक्रेन और रूस दुनिया भर में गेंहू के सबसे बड़े निर्यातकों में से एक है।
Russia Ukraine war: रूस-यूक्रेन के बीच जारी युद्ध के मद्देनज़र वैश्विक बाजार पर भी भारी प्रभाव पड़ा है। आपको बता दें कि यूक्रेन और रूस दुनियाभर में गेंहू के सबसे बड़े निर्यातकों में से एक है। दोनों देशों के बीच जारी युद्ध के चलते इस वर्ष हालात असामान्य बने हुए हैं, जिसके चलते भारतीय गेंहू की मांग बाजारों में बढ़ने लगी है और हरियाणा के किसान इस मौके का बखूबी फायदा उठा रहे हैं। इसी के साथ कई निजी कंपनियां हरियाणा के किसानों की गेंहू की फसल सरकारी मूल्य से अधिक पर खरीद रही हैं। निजी कम्पनियो द्वारा फसल के अधिक मूल्य की पेशकश के बाद किसान इन कंपनियों पर अपनी फसलों की बेचते देखे जा रहे हैं।
पंजाब सरकार द्वारा खरीद पर भारी शुल्क
गेंहू की फसल खरीद रही इन निजी कंपनियों में अडानी समूह और खन्ना अनाज बाज़ार जैसी बड़ी कंपनियां शामिल हैं। इन कंपनियों के अधिकारियों ने इस विषय के जानकारी दी और साथ ही यह भी बताया कि पंजाब सरकार द्वारा खरीद पर भारी शुल्क शुल्क लगाया जा रहा है जिसके चलते निजी खरीददारों को वापस लौटना पड़ा वहीं दूसरी ओर हरियाणा में यह शुल्क बेहद ही कम है, जिसके चलते निजी खरीददारों द्वारा हरियाणा के किसानों से संपर्क किया जा रहा है।
12 लाख मीट्रिक टन गेंहू की खरीद हो चुकी है
इसके अलावा पंजाब एक और कारण के चलते इस बड़े मौके से चूक सकता है, जो कि वर्तमान में जारी गर्मी के चलते अनाज सूखने की समस्या है। पंजाब के अधिकतर खेती वाले इलाकों में गेंहू सूखने की समस्या व्याप्त है, जिसके चलते गेंहू फसल की कटाई असमय हो गयी है वहीं पंजाब के किसान पहले ही भारी मात्रा में अपनी गेंहू बाज़ार में आ गया था , जिसमें से करीब 12 लाख मीट्रिक टन गेंहू की खरीद भी हो चुकी है वहीं दूसरी ओर अनाज सूखने के चलते फसल की मात्रक में भी भारी गिरावट देखने को मिली है।
हालांकि, इसके विपरीत हरियाणा के किसान उपयुक्त समय पर हुई गेंहू की फसल के चलते सरकार द्वारा निर्धारित एमएसपी से भी अधिक दामों पर निजी कंपनियों को अपना गेंहू बेचकर मुनाफा कमा रहे हैं।