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Iran: राष्ट्रपति रईसी के हेलीकॉप्टर का क्या है अमेरिका से कनेक्शन? जानें क्रैश हुए बेल 212 के बारे में

Iran News: ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी को ले जा रहा हेलीकॉप्टर रविवार शाम अजरबैजान के पास क्रैश हो गया। आइए जानते हैं बेल 212 हेलीकॉप्टर के बारे में।

Ashish Kumar Pandey
Published on: 20 May 2024 2:59 PM IST (Updated on: 20 May 2024 3:13 PM IST)
Ebrahim Raisi Helicopter Crash
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Ebrahim Raisi Helicopter Crash  (Photo: social media )

Iran News: ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी को ले जा रहा बेल 212 हेलीकॉप्टर रविवार शाम को अजरबैजान के पास क्रैश हो गया। जिसमें रईसी समेत ईरान के विदेश मंत्री की मौत हो गई। इस घटना से पूरी दुनिया में हलचल मच गई।

ईरानी मीडिया ने सोमवार को दावा किया कि हेलीकॉप्टर बुरी तरह तबाह हो गया है और उसमें सवार सभी लोगों के मारे जाने की आशंका है। अब यहां सवाल उठता है कि आखिर ईरानी प्रेसिडेंट रईसी कहां जा रहे थे, किस हेलीकॉप्टर में सवार थे और वह किस कंपनी का था? आइए यहां जानते हैं बेल 212 हेलीकॉप्टर के बारे में सबकुछ।

रिपोर्ट के मुताबिक, हेलीकॉप्टर की तस्वीरों और वीडियो से इस बात की पुष्टि होती है कि ईरानी राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी जिस असै विदेश मेंत्री जिस हेलीकॉप्टर पर सवार थे वह अमेरिका में निर्मित बेल 212 हेलीकॉप्टर था। बेल टेक्सट्रॉन इंक द्वारा तैयार किया गया यह बेल 212 हेलीकॉप्टर इसके आइकॉनिक मॉडलों में से एक है, जो इसे बेल टेक्सट्रॉन के हेलीकॉप्टर सीरीज का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बनाता है। यहां आपको यह बताना जरूरी है कि बेल टेक्सट्रॉन इंक अमेरिकी एयरोस्पेस निर्माता है, जिसका हेडक्वार्टर अमेरिका के टेक्सास के फोर्ट वर्थ में है। इसी कंपनी का यह बेल 212 हेलीकॉप्टर था जिस पर ईरान के प्रेसिडेंट सवार थे।

सबसे पहले कब आया अस्तित्व में?

पहली बार बेल 212 हेलीकॉप्टर 1960 के दशक में अस्तित्व में आया। UH-1 Iroquois के रूप में कनाडाई सेना के लिए विमान विकसित किया। नए डिजाइन में एक के बजाय दो टर्बोशाफ्ट इंजन का उपयोग किया गया, जिससे इसे अधिक वहन क्षमता मिली। अमेरिकी सैन्य प्रशिक्षण दस्तावेजों के अनुसार, हेलीकॉप्टर को 1971 में पेश किया गया था और जल्दी से अमेरिका और कनाडा दोनों द्वारा इसे अपनाया गया था।

बेल 212 हेलीकॉप्टर बेल 205 का अपग्रेड वर्जन है। जल्दी ही बेल 212 ने खुद को हेलीकॉप्टर इंडस्ट्री में स्थापित कर लिया। यह हेलीकॉप्टर पहले की तुलना में और शक्तिशाली और विश्वसनीय माना गया। यही वजह है कि परिवहन से लेकर सर्च ऑपरेशन और सैन्य अभियानों के लिए इसकी डिमांड बढ़ने लगी। हालांकि, मजबूती और विश्वसनीयता के दावों के बावजूद बेल 212 हेलीकॉप्टर दुर्भाग्य से पिछले कुछ सालों में कई अहम दुर्घटनाओं में शामिल रहा है।


जानिए क्या है इसका उपयोग?

अगर इस हेलीकॉप्टर की उपयोगिता के बारे में बात करें तो बेल 212 का मतलब सभी प्रकार की परिस्थितियों के लिए अनुकूल होना है। इसमें लोगों को ले जाना, हवाई अग्निशमन गियर तैनात करना, कार्गो को फेरी लगाना और बढ़ते हथियार शामिल हैं।


कितने लोग बैठ पाते हैं?

बेल 212 एक मध्यम आकार का दो इंजन वाला हेलिकॉप्टर है। इस हेलिकॉप्टर का इस्तेमाल व्यापक रूप से सिविलियन, कमर्शियल और सैन्य उद्देश्यों के लिए किया जाता है। इसमें एक पायलट और 14 लोगों के बैठने की जगह होती है। इसमें दो ही ब्लेड होते हैं। इसलिए इसे टू ब्लेड हेलिकॉप्टर भी कहा जाता है।


हेलीकॉप्टर का संचालन कौन से संगठन करते हैं?

बेल 212 को उड़ाने वाले गैर-सैन्य संगठनों में जापान के तटरक्षक बल, संयुक्त राज्य अमेरिका में कानून प्रवर्तन एजेंसियां और अग्निशमन विभाग, थाईलैंड की राष्ट्रीय पुलिस और कई अन्य शामिल हैं। फ्लाइटग्लोबल की 2024 विश्व वायु सेना निर्देशिका के अनुसार, यह स्पष्ट नहीं है कि ईरान की सरकार के पास यह कितनी संख्या में हैं। जबकि इसकी वायु सेना और नौसेना के पास कुल 10 हैं।


क्या पहले भी हुई हैं बेल 212 से घटनाएं?

हालांकि, मजबूती और विश्वसनीयता के दावों के बावजूद बेल 212 हेलिकॉप्टर पिछले कुछ सालों में दुर्भाग्य से कई अहम दुर्घटनाओं में शामिल रहा है। 1997 में भी बेल 212 हेलिकॉप्टर लुइसियाना के तट पर क्रैश हो गया था, जिसमें आठ लोगों की मौत हो गई थी। वहीं, 2009 में बेल 212 हेलिकॉप्टर कनाडा में क्रैश हो गया था, जिसमें 17 से 18 लोगों की मौत हो गई थी। इसके अलावा, 2018 में एक दुर्घटना हुई थी, जिसमें चार लोगों की जान गई थी। सबसे हालिया घटना पिछले साल सितंबर में हुई थी। वहीं अब ईरानी प्रेसिडेंट के 212 बेल हेलिकॉप्टर के क्रैश होने के बाद अब इस हेलिकॉप्टर पर सवाल उठना भी तय है।

Monika

Monika

Content Writer

पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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