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Israel-Gaza: 44 मौतों के बाद इस्लामिक जिहाद और इजरायल के बीच युद्ध विराम

Israel-Gaza:इजरायल के कार्यवाहक प्रधानमंत्री याइर लापिड के कार्यालय ने इस बात की पुष्टि की है कि फलस्तीनी उग्रवादी संगठन के साथ युद्ध विराम पर समझौता हो गया है।

Neel Mani Lal
Written By Neel Mani Lal
Published on: 8 Aug 2022 1:58 PM IST
israel gaza war
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इस्लामिक जिहाद और इजरायल के बीच युद्ध विराम (photo: social media )

Israel-Gaza: तीन दिन में 40 से ज्यादा मौतों और सैकड़ों लोगों के घायल होने के बाद इजरायल और इस्लामिक जिहाद के बीच युद्ध विराम हो गया है। मिस्र की मध्यस्थता से दोनों पक्ष युद्ध विराम पर राजी हुए।

इजरायल के कार्यवाहक प्रधानमंत्री याइर लापिड के कार्यालय ने इस बात की पुष्टि की है कि फलस्तीनी उग्रवादी संगठन के साथ युद्ध विराम पर समझौता हो गया है। इससे पहले फलस्तीनी संगठन इस्लामिक जिहाद ने ऐलान किया था कि वह मिस्र की मध्यस्थता से संभव हुए युद्ध विराम पर सहमत है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन ने शांति समझौते का स्वागत किया है और सभी पक्षों से "संघर्ष विराम को पूरी तरह से लागू करने और गाजा में ईंधन और मानवीय आपूर्ति सुनिश्चित करने का आह्वान किया है। बिडेन

ने गाजा में नागरिकों की और मौत पर भी शोक व्यक्त किया। बिडेन ने कहा - गाजा में नागरिकों के हताहत होने की खबरें एक त्रासदी हैं, चाहे इस्लामिक जिहाद के ठिकानों के खिलाफ इजरायली हमले हों या दर्जनों इस्लामिक जिहाद रॉकेट जो कथित तौर पर गाजा के अंदर गिरे हों।

इजरायल का 'ब्रेकिंग डॉन' नाम का सैन्य अभियान

बीते शुक्रवार को इजरायल ने 'ब्रेकिंग डॉन' नाम का यह सैन्य अभियान शुरू किया था। इस दौरान उसके हवाई हमलों में इस्लामिक जिहाद के कई सदस्य मारे गए जिनमें खालिद मंसूर और तैसीर अल-जाबरी जैसे बड़े कमांडर शामिल हैं। इजरायल का दावा है कि ये दोनों कमांडर आतंकवादी हमलों की योजना बना रहे थे।

फलस्तीन के स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि इजरायल के हमलों में अब तक 44 लोगों की जान गई है जिनमें कई बच्चे भी शामिल हैं। उधर इजरायल का कहना है कि बच्चों की मौत गलती से दागे गए इस्लामिक जिहाद के एक रॉकेट हमले में हुई। गाजा के अधिकारियों के मुताबिक अब तक 311 लोग घायल हुए हैं। फलस्तीनी उग्रवादियों ने इजरायल के शहरों पर सैकड़ों रॉकेट दागे जिनमें तेल अवीव और अश्केलोन भी शामिल हैं। इन हमलों में अब तक दो इजराइली नागरिकों के घायल होने की खबर है। रॉकेट हमलों के कारण आग लगने से कई लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाना पड़ा था।

गाजा पर शासन करने वाले संगठन हमास ने खुद को इस पूरे घटनाक्रम से बाहर रखा है। हमास और इस्लामिक जिहाद, दोनों को ही कई पश्चिमी देशों ने आतंकवादी संगठन घोषित कर रखा है।

कई देशों ने तनाव को कम करने की अपील की

अमेरिका और यूरोपीय संघ समेत कई देशों ने दोनों पक्षों से तनाव को कम करने की अपील की है जबकि मिस्र ने दोनों पक्षों के बीच समझौता कराने में मध्यस्थता की। पिछले साल भी मिस्र की मध्यस्थता पर ही इजरायल और हमास के बीच 11 दिन तक चला युद्ध रुक पाया था।

ताजा युद्ध के चलते गाजा में जारी मानवीय संकट और बढ़ गया है। शहर में दवाओं की कमी है और बिजली कटौती भी लगातार हो रही है। बीते हफ्ते इजरायल ने गाजा से आने जाने का रास्ता बंद कर दिया था। ईंधन की कमी के कारण गाजा का एकमात्र बिजली संयंत्र भी बंद करना पड़ा था। अब स्वास्थ्य विभाग ने चेतावनी दी है कि बिजली की कमी के कारण मंगलवार से स्वास्थ्य सेवाएं बंद करनी होंगी। उधर संयुक्त राष्ट्र ने कहा है कि बिजली की कमी का असर पानी की सप्लाई पर भी होगा और जल संकट मानवीय आपदा को और गंभीर कर सकता है।

नवीनतम टकराव अभी भी पूर्ण पैमाने पर संघर्ष में बदल सकता है क्योंकि यह काफी हद तक हमास के फैसले पर निर्भर करता है। वैसे तो हमास और इस्लामिक जिहाद दो सम्बद्ध समूह हैं, लेकिन हमास ने पिछले मई के युद्ध के बाद से अपने शस्त्रागार या सुरंग नेटवर्क को पूरी तरह से चालू नहीं किया है, और उसने लड़ाई में शामिल होने का विरोध किया है। हमास के विपरीत, इस्लामिक जिहाद गाजा के दिन-प्रतिदिन के मामलों को चलाने के लिए जिम्मेदार नहीं है। परिणामस्वरूप इसे अधिक उग्रवादी प्रतिरोध गुट के रूप में देखा जाता है, जो अक्सर स्वतंत्र रूप से कार्य करता है और कभी-कभी हमास के अधिकार को भी कमजोर करता है। पिछले 15 वर्षों में चार युद्धों और कई अन्य लड़ाइयों के बाद हुई हिंसा से गाजा के 22 लाख निवासी पहले ही त्रस्त हैं।



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Monika

Monika

Content Writer

पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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