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Israel War: इजराइल में फोन बचाएगा आपकी जान, आइये जाने उस ऐप के बारे में, जो खतरे से पहले कर रहा अलर्ट

Israel War: इजरायल में अचानक होने वाले रॉकेट और मिसाइल हमलों से बचने के लिए वहां के हर लोगों के मोबाइल में एक ऐप होता है। जो इन्हें ऐसे खतरों से आगाह करता है।

Krishna Chaudhary
Published on: 15 Oct 2023 9:33 AM IST (Updated on: 15 Oct 2023 9:34 AM IST)
Israel Hamas War
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Israel Hamas War (Social Media)

नई दिल्ली. इजरायल-हमास के बीच छिड़े भीषण जंग के कारण पल-पल की स्थिति विकट होती जा रही है। इजरायल और हमास शासित गाजा से खौफनाक तस्वीरें आ रही हैं। मिसाइल और रॉकेट हमलों में तबाह हुए घर और खून से लथपथ मासूम, ये ऐसे कुछ मंजर हैं, जिसने दुनिया भर को हिला कर रख दिया है। अत्याधुनिक हथियारों के कारण मौजूद दौर में जंगें और अधिक साबित हो रही हैं। इजरायल में तकनीक लोगों की जान भी बचा रही है।

दुश्मन पड़ोसियों से घिरे इजरायल में अक्सर रॉकेट हमले होते रहते हैं। जिसके कारण पूरे देश में सायरन का सिस्टम है यानी जब भी कोई मिसाइल या रॉकेट अटैक होता है तो ये बज उठता है, जिससे लोग सचेत हो जाते हैं और शेल्टर होम में जाकर छिप जाते हैं। इजरायल के हर घर, होटल, दफ्तर में ऐसे शेल्टर होम अनिवार्य रूप से बने होते हैं। वहां के नागरिकों की जान बचाने में मोबाइल ऐप भी बहुत काम आते हैं।

Red Alert ऐप जो लोगों को करता है आगाह

इजरायल में अचानक होने वाले रॉकेट और मिसाइल हमलों से बचने के लिए वहां के हर लोगों के मोबाइल में एक ऐप होता है। जो इन्हें ऐसे खतरों से आगाह करता है। वहां बाहर से आए लोगों को भी अपने मोबाइल में ऐसे ऐप को रखने की सलाह दी जाती है। इजरायल में Red Alert नामक ऐप लोगों के बीच काफी लोकप्रिय है। रॉकेट हमले का अंदेशा होने पर लोगों के पास इस ऐप की मदद से तुरंत अलर्ट नोटिफिकेशन जाता है।


यह शहर और लोकेशन के हिसाब से बताता है कि कहां रॉकेट से हमला होने वाला है। नोटिफिकेशन देखकर लोग समझ जाते हैं और समय रहते हुए फौरन सुरक्षित ठिकाने पर चले जाता हैं। इस तरह के ऐप हैं, जिन्हें वहां के नागरिकों द्वारा इस्तेमाल किया जाता है। इन्हें गूगल प्ले स्टोर और एप्पल ऐप स्टोर से डाउनलोड किया जा सकता है।

इजरायल में जीने के लिए ऐप जरूरी

इजरायल को लेकर कहा जाता है कि यहां रहने वाले लोग जिंदा रहने के लिए ऐप पर निर्भर हैं। इसमें सच्चाई भी है। ऑपरेशन अजय के तहत इजरायल से दिल्ली ला गए पंजाब के विशेष वहां पढ़ाई करते थे। उन्होंने बताया कि इजरायल में रह रहे लोगों के लिए ऐसे ऐप कितने जरूरी हैं। विशेष ने बताया कि हमलों के दौरान रेड अलर्ट ऐप ने उनके जैसे कई लोगों की मदद की। जब भी सायरन बजता तो ऐप पर लोकेशन आ जाती थी कि बम आपके घर से कितना दूर गिरा है। कहीं रॉकेट भी गिरते थे तो ऐप से उनकी लोकेशन का पता चल जाता था।

Jugul Kishor

Jugul Kishor

Content Writer

मीडिया में पांच साल से ज्यादा काम करने का अनुभव। डाइनामाइट न्यूज पोर्टल से शुरुवात, पंजाब केसरी ग्रुप (नवोदय टाइम्स) अखबार में उप संपादक की ज़िम्मेदारी निभाने के बाद, लखनऊ में Newstrack.Com में कंटेंट राइटर के पद पर कार्यरत हूं। भारतीय विद्या भवन दिल्ली से मास कम्युनिकेशन (हिंदी) डिप्लोमा और एमजेएमसी किया है। B.A, Mass communication (Hindi), MJMC.

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