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Mossad in Iran: ईरान में मोसाद की है गहरी पैठ, अंजाम दिए हैं कई बड़े ऑपरेशन
ये सब घटनाएं बताती हैं कि विदेशी खुफिया एजेंसियों, खासकर मोसाद की कितनी गहरी पैठ ईरान में है। ईरान में स्थानीय लोगों के नेटवर्क के जरिये खुफिया एजेंसी ऑपरेट करती है।
Mossad in Iran : ईरान (Iran) की इलीट सैन्य इकाई इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कोर (IRGC) के कर्नल हसन सयाद खोदायरी (Colonel Hasan Sayed Khodayari) की उनके घर के बाहर गोली मारकर हत्या कर दी गई। बाइक सवार हत्यारे फरार हो गए। खोदायरी क़ुद्स फोर्स (Quds Force) के पूर्व प्रमुख जनरल कासेम सोलेमानी (General Qassem Soleimani) का भी एक सहयोगी था, जिन्हें अमेरिका ने बगदाद हवाई अड्डे के पास एक ड्रोन हमले (Drone strikes) में मार गिराया था।
-7 अगस्त, 2021 को तेहरान में सरेआम अल-कायदा के अबू मुहम्मद अल-मसरी और उनकी बेटी मरियम अल-मसरी को गोली से उड़ा दिया गया था। मरियम, अल-कायदा प्रमुख ओसामा बिन लादेन के बेटे हमजा बिन-लादेन की पत्नी थी। मीडिया रिपोर्ट्स में बताया गया कि उनकी हत्या कथित तौर पर "इजरायल और यहूदी टार्गेट्स" के खिलाफ नियोजित हमलों के जवाब में थी।
- नवंबर 2020 में ईरान के सबसे प्रमुख परमाणु वैज्ञानिक मोहसिन फखरिज़ादेह की रिमोट कंट्रोल मशीन गन की फायरिंग से हत्या कर दी गई। ये कांड तब हुआ जब फखरिज़ादेह के वाहनों का काफिला चल रहा था। मोहसिन फखरिज़ादेह को आईआरजीसी के सदस्य के रूप में भी जाना जाता था। अप्रैल 2018 में एक विशेष प्रेस कॉन्फ्रेंस में तत्कालीन इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा था कि ईरान के अघोषित परमाणु हथियार कार्यक्रम में मोहसीन फखरिज़ादेह की भूमिका है। नेतन्याहू ने कहा था, 'डॉ मोहसिन फखरिज़ादेह, इस नाम को याद रखियेगा। दो साल बाद उनकी हत्या कर दी गई।'
- जनवरी 2018 की एक अंधेरी रात में, एक दर्जन लोगों ने तेहरान के पास एक वेयरहाउस में सेंध लगाई। सात घंटे चले ऑपरेशन में हमलावर, वेयरहाउस में रखे 32 सेफ में से 27 के ताले पिघला कर तोड़ दिए और आधा टन गुप्त नाभिकीय दस्तावेजों को लेकर फरार हो गए। यह ईरान के इतिहास में सबसे दुस्साहसी चोरी थी। तीन महीने बाद, इजरायल में तत्कालीन इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू (Israeli Prime Minister Benjamin Netanyahu) ने चोरी की गई सामग्री का प्रदर्शन किया। उन्होंने कहा, कि ये मोसाद (Mossad) का ऑपरेशन था। अगस्त 2021 में कार्यालय में अपने अंतिम दिन, ईरानी राष्ट्रपति हसन रूहानी (Iranian President Hassan Rouhani) ने इस चोरी की शिकायत अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड से की थी।
- पिछले साल जून में जून में तेहरान के पास एक मैन्युफैक्चरिंग प्लांट को ड्रोन से टारगेट किया गया। ये निष्कर्ष निकाला गया कि ईरानी क्षेत्र से ही रिमोट-नियंत्रित हमला किया गया था।
ये सब घटनाएं बताती हैं कि विदेशी खुफिया एजेंसियों, खास कर मोसाद की कितनी गहरी पैठ है। एक बार ईरानी खुफिया मंत्री और पूर्व राष्ट्रपति रूहानी के शीर्ष सलाहकार अली युनेसी ने एक साक्षात्कार में कहा था कि - देश के कई हिस्सों में मोसाद का प्रभाव इतना विशाल है कि ईरानी नेतृत्व के प्रत्येक सदस्य को अपने जीवन की सुरक्षा के लिए चिंतित होना चाहिए। बताया जाता है कि ईरान में स्थानीय लोगों के नेटवर्क के जरिये खुफिया एजेंसी ऑपरेट करती है। शायद ही कभी इजरायली नागरिकों के जरिये कार्रवाई अंजाम दी जाती है। पहले तो इजरायली खुफिया एजेंसी अपनी कार्रवाई की जानकारी लीक करती थी लेकिन अब ऐसा नहीं होता है।
-मोसाद संभवतः ईरान के अंदर उच्च जोखिम वाले मिशनों को अंजाम देने के लिए गैर-इजरायली ऑपरेटर्स को जुटाता है। गुप्त एजेंटों के इस नेटवर्क ने इजरायल को प्रमुख परिसंपत्तियों और सुविधाओं को टारगेट करने के लिए सक्षम बनाया है। खुफिया एजेंसी इस काम के लिए घरेलू असंतुष्टों के अलावा ईरान की सत्ता के विरोधी ऐसे लोग जो विदेशों में हैं उनसे काम लेती है। साथ ही संभवतः अन्य देशों के नागरिकों को भी रिक्रूट किया जाता है जो आसानी से ईरान में प्रवेश कर सकते हैं। ऐसे एजेंटों की भर्ती और हैंडलिंग प्रक्रिया गोपनीयता में डूबी रहती है, लेकिन माना जाता है कि इन ऑपरेटर्स को इजरायल में कुछ प्रशिक्षण दिया जाता है।