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इमरान खान की मुश्किलें और बढ़ीं, पूर्व पीएम समेत 17 नेताओं के खिलाफ अब आतंकवाद का मामला
इस्लामाबाद पुलिस ने 17 पीटीआई नेताओं पर दर्ज किया एफआईआर। एफआईआर में कहा गया है कि कार्यकर्ताओं ने पुलिस जांच चौकी और न्यायिक परिसर के मुख्य द्वार को नुकसान पहुंचाया।
Islamabad News: पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की मुश्किलें कम होती नहीं दिख रही हैं। पाकिस्तान पुलिस ने रविवार को इमरान खान और एक दर्जन से अधिक पीटीआई नेताओं के खिलाफ आतंकवाद का मामला दर्ज किया है। पुलिस ने उनके खिलाफ तोड़फोड़, सुरक्षाकर्मियों पर हमला करने और न्यायिक परिसर के बाहर अशांति पैदा करने के आरोप में मामला दर्ज किया है।
इस्लामाबाद न्यायिक परिसर के बाहर शनिवार को उस समय झड़पें हुईं, जब इमरान खान तोशाखाना मामले की बहुप्रतीक्षित सुनवाई में शामिल होने के लिए लाहौर से इस्लामाबाद पहुंचे थे। इस बीच पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच टकराव के दौरान 25 से अधिक सुरक्षाकर्मी घायल हो गए थे। इसके बाद अतिरिक्त जिला और सत्र न्यायाधीश जफर इकबाल ने कोर्ट की सुनवाई को 30 मार्च तक के लिए टाल दी।
क्या है पूरा मामला?
पुलिस द्वारा दर्ज एफआईआर में लगभग 17 पीटीआई नेताओं के नाम हैं। एफआईआर में कहा गया है कि कार्यकर्ताओं ने पुलिस जांच चौकी और न्यायिक परिसर के मुख्य द्वार को नुकसान पहुंचाया है। आगजनी, पथराव करने और न्यायिक परिसर की इमारत को तोड़ने के आरोप में 18 लोगों को गिरफ्तार भी किया गया है। एफआईआर के मुताबिक, लगभग दो पुलिस वाहनों और सात मोटरसाइकिलों को आग के हवाले कर दिया गया। स्टेशन हाउस अधिकारी (एसएचओ) के आधिकारिक वाहन को भी नुकसान पहुंचाया गया।
लाहौर में क्या हुआ?
पूर्व पीएम 70 वर्षीय इमरान खान कोर्ट में पेश होने के लिए लाहौर से इस्लामाबाद पहुंचे थे, उनके साथ उनके समर्थक भी काफिले में थे। सुनवाई में भाग लेने के लिए उनके इस्लामाबाद जाने के तुरंत बाद 10,000 से अधिक सशस्त्र पंजाब पुलिस कर्मियों ने लाहौर में इमरान के जमान पार्क आवास पर धावा बोल दिया और उनकी पार्टी के दर्जनों कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर लिया। पुलिसकर्मियों ने तोशाखाना मामले में इमरान की गिरफ्तारी को रोकने के लिए पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी प्रमुख के आवास के प्रवेश द्वार पर लगे बैरिकेड्स और टेंटों को हटा दिया और वहां डेरा डाले उनके सैकड़ों समर्थकों को खदेड़ दिया। इस दौरान बुलडोजर का इस्तेमाल भी किया गया। उन्होंने घर के मुख्य गेट और दीवारों को तोड़कर अंदर की तलाशी ली। इस दौरान पेट्रोल बम और अन्य हथियार मिलने का भी दावा किया गया था। लाहौर में पुलिस कार्रवाई में कथित रूप से लगभग 10 कर्मचारी घायल हो गए।
सुरक्षाकर्मियों पर लगाया चोरी का आरोप
इस बीच पीटीआई नेता फवाद चैधरी ने रविवार को कहा कि पार्टी इमरान खान के आवास पर अवैध छापेमारी और हिंसा में शामिल पुलिस अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज कराएगी। उन्होंने कहा कि आज कानूनी टीम की एक बैठक बुलाई गई। जिस तरह से पुलिस ने इमरान खान के आवास में लाहौर उच्च न्यायालय के फैसले का उल्लंघन किया, उसने घर की पवित्रता के हर नियम को रौंदा। चीजें चोरी हो गईं। जूस के डिब्बों को भी पुलिसवाले अपने साथ ले गए। निर्दोष लोगों को प्रताड़ित किया गया।
पुलिस अधिकारियों पर मामले दर्ज होंगे
उन्होंने कहा कि अदालत के आदेश की अवहेलना अक्षम्य है। उच्च न्यायालय को अपने फैसले की रक्षा करनी चाहिए। अवैध छापेमारी करने वाले और हिंसा में शामिल सभी पुलिस अधिकारियों पर मामले दर्ज किए जा रहे हैं।
क्या है तोशाखाना मामला?
इससे पहले इमरान खान शुक्रवार को लाहौर हाईकोर्ट के सामने पेश हुए थे। उन्होंने आश्वासन दिया था कि वह शनिवार को अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश (एडीएसजे) इकबाल के समक्ष पेश होने के लिए तैयार हैं। यहां उनके खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले की सुनवाई हो रही है। दरअसल, पीटीआई प्रमुख उन्हें मिले सरकारी उपहारों की खरीद-फरोख्त को लेकर कटघरे में हैं। इसमें एक महंगी ग्रेफ कलाई घड़ी भी शामिल है। इसे उन्होंने तोशाखाना नामक राज्य डिपॉजिटरी से रियायती मूल्य पर प्रधानमंत्री के रूप में खरीदा और मुनाफे के लिए बेच दिया। 1974 में स्थापित तोशाखाना कैबिनेट डिवीजन के प्रशासनिक नियंत्रण के तहत एक विभाग है और अन्य सरकारों, राज्यों के प्रमुखों और विदेशी गणमान्य व्यक्तियों द्वारा शासकों, सांसदों, नौकरशाहों और अधिकारियों को दिए गए कीमती उपहारों को संग्रहीत करता है।
अप्रैल में सत्ता से बेदखल हुए थे इमरान
क्रिकेटर से नेता बने इमरान खान को पिछले साल अक्टूबर में पाकिस्तान चुनाव आयोग (ईसीपी) ने बिक्री का विवरण साझा नहीं करने के कारण अयोग्य घोषित कर दिया था। शीर्ष निर्वाचन निकाय ने बाद में देश के प्रधानमंत्री के रूप में प्राप्त उपहारों को बेचने के लिए आपराधिक कानूनों के तहत उन्हें दंडित करने के लिए जिला अदालत में शिकायत दर्ज कराई थी। अविश्वास मत हारने के बाद इमरान को पिछले साल अप्रैल में सत्ता से बेदखल कर दिया गया था। नेशनल असेंबली में वोटिंग के जरिए बेदखल होने वाले इमरान पहले पाकिस्तानी प्रधानमंत्री हैं।