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Plot To Assassinate George Bush: ISIS का था अमेरिका में घुसने का प्लान, निशाना थे जॉर्ज बुश
पूर्व राष्ट्रपति जॉर्ज डब्लू बुश के कार्यालय के चीफ ऑफ स्टाफ फ्रेडी फोर्ड ने कहा, 'राष्ट्रपति बुश को USA की गुप्त सेवा और हमारे कानून प्रवर्तन और खुफिया समुदायों में भरोसा है।'
Plot To Assassinate George Bush : अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू बुश की हत्या (Assassinate Of George W. Bush) करने की साजिश में एक इराकी व्यक्ति को एफबीआई (FBI) ने गिरफ्तार किया है। ये व्यक्ति दो साल पहले अमेरिका आया था और शरण के लिए आवेदन किया था।
कोलंबस में संघीय अदालत में दायर एक आपराधिक शिकायत के अनुसार, संदिग्ध की पहचान ओहियो निवासी 52 वर्षीय शिहाब अहमद शिहाब के रूप में हुई है, जिसने हत्या को अंजाम देने में मदद करने के लिए मेक्सिको से अमेरिका में अन्य इराकियों की तस्करी करने की भी साजिश रची थी। यह योजना कथित तौर पर इराक युद्ध के दौरान शिहाब के हमवतन लोगों के मारे जाने के प्रतिशोध में थी।
इस्लामिक स्टेट के साथ थे संपर्क
ओहियो में एक संघीय अदालत में पेश हुए शिहाब ने कथित तौर पर कहा, कि 'उसके इस्लामिक स्टेट के साथ संपर्क थे, लेकिन उसे ऐसा नहीं लगता था कि यह साजिश साकार होने के करीब थी।' शिकायत से पता चला कि एफबीआई (FBI) ने बुश की हत्या की योजना को विफल करने के लिए अप्रैल 2021 से मई 2022 तक गोपनीय मुखबिरों से मिली जानकारी का इस्तेमाल किया।
बुश के घर की रेकी की
बताया जाता है, कि एफबीआई से शिहाब ने कहा, कि वह और अन्य लोग पूर्व राष्ट्रपति बुश को मारना चाहते थे। क्योंकि, उन्हें लगा कि वह कई इराकियों को मारने और पूरे देश को तोड़ने के लिए जिम्मेदार थे। अधिकारियों ने कहा कि शिहाब ने कथित तौर पर फरवरी में डलास की यात्रा की, जहां उसने बुश के पड़ोस के गेट का वीडियो बनाया। इसके बाद वह इराकी नागरिकों की अमेरिका में तस्करी की योजना के लिए नवंबर में डेट्रायट गया।
ऐसे आया FBI के गिरफ्त में
उसने कथित तौर पर हथियार और अमेरिकी सीमा गश्ती दल की नकली वर्दी जुताई और मानव तस्करी के लिए हजारों डॉलर प्राप्त किये। उसने सोचा था कि उसे अमेरिका में एक अन्य इराकी नागरिक की तस्करी के लिए ये भुगतान किया गया था, लेकिन असली में ये लेन-देन पूरी तरह से एफबीआई द्वारा किया गया था।
30 साल तक हो सकती है जेल
संघीय अदालत में मजिस्ट्रेट न्यायाधीश एलिजाबेथ प्रेस्टन डीवर्स ने आदेश दिया कि, शिहाब को बिना बांड के जेल में रखा जाए। शुक्रवार को नजरबंदी पर सुनवाई होनी है। दोषी ठहराये जाने पर शिहाब को 30 साल तक की जेल और 500,000 डॉलर के जुर्माने का सामना करना पड़ सकता है।
इस मामले में, 75 वर्षीय पूर्व राष्ट्रपति जॉर्ज डब्लू बुश के कार्यालय के चीफ ऑफ स्टाफ फ्रेडी फोर्ड ने कहा, 'राष्ट्रपति बुश को संयुक्त राज्य अमेरिका की गुप्त सेवा और हमारे कानून प्रवर्तन और खुफिया समुदायों में दुनिया में पूरा भरोसा है।'
FBI एजेंट ने बताया
शिहाब को जाल में लाने वाले एक एफबीआई एजेंट ने कहा, कि 'चार इराकी नागरिकों, जिनमें से दो पूर्व-खुफिया एजेंट हैं, को साजिश के तहत तुर्की, मिस्र और डेनमार्क से अमेरिका में तस्करी कर लाया जाना था। इस योजना में मेक्सिको में साजिशकर्ताओं को शामिल करना और फिर टेक्सास में सीमा पार करना शामिल था।' हालांकि, शिहाब खुद इस्लामिक स्टेट आतंकवादी समूह का सदस्य नहीं था लेकिन चार्जशीट में मानव तस्करी की साजिश को एक नामित विदेशी आतंकवादी संगठन, विशेष रूप से आईएसआईएस (ISIS) को सहायता प्रदान करने का प्रयास के रूप में वर्णित किया गया है।
पल-पल की रख रहा था खबर
एफबीआई एजेंट ने आगे कहा, कि 'शिहाब ने एक मुखबिर से जॉर्ज बुश के डलास स्थित घर और क्रॉफर्ड, टेक्सास के रैंच की सुरक्षा व्यवस्था के बारे में जानकारी मांगी थी। फरवरी में मुखबिर शिहाब से डलास में हवाई अड्डे पर मिला और उसकी सहायता की। उसने बुश के घर के साथ-साथ जॉर्ज डब्ल्यू बुश संस्थान में पुस्तकालय और कार्यालयों का वीडियो रिकॉर्ड करने के लिए अपने फोन का इस्तेमाल किया।'
नहीं थी मारे जाने की फ़िक्र
शिहाब ने कथित तौर पर मुखबिर से कहा कि, 'वह वास्तविक हमले और हत्या में शामिल होना चाहता था। उसे इस बात की परवाह नहीं थी कि वह मारा जाएगा। क्योंकि, उसे इसमें शामिल होने पर गर्व होगा।