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दिलो में है प्यार, फिर भी है सरहद की दीवार, पाक के रवैये पर क्या बोले NRI

suman
Published on: 13 Oct 2016 7:39 AM
दिलो में है प्यार, फिर भी है सरहद की दीवार, पाक के रवैये पर क्या बोले NRI
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मधु चौरसिया मधु चौरसिया

पंछी नदिया पवन के झोके,कोई सरहद न इन्हें रोके फिर सरहद इंसानों के लिए क्यों… देश की आर्मी ने सर्जिकल स्ट्राइक जैसा कदम क्या उठाया पूरी दुनिया का माहौल ही बदल गया और इसका सबसे ज्यादा असर इंडिया से बाहर रहने इंडियंस पर पड़ रहा है, क्योंकि जैसे-जैसे हम सरहद से दूर जाते हैं । आपके पड़ोसी मुल्क के लोग अपने लगने लगते हैं। चाहे हिंदुस्तान हो या पाकिस्तान, सब सरहद के पार एक हो जाते हैं। लेकिन जैसे ही देश में सरहद का मुद्दा गरमाता है। वतन से बाहर रहने वाले लोगों के दिलों में भी दरारें आने लगती है। जितना हम अपने देश से प्यार करते हैं, उतना ही प्यार पाक या कहीं के लोगों को अपने देश से होता है। कई बार हमारी नजरें मिल भी जाए तो लगता है। आंखों से वार कर रहे हैं। एक अजीब सी खामोशी पनप जाती है। जब इसी मुद्दे पर दुनिया के हर कोने में रहने वाले लोगों से हमने बात की तो उन्होंने अपनी फीलिंग कुछ इस तरह रखी है।

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pak-india

मीडिया में भी सर्जिकल स्ट्राइक के मुद्दे को इतना खींचा जा रहा है कि आपस के रिश्ते न केवल पड़ोसी मुल्क से बिगड़े हैं, बल्कि देश में समुदाय को लेकर भी हंगामा खड़ा हो जाता है । अब नवाजुद्दीन सिद्दिकी जैसे कलाकार को किसी समुदाय का मान कर धर्म के नाम पर मुद्दा बनाना कितना सही है। हमारे देश को आतंकवाद से परेशानी होनी चाहिए, न कि जातिवाद से और राष्ट्रवाद से। हमारा देश धर्मनिरपेक्ष है फिर अगर आतंकवाद जैसे मुद्दे पर पाकिस्तान से तनाव होता है तो ऐसे में बेचारे मुस्लिम कहां से दोषी हो जाते हैं।

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पाकिस्तान में हिन्दी फिल्मों पर बैन, हिन्दी टीवी चैनलों पर बैन, खेल पर बैन संगीतकार और कलाकारों पर बैन कितना सही है। अगर मुझे राहत फतेह अली खान साहब का गाना पसंद है तो क्या मैं देशद्रोही हो गई। हमें कला की कद्र करनी चाहिए। हमें परेशानी पाकिस्तान के आतंकवाद से होनी चाहिए, वहां की आम जनता वहां के कलाकारों से नहीं। ये तो वही बात हो गई लम्हों ने खता की और सदियों ने सजा पाई। ऐसे में देश से बाहर रह रहे भारतीयों का क्या सोचना है इस पर मधु चौरसिया की लंदन से Newstrack.com के लिए एक रिपोर्ट....

आगे की स्लाइड्स में पढ़े साउथ कोरिया के विशाल गुप्ता का क्या कहना है ...

विशाल गुप्ता विशाल गुप्ता, साउथ कोरिया

जयपुर के विशाल गुप्ता साउथ कोरिया में इंजीनियर है उनका कहना है कि क्रॉस बॉर्डर टेरेरिज्म को खत्म करने के लिए अगर कोई कंट्री सर्जिकल स्ट्राइक जैसे कदम उठाती है तो इसमें कोई गलत नहीं है। आम जनता सोचती है कि इसमें मासूम लोग मारे जाते हैं तो उनको ये भी तो सोचना चाहिए कि आतंकवाद से भी तो बेचारे मासूमो को अपनी जान गवांनी पड़ती है। ऐसे में मुझे अपनी आर्मी पर गर्व है। आर्मी ने अपने पॉवर का गलत इस्तेमाल नहीं किया है। पाकिस्तान ने हमारा हमेशा नुक्सान ही किया है अटल बिहारी बाजपेयी और नरेन्द्र मोदी ने भी दोस्ती की पहल की लेकिन नतीजा क्या मिला।ऐसे में पाक आर्टिस्टों पर बैन सही है। हमारे देश में भी कलाकारों की कमी नहीं है। अगर आतंकवाद को कंट्रोल करना है तो ये कदम सहीं है। लेकिन मीडिया में इस मुद्दे पर कुछ ज्यादा ही हंगामा बरप रहा है जुलाई में म्यांमार में भी तो सर्जिकल स्ट्राइक हुआ, लेकिन तब मीडिया और नेताओं ने इतना हंगामा क्यों नहीं किया। पाक से साथ इतना हंगामा क्यों?

