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Indo-China Border Dispute: वास्तविक नियंत्रण रेखा के पास हाईवे बनाएगा चीन, जानिए क्यों है भारत के लिए चिंता का विषय

Indo-China Border Dispute: एक तरफ चीन जहां भारत के साथ लद्दाख में तनाव घटाने व सैनिकों को वापस पीछे लाने के लिए बातचीत कर रहा है, वहीं दूसरी तरफ अपने नापाक इरादों को भी अमलीजामा पहनाने में लगा हुआ है।

Krishna Chaudhary
Published on: 21 July 2022 2:23 PM IST
Indo-China Border Dispute
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Indo-China Border Dispute (image credit social media)

Indo-China Border Dispute: एक तरफ चीन जहां भारत के साथ लद्दाख में तनाव घटाने और सैनिकों को वापस पीछे लाने के लिए बातचीत कर रहा है वहीं दूसरी तरफ वह अपने नापाक इरादों को भी अमलीजामा पहनाने में लगा हुआ है। विवाद को बातचीत के जरिए हल करने का ढ़ोंग रचने वाला चीन भारत को घेरने की पूरी तैयारी कर रहा है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, ड्रैगन वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर एक राजमार्ग बनाने जा रहा है। इसका एक ही मकसद है, भारतीय सीमा पर रणनीतिक मजबूती हासिल करना।

हांगकांग से प्रकाशित होने वाले साउथ चाइन मार्निंग पोस्ट में छपे एक रिपोर्ट के मुताबिक, यह हाइवे तिब्बत की ल्हुंज काउंटी से शिंजियांग क्षेत्र में काशगर में स्थित माझा तक जाने वाला है। ल्हुंज काउंटी भारत के उत्तर पूर्वी राज्य अरूणाचल प्रदेश का हिस्सा है, जिसे चीन दक्षिण तिब्बत का हिस्सा बता कर उसपर दावा करता रहा है। रिपोर्ट के अनुसार चीन बुनियादी ढांचे में निवेश कर सुस्त पड़ी अर्थव्यवस्था में जान डालना चाहता है। लेकिन हकीकत में इसका असल मकसद कुछ औऱ ही है।

इन राज्यों की सीमा से गुजरेगा हाइवे

रिपोर्ट के मुताबिक, यह प्रस्ताविक राजमार्ग भारत, नेपाल और तिब्बत से गुजरेगा। जी-695 नामक यह हाइवे कोना काउंटी से गुजरेगा, जो कि एलएसी के उत्तर में स्थित है। काम्बा काउंटी की सीमा भारतीय राज्य सिक्किम से लगी हुई है और गयीरोंग काउंटी नेपाल की सीमा के करीब है। यह राजमार्ग तिब्बत, नेपाल और भारत के बीच स्थित बुरांग काउंटी और नगारी प्रांत के जांदा काउंटी से भी होकर गुजरेगी। रिपोर्ट में कहा गया है कि नगारी प्रांत का कुछ हिस्सा भारत के कब्जे में है।

इसके अलावा रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि परियोजना पूरा हो जाने के बाद हाइवे डेपसांग मैदान, गलवान घाटी एलएसी पर हॉट स्प्रिंग्स जैसे टकराव वाले इलाकों के नजदीक से भी गुजरेगा। अगर चीन ये राजमार्ग बनाने में कामयाब रहता है तो ये भारत के लिए किसी बड़े झटके से कम नहीं होगा। बता दें कि इन टकराव वाले इलाकों को लेकर दोनों देशों के बीच 16 दौर की बातचीत हो चुकी है, लेकिन अब तक भारत को कुछ खास सफलता नहीं मिली है। माना जा रहा है कि अगले दौर के बातचीत में भारत इस परियोजना को लेकर अपनी चिंताओं से ड्रैगन को अवगत कर सकता है।

भारत की प्रतिक्रिया का इंतजार

चीनी अखबार में छपे इस रिपोर्ट के बाद से सबकी नजरें भारतीय विदेश मंत्रालय पर टिकी हुई हैं। लेकिन अब तक वहां से किसी तरह की प्रतिक्रिया नहीं आई है। इससे पहले भारत कह चुका है कि वह अपनी सीमा पर सभी गतिविधियों पर नजर रखता है।

बता दें कि चीन ने भारत की सीमा से सटे डोकलाम पठार के पास गांव को पूरी तरह से बसा लिया है। नई सैटेलाइट तस्वीरों में इसका खुलासा हुआ है। ये बताता है कि विस्तारवादी चीन के रवैये में कोई बदलाव नहीं हुआ है।



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Prashant Dixit

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