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Ebrahim Raisi Death: हेलीकॉप्टर क्रैश में ईरान के राष्ट्रपति, विदेश मंत्री की मौत, हेलीकॉप्टर जलकर राख
Ebrahim Raisi Death: अनादोलु समाचार एजेंसी के अनुसार, एक तुर्की ड्रोन ने हेलीकॉप्टर के मलबे से संभावित गर्मी के स्रोत की पहचान करने में मदद की, और अजरबैजान-ईरानी सीमा से 20 किलोमीटर दक्षिण में दुर्घटना के संभावित स्थल के निर्देशांक साझा किए।
Ebrahim Raisi Death: ईरान में हुए हेलीकॉप्टर हादसे में ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रायसी का निधन हो गया है। ईरान की सेमी-ऑफिशियल न्यूज एजेंसी मेहर ने इसकी घोषणा की। हेलीकॉप्टर में मौजूद विदेश मंत्री होसैन अमीराब्दुल्लाहियन की भी मौत की जानकारी दी गई है।
हेलीकॉप्टर क्रैश होने की जानकारी मिलने के 12 घण्टे से ज्यादा समय बाद उत्तर पश्चिमी ईरान के पहाड़ी इलाके में बचाव टीमों ने हेलीकॉप्टर का मलबा ढूंढ लिया है। इस हादसे में कोई भी जीवित नहीं बचा। एक अधिकारी ने कहा कि - दुर्घटना में राष्ट्रपति रायसी का हेलीकॉप्टर पूरी तरह से जल गया। दुर्भाग्य से, सभी यात्रियों के मारे जाने की आशंका है।
अनादोलु समाचार एजेंसी के अनुसार, एक तुर्की ड्रोन ने हेलीकॉप्टर के मलबे से संभावित गर्मी के स्रोत की पहचान करने में मदद की, और अजरबैजान-ईरानी सीमा से 20 किलोमीटर दक्षिण में दुर्घटना के संभावित स्थल के निर्देशांक साझा किए। इसके बाद बचाव दल घटनास्थल पर पहुंच सके।
पीएम मोदी ने ईरान के राष्ट्रपति की मौत पर जताया शोक
अब क्या होगा
ईरान इस्लामिक गणराज्य के संविधान के अनुच्छेद 131 के अनुसार, यदि किसी राष्ट्रपति की कार्यालय में मृत्यु हो जाती है तो पहला उपराष्ट्रपति पदभार संभालेगा। हालाँकि, इस मामले पर अंतिम फैसला देश के सर्वोच्च नेता का होगा। डॉ. मोहम्मद मोखबर वर्तमान में ईरान के पहले उपराष्ट्रपति का पद संभाल रहे हैं। नियुक्ति के बाद प्रथम उपराष्ट्रपति, संसद के अध्यक्ष और न्यायपालिका के प्रमुख से बनी एक परिषद अधिकतम 50 दिनों की अवधि के भीतर नए राष्ट्रपति के लिए चुनाव की व्यवस्था करने के लिए बाध्य है।
रायसी के बारे में
63 वर्षीय राजनीतिक दिग्गज इब्राहिम रायसी को लंबे समय से ईरान के सर्वोच्च नेता सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई का स्वाभाविक उत्तराधिकारी माना जाता है।न्यायपालिका और धार्मिक अभिजात वर्ग में गहरे संबंधों के साथ रायसी एक कट्टरपंथी और धार्मिक रूप से रूढ़िवादी राजनीतिज्ञ थे। रायसी पहले ईरान की न्यायपालिका की जिम्मेदारी संभालते थे। 2017 में वह अपेक्षाकृत उदारवादी मौलवी हसन रूहानी के खिलाफ राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव में उतरे पर असफल रहे।
2021 में रायसी फिर से चुनाव में भाग लिया। इस चुनाव में उनके सभी संभावित प्रमुख विरोधियों को ईरान की जांच प्रणाली के तहत चुनाव लड़ने से रोक दिया गया था। रायसी को 28.9 मिलियन वोटों में से लगभग 62 फीसदी वोट मिले। ईरान के इतिहास में प्रतिशत के हिसाब से इस चुनाव में सबसे कम मतदान रहा था। लाखों लोग घर पर रहे और अन्य लोगों ने मतपत्र इनवैलिड कर दिये।