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Iran News: ईरान ने पूर्व रक्षा मंत्रालय के शीर्ष अधिकारी को फांसी पर लटकाया, ये थी बड़ी वडह

Iran News: इस फाँसी की सजा ने ईरान को हिला देने वाले देशव्यापी सरकार विरोधी प्रदर्शनों के बीच पश्चिम के साथ तनाव को और बढ़ा दिया है।

Neel Mani Lal
Written By Neel Mani Lal
Published on: 15 Jan 2023 1:55 PM IST
Iran News
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Iran News (Social Media)

Iran News: ईरान ने अंतरराष्ट्रीय चेतावनी के बावजूद रक्षा मंत्रालय के एक पूर्व उच्च पदस्थ अधिकारी को फांसी पर लटका दिया है। इस फाँसी की सजा ने ईरान को हिला देने वाले देशव्यापी सरकार विरोधी प्रदर्शनों के बीच पश्चिम के साथ तनाव को और बढ़ा दिया है। ईरान के शीर्ष सुरक्षा अधिकारी अली शामखानी के करीबी सहयोगी अली रज़ा अकबरी की फांसी, ईरान के भीतर चल रहे सत्ता संघर्ष का संकेत देती है क्योंकि यह महसा अमिनी की सितंबर की मौत पर प्रदर्शनों को रोकने की कोशिश करता है।

ब्रिटेन नाराज़

चूंकि अली रज़ा अकबरी ईरान ब्रिटेन की दोहरी नागरिकता धारक था सो उसकी फांसी ने ब्रिटेन को आक्रोशित कर दिया है। ब्रिटिश प्रधान मंत्री ऋषि सुनक ने कहा है कि यह एक क्रूर और कायरतापूर्ण कृत्य है, जिसे एक बर्बर शासन ने अपने ही लोगों के मानवाधिकारों के लिए कोई सम्मान नहीं दिया। ब्रिटिश विदेश सचिव जेम्स क्लेवरली ने यूनाइटेड किंगडम में ईरान के प्रभारी दूत को तलब किया और तेहरान से ब्रिटेन के राजदूत को अस्थायी रूप से वापस ले लिया। इसके अलावा ब्रिटेन ने इस्लामिक गणराज्य के अभियोजक-जनरल के खिलाफ प्रतिबंध लगा दिए हैं। फाँसी के बाद ईरान ने इसी तरह ब्रिटिश राजदूत को तलब किया।

कब हुई फांसी

देश की न्यायपालिका से जुड़ी ईरान की मिजान समाचार एजेंसी ने अकबरी को फांसी दिए जाने की घोषणा तो की है लेकिन यह नहीं बताया कि यह कब हुई। हालाँकि, ऐसी अफवाहें थीं कि उन्हें कुछ दिन पहले ही मार दिया गया था।

ईरान का आरोप

ईरान ने बिना सबूत उपलब्ध कराए आरोप लगाया है कि अली रज़ा अकबरी ने ब्रिटेन की गुप्त खुफिया सेवा "एमआई6" के लिए एक स्रोत के रूप में काम किया था। ईरान की न्यायपालिका द्वारा जारी एक लंबे बयान में दावा किया गया कि अकबरी को खुफिया सेवा को जानकारी प्रदान करने के लिए लंदन में बड़ी रकम, ब्रिटिश नागरिकता और अन्य मदद मिली थी।

जासूसी के आरोप

ईरान लंबे समय से उन लोगों पर जासूसी के आरोप लगाता रहा है जो विदेश यात्रा करते हैं या पश्चिमी देशों से संबंध रखते हैं। माना जाता है कि एक निजी थिंक टैंक चलाने वाले अकबरी को 2019 में गिरफ्तार किया गया था, लेकिन उसके मामले का विवरण हाल के हफ्तों में ही सामने आया है। जासूसी और राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित अन्य अपराधों के अभियुक्तों पर आमतौर पर बंद दरवाजों के पीछे मुकदमा चलाया जाता है। अधिकार समूहों का कहना है कि ऐसे अभियुक्तों को अपने स्वयं के वकील रखने की इजाजत नहीं होती है। उन्हें उनके खिलाफ सबूत देखने की अनुमति नहीं होती है। ईरानी राज्य टेलीविजन ने अकबरी के आरोपों पर चर्चा करते हुए एक अत्यधिक संपादित वीडियो प्रसारित किया, जो एक स्वीकारोक्ति से मिलता जुलता है। एक्टिविस्ट्स का कहना है ये सब जबरन स्वीकारोक्ति होती है।

यातना दी गई

बीबीसी फ़ारसी-भाषा सेवा ने अकबरी का एक ऑडियो संदेश प्रसारित किया है, जिसमें उन्होंने यातना दिए जाने का वर्णन किया है। अकबरी ने ऑडियो में कहा - शारीरिक और मनोवैज्ञानिक तरीकों का उपयोग करके, उन्होंने मेरी इच्छा को तोड़ दिया, मुझे पागलपन की ओर धकेल दिया और मुझे जो कुछ भी करना था, करने के लिए मजबूर किया। बंदूक और जान से मारने की धमकियों के बल पर उन्होंने मुझसे झूठे और भ्रष्ट दावों को कबूल करवाया। ईरान ने यातना के दावों पर कोई टिप्पणी नहीं की है। हालांकि, संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार प्रमुख ने ईरान को विरोध प्रदर्शन को कम करने के लिए मौत की सजा को हथियार बनाने के खिलाफ चेतावनी दी है।



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Durgesh Sharma

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