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Israel Hezbollah War : ग्लोबल युद्ध के कगार पर दुनिया, असर तो सब पर पड़ेगा

Israel Hezbollah War : आज इजरायल, ईरान, फलस्तीन, यमन, लेबनान, सूडान, सीरिया - ये सब युद्ध में सीधे सीधे फंसे हुए हैं, जबकि बाकी दुनिया इन युद्धों की वजह से परेशान है।

Neel Mani Lal
Published on: 2 Oct 2024 7:09 PM IST
Israel Hezbollah War : ग्लोबल युद्ध के कगार पर दुनिया, असर तो सब पर पड़ेगा
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सांकेतिक तस्वीर (Pic- Social Media)

Israel Hezbollah War : द्वितीय विश्व युद्ध के समाप्त होने के दिन से ही तृतीय विश्व युद्ध की चर्चा हो रही है। लेकिन वियतनाम, अफगानिस्तान, इराक अंगोला जैसे खतरनाक छद्म युद्धों के बावजूद दुनिया कभी भी परमाणु संघर्ष के इतने करीब नहीं पहुंची है, जितनी की आज है। आज इजरायल, ईरान, फलस्तीन, यमन, लेबनान, सूडान, सीरिया - ये सब युद्ध में सीधे सीधे फंसे हुए हैं, जबकि बाकी दुनिया इन युद्धों की वजह से परेशान है।

इस बार, चीजें कहीं ज़्यादा गंभीर लग रही हैं। इजरायल के अभियान फलस्तीनी आतंकी गुट हमास और लेबनानी गुट हिजबुल्लाह के खिलाफ जोरदार तरीके से चल रहा है। यमनी आतंकी हौथी लाल सागर में खुराफात कर ही रहे हैं और अब इजरायल ने उनको भी एक झटका दे दिया है। हौथी इसके पहले सऊदी अरब से उलझे हुए हैं। हमास, हिजबुल्लाह और हौथी - इन तीनों विध्वंसकारी गुटों के पीछे ईरान का हाथ है और वो खुद भी अपनी चौधराहट दिखाने के लिए इजरायल पर हमले करने लगा है। अप्रैल के बाद अब ईरान ने फिर इजरायल पर मिसाइलें दागीं हैं।

फिलवक्त तो ईरान के अलावा बाकी अरब देश चुप हैं लेकिन कुछ कहा नहीं जा सकता कि वो युद्ध फैलने की दशा में फांद पड़ेंगे की नहीं। इस बार इजरायल के इरादे साफ हैं। उसने ठान रखी है कि हमास, हिजबुल्लाह और ईरान को कठोर सबक सिखा कर ही दम लेगा ताकि आये दिन के संघर्ष खत्म हो सकें।

रूस - यूक्रेन

ग्लोबल युद्ध का एक संभावित मैदान रूस यूक्रेन है जो लम्बे समय से युद्ध में संलग्न हैं। दोनों ही एटमी सक्षम हैं। इस युद्ध में बेलारूस, पोलैंड आदि के शामिल होने के खतरे हैं।

चीन - ताइवान

युद्ध का एक मैदान ताइवान भी संभावित है। चीन लगातार धमकियां दे रहा है। उसने ताइवान को चीन का हिस्सा घोषित कर रखा है। चीन को अमेरिका की चेतावनी है कि अगर ताइवान पर हमला बोला तो वह चुप नहीं बैठेगा। चीन ने अपनी गतिविधियां कम नहीं कीं हैं और ये मसला कभी भी तूल पकड़ सकता है।

सूडान संघर्ष

अफ्रीका में भी हालत शांत नहीं हैं। सूडान का मसला बरसों से चल ही रहा है। सूडान में सरकार और विद्रोहियों के बीच लड़ाई फिर भड़की हुई है और इस बार सरकारी सेना ने विद्रोहियों के कब्जे वाले खारतूम शहर पर गोलाबारी की है जिसकी चपेट में खारतूम स्थित यूएई दूतावास आ गया है।

एटमी खतरा

संभावित विश्व युद्ध में थर्मोन्यूक्लियर हथियारों के इस्तेमाल को नकारा नहीं जा सकता। थर्मोन्यूक्लियर हथियार परमाणु हथियारों से 1,000 गुना ज़्यादा शक्तिशाली हैं। इनका इस्तेमाल हुआ तो अमेरिका, यूरोप और रूस में समाज का बहुत बड़ा हिस्सा विलुप्त हो जाएगा। जैसा कि अमेरिका, रूस और चीन के नेताओं ने कहा है, परमाणु युद्ध कभी नहीं लड़ा जाना चाहिए क्योंकि इसे कभी जीता नहीं जा सकता।

पुतिन की धमकियों के बावजूद, रूस के पास नाटो के खिलाफ़ पश्चिम में पारंपरिक हमला करने की क्षमता नहीं है। सामरिक परमाणु हथियारों के अलावा हर श्रेणी में, नाटो के पास रूस पर भारी सैन्य श्रेष्ठता है। यही हाल चीन का है। वो पारंपरिक युद्ध की बजाए आर्थिक युद्ध में ज्यादा रुचि रखेगा।

पश्चिम एशिया में हुए पांच अन्य युद्ध - 1948, 1956, 1967, 1973 और 1982 में लेबनान पर आक्रमण - वैश्विक स्तर पर नहीं बढ़े। ईरान की हाल की गतिविधियाँ भी कोई नई बात नहीं हैं।

सो अगर तथ्य-आधारित विश्लेषण किया जाए, तो चाहे सतही तौर पर स्थितियाँ कितनी भी ख़तरनाक क्यों न लगें, ऐसा कोई सबूत सामने नहीं आता है जो यह सुझाव दे कि विश्व युद्ध होने वाला है।



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Rajnish Verma

Rajnish Verma

Content Writer

वर्तमान में न्यूज ट्रैक के साथ सफर जारी है। बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय से पत्रकारिता की पढ़ाई पूरी की। मैने अपने पत्रकारिता सफर की शुरुआत इंडिया एलाइव मैगजीन के साथ की। इसके बाद अमृत प्रभात, कैनविज टाइम्स, श्री टाइम्स अखबार में कई साल अपनी सेवाएं दी। इसके बाद न्यूज टाइम्स वेब पोर्टल, पाक्षिक मैगजीन के साथ सफर जारी रहा। विद्या भारती प्रचार विभाग के लिए मीडिया कोआर्डीनेटर के रूप में लगभग तीन साल सेवाएं दीं। पत्रकारिता में लगभग 12 साल का अनुभव है। राजनीति, क्राइम, हेल्थ और समाज से जुड़े मुद्दों पर खास दिलचस्पी है।

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