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रूस : सेंट पीटर्सबर्ग में ‘ट्रोल फैक्ट्री’ में जबरदस्त काम बढ़ा

Rishi
Published on: 10 Feb 2018 5:59 PM IST
रूस : सेंट पीटर्सबर्ग में ‘ट्रोल फैक्ट्री’ में जबरदस्त काम बढ़ा
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नीलमणि लाल नीलमणि लाल

रूस के सेंट पीटर्सबर्ग में एक ‘ट्रोल’ फैक्ट्री है। जिसका काम क्रेमलिन की नीतियों का सोशल मीडिया में जम कर प्रचार करना है। अब हाल ये है कि जाड़े की छुट्टियों के बाद नए साल में इस फैक्ट्री का कार्यालय तीन गुना बढ़ गया है। याने ये फैक्ट्री 4 हजार वर्ग फुट से बढ़ कर 12 हजार वर्ग फुट में काम कर रही है। जो इसकी जबरदस्त सफलता को बयान करता है। यूरोमेदन प्रेस की रिपोर्ट के अनुसार ‘ट्रोलिंग गतिविधिओं का संचाला कम से कम 16 ऑनलाइन साइट्स से किया जाता है और सबका काम क्रेमलिन यानी पुतिन की नीतियों का समर्थन करना है।

इस ट्रोल फैक्ट्री का मालिक है अरबपति बिजनेसमैन येवगेनी प्राईगोझिनफैक्ट्री जिसे ‘पुतिन का शेफ’ कहा जाता है। वह इसलिए क्योंकि येवगेनी क्रेमलिन और रूसी सरकार की अन्य शाखाओं को केटरिंग सेवाएँ प्रदान करता है। उक्रेन में रूसी सैन्य कब्जे के लिए फंडिंग करने के कारण अमेरिका ने येवगेनी पर प्रतिबन्ध लगा रखे हैं। पड़ताल में पता चला है कि येवगेनी की ट्रोल फैक्ट्री में राष्ट्रपति पुतिन एक चुनाव अभियान में भी मददगार की भूमिका में हैं।

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रूस की ट्रोल फैक्ट्री को ‘इन्टरनेट रिसर्च एजेंसी के नाम से भी जाना जाता है। कई साल से ये एजेंसी दुनिया भर में क्रेमलिन की नीतियों को आगे बढाने का काम करती आयी है। जिसमें यूरोपियन यूनियन, अमेरिका, यूक्रेन और अन्य देशों में घरेलू नीतियों और जनता की राय को प्रभावित करना मुख्य उद्देश्य है। इसके अलावा चिन्हित देशों में अतिवादी सोच को बढ़ावा दे कर अराजकता के बीज बोन का भी काम किया जाता है। अपने उद्देश्यों की पूर्ति के लिए ट्रोल फैक्ट्री सोशल मीडिया नेटवर्क्स, ऑनलाइन मीडिया साइट्स और वीडियो होस्टिंग साइट्स पर फर्जी एकाउंट्स बनाती है।

एक अन्य रिपोर्ट के अनुसार रूस ने बीते बीस साल में दुनिया के 19 देशों में चुनावों, राजनीतिक और सरकारी नीतियों में हस्तक्षेप का काम किया है।



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आशीष शर्मा ऋषि वेब और न्यूज चैनल के मंझे हुए पत्रकार हैं। आशीष को 13 साल का अनुभव है। ऋषि ने टोटल टीवी से अपनी पत्रकारीय पारी की शुरुआत की। इसके बाद वे साधना टीवी, टीवी 100 जैसे टीवी संस्थानों में रहे। इसके बाद वे न्यूज़ पोर्टल पर्दाफाश, द न्यूज़ में स्टेट हेड के पद पर कार्यरत थे। निर्मल बाबा, राधे मां और गोपाल कांडा पर की गई इनकी स्टोरीज ने काफी चर्चा बटोरी। यूपी में बसपा सरकार के दौरान हुए पैकफेड, ओटी घोटाला को ब्रेक कर चुके हैं। अफ़्रीकी खूनी हीरों से जुडी बड़ी खबर भी आम आदमी के सामने लाए हैं। यूपी की जेलों में चलने वाले माफिया गिरोहों पर की गयी उनकी ख़बर को काफी सराहा गया। कापी एडिटिंग और रिपोर्टिंग में दक्ष ऋषि अपनी विशेष शैली के लिए जाने जाते हैं।

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