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सिर ढंकने वाले हिजाब और नकाब के खिलाफ सडक़ों पर उतरीं महिलाएं

raghvendra
Published on: 2 Feb 2018 7:48 AM GMT
सिर ढंकने वाले हिजाब और नकाब के खिलाफ सडक़ों पर उतरीं महिलाएं
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ईरान में महिलाएं सिर ढंकने वाले हिजाब और नकाब के खिलाफ सडक़ों पर उतर आईं हैं। जगह - जगह महिलाएं सिर ढकने वाले हिजाब को उतरा कर उन्हें टहनियों या डंडों में बांध कर लहराती दिखाई दे रही हैं। राजधानी तेहरान और इस्फाहान शहर से शुरू हुआ ‘आजादी’ का यह मूक आंदोलन दिनों दिन फैलता जा रहा है।

इस आंदोलन की शुरुआत विदा मोहावेद नामक महिला ने शुरू की थी। सत्ता विरोधी प्रदर्शनों के दौरान विदा ने अपना नकाब उतार कर उसे एक लकड़ी में बांध कर लहराया था। इसके लिए उसे दिसंबर में गिरफ्तार भी कर लिया गया। अब जा कर 26 जनवरी को उसे रिहा किया गया।

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बता दें कि ईरान में 1979 सक महिलाओं को सिर ढंकने की कानूनी बाध्यता है। यह कानून सिर्फ ईरानियों पर ही नहीं बल्कि विदेशी आगंतुकों पर भी लागू होता है। कानून का उल्लंघन करने पर 10 दिन से लेकर दो महीने तक की जेल का प्रावधान है।

हालांकि वर्तमान राष्ट्रपति हसन रूहानी के सत्तारूढ़ होने के बाद से इस कानून के क्रियान्वयन में नरमी बरती जा रही है। पहले बिना सिर ढंके वाहन चलाती महिलाओं को गिरफ्तार कर लिया जाता था लेकिन अब सिर्फ जुर्माना ठोंका जाता है।

अब विदा मोहावेद से प्रेरित होकर नकाब या हिजाब उतार कर उसे लहराने की हवा चल पड़ी है। महिलाएं सडक़ों - बाजारों में हिज्ब उतार कर अपना विरोध प्रकट कर रही हैं। लेकिन जिस तरह दो और महिलाओं को गिरफ्तार किया गया है उससे लगता है कि अब सख्ती के दिन लौट रहे हैं।

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राघवेंद्र प्रसाद मिश्र जो पत्रकारिता में डिप्लोमा करने के बाद एक छोटे से संस्थान से अपने कॅरियर की शुरुआत की और बाद में रायपुर से प्रकाशित दैनिक हरिभूमि व भाष्कर जैसे अखबारों में काम करने का मौका मिला। राघवेंद्र को रिपोर्टिंग व एडिटिंग का 10 साल का अनुभव है। इस दौरान इनकी कई स्टोरी व लेख छोटे बड़े अखबार व पोर्टलों में छपी, जिसकी काफी चर्चा भी हुई।

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