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इंडोनेशिया में 4 ड्रग तस्करों को मौत की सजा, गुरदीप की सजा टली

Rishi
Published on: 29 July 2016 12:44 AM GMT
इंडोनेशिया में 4 ड्रग तस्करों को मौत की सजा, गुरदीप की सजा टली
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सिलाकैप/नई दिल्लीः इंडोनेशिया ने ड्रग तस्करी से जुड़े मामलों में दोषी ठहराए गए एक स्थानीय और तीन नाइजीरियाई नागरिकों को शुक्रवार तड़के मौत की सजा दे दी। ड्रग तस्करी के आरोपियों में पंजाब के गुरदीप सहित 10 लोगों की सजा फिलहाल टल गई है। विदेश मंत्रालय और विदेश मंत्री सुषमा स्वराज गुरदीप को बचाने की कोशिश कर रहे हैं।

बता दें कि गुरदीप को 300 ग्राम ड्रग्स के साथ साल 2004 में इंडोनेशिया में गिरफ्तार किया गया था। इंडोनेशिया के सामान्य अपराध मामलों के उप अटॉर्नी जनरल नूर राचमाद ने बताया कि सभी 4 दोषियों को मध्यरात्रि के ठीक बाद मौत की सजा दी गई। हालांकि उन्होंने यह नहीं बताया गुरदीप सिंह सहित 10 अन्य दोषियों को मौत की सजा क्यों नहीं दी गई।

उधर, विदेश मंत्री सुषमा स्‍वराज ने गुरुवार शाम 48 वर्षीय गुरदीप सिंह के परिवार से फोन पर बात की और आश्‍वस्‍त किया कि गुरदीप को बचाने के लिए वे अपनी ओर से पूरे प्रयास कर रही हैं। गुरदीप जालंधर से है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्‍ता विकास स्‍वरूप ने बताया कि हमारे अधिकारियों ने गुरदीप से मुलाकात की है और हमारे दूतावास ने इंडोनेशिया की सरकार से सभी कानूनी विकल्‍प देखने को कहा है। उन्‍होंने कहा कि सिंह के पास इंडोनेशिया के राष्‍ट्रपति के पास दया याचका की अपील करने का अधिकार है।

मौजूदा समय में इंडोनेशिया के अधिकारियों ने मादक द्रव्‍यों के बढ़ते इस्‍तेमाल के खिलाफ मौत की सजा देने के फैसले का बचाव किया है और 14 दोषियों की मौत की सजा टालने की संयुक्‍त राष्‍ट्र और यूरोपीय यूनियन की अपील खारिज कर दी है। इन दोषियों में नाइजीरिया, पाकिस्‍तान और जिम्‍बाब्‍वे के नागरिक भी शामिल हैं।

फोटोः मौत की सजा देने से पहले दोषियों से बात करता इंडोनेशियाई पुलिस अफसर

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आशीष शर्मा ऋषि वेब और न्यूज चैनल के मंझे हुए पत्रकार हैं। आशीष को 13 साल का अनुभव है। ऋषि ने टोटल टीवी से अपनी पत्रकारीय पारी की शुरुआत की। इसके बाद वे साधना टीवी, टीवी 100 जैसे टीवी संस्थानों में रहे। इसके बाद वे न्यूज़ पोर्टल पर्दाफाश, द न्यूज़ में स्टेट हेड के पद पर कार्यरत थे। निर्मल बाबा, राधे मां और गोपाल कांडा पर की गई इनकी स्टोरीज ने काफी चर्चा बटोरी। यूपी में बसपा सरकार के दौरान हुए पैकफेड, ओटी घोटाला को ब्रेक कर चुके हैं। अफ़्रीकी खूनी हीरों से जुडी बड़ी खबर भी आम आदमी के सामने लाए हैं। यूपी की जेलों में चलने वाले माफिया गिरोहों पर की गयी उनकी ख़बर को काफी सराहा गया। कापी एडिटिंग और रिपोर्टिंग में दक्ष ऋषि अपनी विशेष शैली के लिए जाने जाते हैं।

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