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इस्लामिक स्टेट का खतराः निपटने के लिए बनी चार देशों की फोर्स, जानें क्या है प्लान

नए गठजोड़ का मकसद अफगानिस्तान से अमेरिकी सेना की वापसी से उत्पन्न संकट से मिलकर निपटना है। अफगानिस्तान के छह पड़ोसियों और रूस के सीनियर राजनयिकों की वर्चुअल बैठक और उसके बाद तेहरान में हुई फिजिकल बैठक में आगे की रणनीति पर विचार किया गया है।

Neel Mani Lal
Written By Neel Mani LalPublished By Divyanshu Rao
Published on: 28 Oct 2021 11:56 PM IST
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इस्लामिक स्टेट का खतरा से निपटने के लिए चार देशों की गठित फोर्स (फोटो:सोशल मीडिया)

नई दिल्ली। ग्लोबल राजनीतिक और रणनीतिक फ्रंट पर एक नया गठजोड़ बना है जो मध्य एशिया में कुछ नया गुल खिला सकता है। ये गठजोड़ है चीन, रूस, ईरान और पाकिस्तान का और इस गठजोड़ का फोकस है अफगानिस्तान। इस गठजोड़ में मध्य एशिया के देश तुर्कमेनिस्तान, उज़्बेकिस्तान और ताजिकिस्तान भी शामिल हैं। इस गठजोड़ का उद्देश्य इस्लामिक स्टेट के खतरे से निपटना और अमेरिका को अफगानिस्तान से दूर रखना है।

नए गठजोड़ का मकसद अफगानिस्तान से अमेरिकी सेना की वापसी से उत्पन्न संकट से मिलकर निपटना है। अफगानिस्तान के छह पड़ोसियों और रूस के सीनियर राजनयिकों की वर्चुअल बैठक और उसके बाद तेहरान में हुई फिजिकल बैठक में आगे की रणनीति पर विचार किया गया है। ये बैठक ऐसे समय में हुई है जब अफगानिस्तान के सामने एक बहुत बड़ा मानवीय, आर्थिक और सुरक्षा संकट मुंह बाए खड़ा है। अफगानिस्तान के पड़ोसी देशों के सामने सबसे बड़ा खतरा इस्लामिक स्टेट जैसे आतंकी संगठनों द्वारा सिर उठाने का है। ये संगठन अफगानिस्तान से बाहर निकल कर अन्य देशों में उत्पात कर सकते हैं और ये एक वास्तविक खतरा है।

तालिबानी आंतकी की तस्वीर (फोटो:सोशल मीडिया)

चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने गठबंधन के सदस्य देशों से आग्रह किया है कि वे संयुक्त राष्ट्र और शंघाई कोऑपरेशन ऑर्गनाइजेशन जैसे मंचों के जरिये कार्रवाई करें। वांग ने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ एक संयुक्त मोर्चा बनाना जरूरी है।

रूसी विदेश मंत्री सेर्गेई लावरोव ने भी यही आह्वान किया और रूस के नेतृत्व वाले कलेक्टिव ट्रीटी सिक्योरिटी ऑर्गनाइजेशन द्वारा सहायता देने की पेशकश की। उन्होंने कहा कि उनका देश अफगानिस्तान को मदद देने की तैयारी कर रहा है। उन्होंने एक महत्वपूर्ण बात ये कही कि अमेरिका और उसके सहयोगी देशों को इस क्षेत्र में फिर से सेनाएं तैनात करने की किसी भी कोशिश को विफल किया जाना चाहिए।

ईरान के विदेश मंत्री हुसैन अमीर अब्दोल्लाहियन ने बताया कि उनके देश को इराक और सीरिया में जिहादियों से टक्कर लेने का अनुभव है। उन्होंने ये भी कहा कि ईरान ने अमेरिका के चलते बहुत दुश्वारियों को झेला है।

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Divyanshu Rao

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