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इजरायल-यूएई की बड़ी गलती: समझौता ऐसा पीठ में छूरा भोंकने जैसा, धोखेबाज करार

ईरान ने पश्चिम एशिया में इजरायल और सयुंक्त अरब अमीरात (यूएई) के पुराने याराना को बड़ी भूल करार दिया है। ईरान ने कहा है कि यूएई ने फिलीस्तीन की जनता के साथ धोखेधड़ी की है।

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Published on: 16 Aug 2020 6:41 AM GMT
इजरायल-यूएई की बड़ी गलती: समझौता ऐसा पीठ में छूरा भोंकने जैसा, धोखेबाज करार
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तेहरान: ईरान ने पश्चिम एशिया में इजरायल और सयुंक्त अरब अमीरात (यूएई) की पुराने याराना के बड़ी भूल करार दिया है। ईरान ने कहा है कि यूएई ने फिलीस्तीन की जनता के साथ धोखेधड़ी की है। ईरान के राष्ट्रपति हसन रुहानी ने शनिवार को दिए एक भाषण में कहा कि यूएई का ये कदम एक बड़ी भूल है। ईरान केे राष्ट्रपति हसन रुहानी ने कहा कि यूएई (UAE) ने फिलीस्तीन के मुद्दे को त्याग कर दगाबाजी की है। उन्होंने UAE को चेतावनी देते हुए कहा कि वो इजरायल को अरब क्षेत्र में पैर जमाने देने की गलती कतई न करे।

पीठ में छूरा भोंकने के बराबर

इसके साथ ही ईरान के विदेश मंत्रालय ने तो ये तक कह दिया कि इजरायल और यूएई (UAE) का ये समझौता फिलीस्तीनियों के पीठ में छूरा भोंकने के बराबर है।

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आपको बता दें कि सयुंक्त अरब के देश यूएई (UAE) ने इजरायल के साथ 13 अगस्त को एक ऐतिहासिक समझौता किया है। ऐसा माना जाता है कि इस समझौते के पीछे अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का अहम किरदार है।

इस समझौते का उद्देश्य

साथ ही अमेरिका की सपोर्ट पर किए गए इस समझौते का उद्देश्य पश्चिम एशिया में ईरान की ताकत और उसके प्रभुत्व पर लगाम कसना बताया जा रहा है और अरब क्षेत्र के दूसरे देशों को बढ़ावा देना है।

दूसरी ओर ईरान के राष्ट्रपति हसन रुहानी ने अमेरिका, यूएई (UAE) पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि इस समझौते का उद्देश्य है कि ट्रंप को एक बार फिर से अमेरिका के राष्ट्रपति का चुनाव जिताया जाए।

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समझौते के पीछे अमेरिका की क्या भूमिका

उन्होंने कहा कि इस समझौते के पीछे अमेरिका की क्या भूमिका इसका पता इसी से चलता है कि पश्चिम एशिया की इस समझौते की घोषणा वाशिंगटन में की गई है।

इसके साथ ही संयुक्त अरब अमीरात के इस कदम को ईरानी राष्ट्रपति रुहानी ने यूएई (UAE) का विश्वासघात और छल करार दिया और कहा है कि उन्हें उम्मीद है कि यूएई (UAE) जल्द ही इस गलत रास्ते को छोड़ देगा।

जिसके चलते इस फैसले के विरोध में ईरान की राजधानी तेहरान में यूएई (UAE) दूतावास के बाहर लोगों ने प्रदर्शन किया और अमेरिका-इजरायल के झंडे फूंके।

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