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International Dance Day: नृत्य आत्मा की छिपी हुई भाषा है, जानिए अंतरराष्ट्रीय नृत्य दिवस का इतिहास और महत्व

International Dance Day: अंतरराष्ट्रीय नृत्य दिवस नृत्य के महत्व को दुनिया तक पहुंचाने के अवसर के तौर पर मनाया जाता है।

Vertika Sonakia
Published on: 29 April 2023 5:05 PM GMT
International Dance Day: नृत्य आत्मा की छिपी हुई भाषा है, जानिए अंतरराष्ट्रीय नृत्य दिवस का इतिहास और महत्व
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अंतर्रष्ट्रीय नृत्य दिवस 2023 (फ़ोटो: सोशल मीडिया)

International Dance Day: प्रत्येक वर्ष 29 अप्रैल को अंतरराष्ट्रीय नृत्य दिवस विश्व भर में मनाया जाता है। इस दिन को मनाने का उद्देश्य नृत्य की शिक्षा और उसके आयोजनों में भागीदारी के लिए प्रोत्साहन बढ़ाने के लिए मनाया जाता है। इस दिवस को दुनिया भर में एक उत्सव की तरह मनाया जाता है।

किसने चुना यह दिवस

वर्ष 1982 में अंतर्राष्ट्रीय नॉटय संस्थान ने अंतरराष्ट्रीय नृत्य दिवस को मनाने का फैसला किया था। आईटीआई दुनिया के कला प्रदर्शन का सहयोगी है। आईटीआई को बनते ही दुनिया भर के प्रसिद्ध नृतक और कोरिओग्राफर इसके साथ जुड़ते चले गए।

अंतरराष्ट्रीय नृत्य दिवस का इतिहास

आईटीआई ने 29 अप्रैल को अंतरराष्ट्रीय नृत्य दिवस आधुनिक बैले नृत्य के निर्माता जीन ज़ोरजैस नोवेरे को सम्मानित करने के लिहाज से चुना। 29 अप्रैल का जन्मदिन मनाया जाता है। इस दिन को दुनिया में सांस्कृतिक, राजनैतिक और भौगोलिक सीमाओं के परे जाकर नृत्य कला को प्रोत्साहित करने के लिए मनाया जाता है।

अंतरराष्ट्रीय नृत्य दिवस का संदेश

प्रत्येक वर्ष आईटीआई की अंतर्राष्ट्रीय नृत्य कमेटी और आईटीआई की एग्जिक्यूटिव काउंसिल बेहतरीन कोरियोग्राफर या नृतक को चुनते हैं और दुनिया भर में संदेश भेजते हैं। संदेश लेख का चयन यही काउंसिल और कमेटी करती है।

अंतरराष्ट्रीय नृत्य दिवस की थीम

अंतरराष्ट्रीय नृत्य दिवस 2023 की टीम के लिएनृत्यकला में गति एवं रचनात्मकताथीम का चयन किया गया है।

भारतीय नृत्य की विभिन्न कलाए

1. ओडिसी नृत्य: यह नृत्य की शुद्ध शास्त्रीय शैली है जो मुद्राओ समृद्ध है। इस नृत्य में उड़ीसा के मंदिरों की कहानी को दर्शाया जाता है।

  1. भरतनाट्यम नृत्य: यह सबसे पुराना भारतीय शास्त्रीय प्रदर्शन कला के रूप में से एक है। इस नृत्य की उत्पत्ति भारत के तमिलनाडु राज्य में हुई थी।
  2. समकालीन नृत्य शैली: नृत्य का यह रूप वर्तमान समय में चलन में है और थीम शैली के नृत्य से भी जुड़ा हुआ है।
  3. नव शास्त्रीय नृत्य शैली: यह नृत्य कलाओं का नवीनतम रूप है। इसे वर्ष 2019 के जेन एक्स से मेल खाने वाली आधुनिक शैली के रूप में जाना जाता है।
  4. तांडव नृत्य शैली: शिव तांडव नृत्य की पौराणिक जड़े हैं को भगवान शिव से संबंधित हैं। यह नृत्य विभिन्न रूपों में चित्रित किया गया है।
  5. कथक नृत्य शैली: यह भारत में अब तक के सबसे ग्लैमरस शास्त्रीय नृत्यों के रूप में एक है। इस नृत्य की उत्पत्ति उत्तर भारत में देखी जा सकती है।
  6. कुचीपुड़ी नृत्य शैली: यह शास्त्रीय नृत्य का दूसरा रूप है। इस नृत्य की उत्पति आंध्र प्रदेश में देखी जा सकती है।
  7. चाऊ नृत्य शैली: यह नृत्य का एक अर्धशास्त्रीय रूप है। इस नृत्य की उत्पत्ति भारतीय उपमहाद्वीप के पूर्वी भाग में हुई है।
  8. मणिपुरी नृत्य शैली: मणिपुरी नृत्य शैली की उत्पत्ति देश के उत्तर पूर्वी भाग मणिपुर राज्य से हुई है। यह एक जीवंत शास्त्रीय नृत्य का रूप है जो भारतीय देवी देवताओं की पौराणिक कथाओं को दर्शाता है।
  9. कथाकली नृत्य शैली: यह नृत्य शैली एक स्टेज आर्ट फॉर्म है। इस नृत्य की उत्पत्ति भारतीय उपमहाद्वीप के ढक्कन भाग से हुई है। यह केरल राज्य का प्रफुल्लित करने वाले कला रूप है। इसे भारत के सबसे कठिन नृत्य रूपों में से एक माना जाता है।

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