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अंतरराष्ट्रीय कोर्ट ने कहा-दक्षिणी चीन सागर पर चीन का कोई अधिकार नहीं
एम्सटर्डम: दक्षिणी चीन सागर पर हेग स्थित इंटरनेशनल कोर्ट ने मंगलवार को चीन के खिलाफ अपना फैसला सुनाया। अपने फैसले में कोर्ट ने कहा कि चीन का इस सागर पर किसी तरह का 'कोई ऐतिहासिक अधिकार' नहीं है। बता दें, कि फिलीपींस ने साल 2013 में चीन के खिलाफ इंटरनेशनल कोर्ट में पिटीशन दायर की थी। फिलीपींस का आरोप था कि स्ट्रैटजिकली अहम माने जाने वाले इस इलाके में चीन ने ससाधनों का जरूरत से ज्यादा इस्तेमाल किया है। हालांकि चीन ने सुनवाई से यह कहते हुए बहिष्कार किया कि इस मुद्दे पर फैसला सुनाना हेग के अधिकार क्षेत्र में नहीं आता। बता दें, कि चीन के दक्षिणी चीन सागर में दबदबे को लेकर अमेरिका भी लगातार विरोध करता रहा है।
हेग ट्रिब्यूनल ने क्या कहा?
-चीन के पास दक्षिण चीन सागर में नाइन डेश लाइन के पास पड़ने वाले इलाकों पर ऐतिहासिक दावा करने का कोई कानूनी आधार नहीं है।
-चीन यह दावा करता है कि दक्षिणी चीन सागर पर उसका ऐतिहासिक हक है यह सही नहीं है।
-चीन ने आइलैंड के स्कारबरो शोल-स्प्रैटली आइलैंड ग्रुप पर फिलीपींस के फिशिंग राइट्स में बाधा डाली।'
- चीन को स्प्रैटली आइलैंड पर एक्सक्लूसिव इकोनॉमिक जोन बनाने का भी कोई हक नहीं।'
पिटीशन में क्या कहा गया था ?
-फिलीपींस ने पिटीशन ने अपने 15 प्वाइंट्स में चीन के साउथ चाइना सी में स्टेटस पर सवाल उठाए थे।
-फिलीपींस ने कहा था कि चीन ने स्कारबरो शोल और स्प्रैटली आइलैंड ग्रुप में उसके अधिकारों को नुकसान पहुंचाया था।
-चीन, दक्षिणी चीन सागर में अपने कब्जे को 'नाइन-डैश लाइन' बताता है।
-फिलीपींस का दावा है कि बीते 69 साल से चीन का दक्षिणी चीन सागर के 85% हिस्से पर कब्जा हो चुका है।