आगे की स्लाइड्स में पढ़े शिकागो में रहने वाले विवेक भनोट का क्या कहना है ...

विवेक भनोट, विवेक भनोट, शिकागो

विवेक भनोट एडवाइजर सी वी एस हेल्थ शिकागो चाहे प्राकृतिक आपदा हो या फिर यूनाइटेड नेशन का पीस मिशन या फिर कारगिल जैसा परोक्ष युद्ध, भारतीय सेना ने हमेशा ही देश के सच्चे बेटे का फर्ज निभाया है और मैं उनको सेल्यूट करता हूं। सर्जिकल स्ट्राइक सुनने में जितना रोचक लगता है वो दरअसल में जोखिम से भरा हुआ मिशन है औऱ हम बार बार अपने सपूतों की जान की बाज़ी नहीं लगा सकते आतंकवाद से लड़ने के लिए हमें नई तकनीक अपनाना चाहिए। लेकिन कोशिश करनी चाहिए कि बातों से मुद्दों का हल मिले युद्ध से नहीं।

आगे की स्लाइड्स में पढ़े शिकागो में रहने वाली डेंटल सर्जन सुमन सिंह का क्या कहना है ...

सुमन सिंह, सुमन सिंह, डेंटल सर्जन शिकागो

इंदौर की सुमन सिंह डेंटल सर्जन शिकागो मैं इंडियन आर्मी और भारत के लीडरशिप को बहुत बहुत बधाई देना चाहती हूं। सटीक सर्जिकल स्ट्राइक कर के भारत ने न सिर्फ अपने देश की सुरक्षा की अग्रिम पंक्ति को मजबूत किया है बल्कि डिफेंस टेक्नॉलॉजी के सिरमौर अमेरिका, इजराइल औऱ फ्रांस जैसे देशों को भी अपनी टेक्नोलॉजी और रक्षा शक्ति का लोहा मनवाया है। मुझे अपनी आर्मी पर गर्व है। लेकिन अब इस मामले को राजनीतिक रंग देना गलत है और जहां तक बात है फिल्मों पर बैन और कलाकारों, खिलाडियों पर बैन की तो ये गलत है।

आगे की स्लाइड्स में पढ़े दुबई में रहने वाले सुभाष यादव का क्या कहना है ...

सुभाष यादव सुभाष यादव, दुबई

सुभाष यादव दुबई में कस्टमर सर्विस मैनेजर है ,भारत सरकार के सर्जिकल स्ट्राइक से हम प्रवासी भारतीय बहुत खुश हैं। आए दिन पाकिस्तान से आए उग्रवादी भारत में कत्लेआम मचा रहे थे ऐसे में भारत के बहादुर जवान शहीद हो रहे थे मासूम जनता में भय का माहौल था हम भारतीयों को पूरा हक है कि हम अपनी धरती और देशवासियों की रक्षा करें । भले ही इसके लिए हमें सीमा पार जा कर वार करना पड़े। मैं भारत सरकार और अपनी फौज के साथ हूं अगर भविष्य में भी ऐसे स्थिति आती है तो भारत सरकार और फौज निसंकोच इन उग्रवादियों के संहार के लिए सीमा लांघ कर उन पर वॉर करे।

आगे की स्लाइड्स में पढ़े दुबई से सांत्वना भारती का क्या कहना है ...

सांत्वना भारती सांत्वना भारती, दुबई

दुबई से सांत्वना भारती का कहना है कि सर्जिकल स्ट्राइक एक अच्छी सूरत है कि जब भी हमारे घर में कुछ होगा तो हम उसका जवाब देंगे। और वैसे भी पीओके ( POK) भारत का ही एक अभिन्न अंग है वहां जाने के लिए किसी से पूछने की जरूरत नहीं होनी चाहिए और वहां से आतंकवाद को साफ कर वहां के लोगों को अच्छी जिन्दगी से जोड़ना होगा। ताकि आतंकवाद को जड़ से खत्म किया जा सके।

आगे की स्लाइड्स में पढ़े अमेरिका से भारती सिंह का क्या कहना है ...

भारती सिंह भारती सिंह, अमेरिका

अमेरिका की भारती सिंह का कहना है कि सर्जिकल स्ट्राइक तक तो सही था लेकिन अब इस मुद्दे को सियासी रंग दिया जा रहा है। वॉर किसी भी समस्या का हल नहीं है। पाकिस्तान को कई बार मौका दिया गया, लेकिन हर बार उसने पलटवार ही किया है। इन सबके बीच आम जनता परेशान हो रही है। बॉडर पर लोगों में तनाव है ऐसे में जवान और आम जनता पिस रही है। ऐसे में जनता को अपनी अपनी सरकार से प्रश्न करना चाहिए कि आखिर हमारा क्या दोष,जिनकों जो मिल गया है इसमें संतोष से रहना होगा नहीं तो ये लड़ाई कभी खत्म नहीं होगी।

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