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परवेज मुशर्रफ ने कराई मेरी मां बेनजीर की हत्या : बिलावल भुट्टो

raghvendra
Published on: 29 Dec 2017 4:38 PM IST
परवेज मुशर्रफ ने कराई मेरी मां बेनजीर की हत्या : बिलावल भुट्टो
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इस्लामाबाद। पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई का दावा है कि देश की पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो की हत्या अलकायदा के सरगना ओसामा बिन लादेन ने कराई थी। 2007 में बेनजीर की हत्या के दस साल बाद यह दावा किया गया है। उधर बेनजीर के बेटे और पाकिस्तान पीपल्स पार्टी (पीपीपी) के चेयरमैन बिलावल भुट्टो ने पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ को अपनी मां बेनजीर भुट्टो का हत्यारा करार दिया है।

खुफिया एजेंसी आईएसआई का कहना है कि लादेन ने ही हत्या का पूरा तानाबाना रचा था और हत्या से पहले उसने अपना ठिकाना अफगानिस्तान में बना लिया था। 27 दिसंबर, 2007 को एक चुनावी रैली के दौरान बेनजीर भुट्टो की हत्या कर दी गई थी। बेनजीर की रैली पर बमों व गोलियों से हमला किया गया था।

यह हमला इतना जबर्दस्त था कि इसमें 21 अन्य लोगों की भी मौत हो गयी थी। आईएसआई के मुताबिक बेनजीर की हत्या के लिए लादेन ने ही विस्फोटक मुहैया कराए थे। वैसे दस साल पहले की एक खुफिया रिपोर्ट के मुताबिक लादेन को तत्कालीन राष्ट्रपति मुशर्रफ ने बेनजीर भुट्टो को मारने का आदेश दिया था।

इस बीच बेनजीर की पुण्यतिथि पर गढ़ी खुदाबख्श में आयोजित कार्यक्रम में बिलावल ने कहा कि मुशर्रफ ने मेरी मां को सीधी धमकी दी थी और कहा था कि उनकी सुरक्षा इस बात पर निर्भर करेगी कि उनके संबंध मुशर्रफ के साथ कैसे हैं।

बेनजीर की हत्या से पहले पूर्व सैन्य शासक ने उनके सुरक्षा घेरे को हटा लिया था। बाद में पाक मीडिया को दिए एक इंटरव्यू में बिलावल ने कहा कि मेरी मां की मौत एक आतंकी की गोली से जरूर हुई, लेकिन यह सच्चाई है कि उनकी हत्या कराने के लिए मुशर्रफ ने उनका सुरक्षा कवच हटा लिया था। इसलिए मैं मुशर्रफ को ही अपनी मां का हत्यारा मानता हूं।

एंटी-टेररिजम कोर्ट ने 31 अगस्त को बेनजीर की हत्या मामले में फैसला सुनाते हुए मुशर्रफ को भगोड़ा घोषित किया है। हालांकि तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान के पांच कथित सदस्यों को सबूत के अभाव में छोड़ दिया गया। बेनजीर की सुरक्षा में लगे दो पुलिस अधिकारियों को 17 साल जेल की सजा सुनाई गई। इसके साथ ही मुशर्रफ की संपत्ति को जब्त करने के भी आदेश दिए गए।



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राघवेंद्र प्रसाद मिश्र जो पत्रकारिता में डिप्लोमा करने के बाद एक छोटे से संस्थान से अपने कॅरियर की शुरुआत की और बाद में रायपुर से प्रकाशित दैनिक हरिभूमि व भाष्कर जैसे अखबारों में काम करने का मौका मिला। राघवेंद्र को रिपोर्टिंग व एडिटिंग का 10 साल का अनुभव है। इस दौरान इनकी कई स्टोरी व लेख छोटे बड़े अखबार व पोर्टलों में छपी, जिसकी काफी चर्चा भी हुई।

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