Israel Hezbollah War : निशाने पर ईरान, इजरायल के सामने ये 4 रास्ते

Israel Hezbollah War : कुछ युद्ध तब भी शुरू हो जाते हैं जब कोई भी पक्ष उन्हें नहीं चाहता। इजरायल और ईरान के बीच चल रहा लगभग संघर्ष इसका एक उदाहरण है।

Neel Mani Lal
Published on: 3 Oct 2024 11:06 AM GMT (Updated on: 3 Oct 2024 11:06 AM GMT)
Israel Hezbollah War : निशाने पर ईरान, इजरायल के सामने ये 4 रास्ते
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Israel Hezbollah War : कुछ युद्ध तब भी शुरू हो जाते हैं जब कोई भी पक्ष उन्हें नहीं चाहता। इजरायल और ईरान के बीच चल रहा लगभग संघर्ष इसका एक उदाहरण है। दो अक्टूबर को शुरू हुआ नया हिब्रू वर्ष या तो दोनों पक्षों के बीच हमलों का अधिक तीव्र आदान-प्रदान ला सकता है या धीरे-धीरे तनाव कम करके शांति की ओर ले जा सकता है।

ईरान द्वारा इजरायल पर सबसे बड़ा मिसाइल हमला करने के बाद, प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू मुश्किल स्थिति का सामना कर रहे हैं। उनके समर्थक कड़ी प्रतिक्रिया के लिए दबाव बना रहे हैं, जबकि अमेरिकी सरकार उन्हें पूर्ण क्षेत्रीय युद्ध में बढ़ने से बचने की सलाह दे रही है। जबकि इजरायल के नेता इस बात पर विचार कर रहे हैं कि ईरान के मिसाइल हमलों का जवाब कैसे दिया जाए।

इजराइल के चार विकल्प

- एक विकल्प ईरान के तेल उद्योग को निशाना बनाना है। यह अपेक्षाकृत आसान होगा क्योंकि ईरान की ज्यादातर तेल सुविधाएँ फारस की खाड़ी में खार्ग द्वीप पर केंद्रित हैं, और इन्हें निशाना बनाने का बड़ा प्रभाव हो सकता है।

- इजरायल के दूसरा विकल्प ईरान सरकार और शासन के महत्वपूर्ण प्रतीकों को निशाना बनाना है, ये मुख्य रूप से तेहरान में होगा।प्रतीकों का मतलब प्रमुख सरकारी भवनों, नेतृत्व केंद्रों या अन्य महत्वपूर्ण इंफ्रास्ट्रक्चर से है जो शासन की शक्ति और अधिकार का प्रतिनिधित्व करते हैं।

- तीसरा विकल्प यह है कि इजराइल ईरान के टॉप नेताओं सहित उच्च रैंकिंग वाले ईरानी सरकारी अधिकारियों को निशाना बनाए।

- चौथा विकल्प यह है कि इजराइल ईरान की परमाणु सुविधाओं और बुनियादी ढांचे पर हमला करके उसे नष्ट करने के अपने लक्ष्य को हासिल करे।

अमेरिका का रुख

अमेरिका ने कथित तौर पर ईरान के तेल उद्योग पर इजरायली हमले का समर्थन करने का विरोध किया है, क्योंकि उसे डर है कि इससे ईरान इजरायल के क्षेत्रीय भागीदारों की तेल और गैस सुविधाओं के खिलाफ जवाबी कार्रवाई कर सकता है, जिससे वैश्विक ऊर्जा संकट पैदा हो सकता है। इससे ऊर्जा की कीमतें बढ़ सकती हैं और चुनावों से ठीक एक महीने पहले कमला हैरिस के राष्ट्रपति अभियान पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।

नेतन्याहू के सामने चुनौती

इजरायल के पीएम बेंजामिन नेतन्याहू एक बड़ी चुनौती का सामना कर रहे हैं जैसा शायद पहले नहीं हुआ है। ईरान के शासन और अर्थव्यवस्था को गंभीर रूप से नुकसान पहुँचाने वाला एक मजबूत सैन्य हमला संभवतः तनाव को और भी बढ़ा देगा और एक पूर्ण पैमाने पर युद्ध की ओर ले जा सकता है।

दूसरी ओर, नेतन्याहू को हमास और हिजबुल्लाह के खिलाफ़ हाल ही में मिली सैन्य और खुफिया सफलताओं से प्रेरित होकर कार्रवाई करने के लिए जनता के दबाव का सामना करना पड़ रहा है।

2024 में नेतन्याहू पहले से कहीं ज़्यादा बोल्ड हैं, वे आक्रामक कार्रवाई करने के लिए तैयार हैं, जिसके बारे में उन्होंने पहले शायद ही कभी सोचा हो, जैसा कि लेबनान पर आक्रमण करने के उनके फ़ैसले से पता चलता है। उनके विरोधियों का कहना है कि वे 7 अक्टूबर की घटनाओं की शर्मिंदगी को किसी भी तरह से दूर करने के लिए दृढ़ हैं। चुनौती यह पता लगाना है कि अत्यधिक जोखिम उठाए बिना ऐसा कैसे किया जाए। ईरान के साथ पूर्ण पैमाने पर युद्ध शुरू करना एक अभूतपूर्व और खराब तरीके से सोचा गया कदम होगा। फिर भी, इस संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है।

Rajnish Verma

Rajnish Verma

Content Writer

वर्तमान में न्यूज ट्रैक के साथ सफर जारी है। बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय से पत्रकारिता की पढ़ाई पूरी की। मैने अपने पत्रकारिता सफर की शुरुआत इंडिया एलाइव मैगजीन के साथ की। इसके बाद अमृत प्रभात, कैनविज टाइम्स, श्री टाइम्स अखबार में कई साल अपनी सेवाएं दी। इसके बाद न्यूज टाइम्स वेब पोर्टल, पाक्षिक मैगजीन के साथ सफर जारी रहा। विद्या भारती प्रचार विभाग के लिए मीडिया कोआर्डीनेटर के रूप में लगभग तीन साल सेवाएं दीं। पत्रकारिता में लगभग 12 साल का अनुभव है। राजनीति, क्राइम, हेल्थ और समाज से जुड़े मुद्दों पर खास दिलचस्पी है।

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