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Ceasefire: अमेरिका ने कराया युद्धविराम, फलस्तीनियों ने ली राहत की सांस

बड़ी संख्या में लोग सड़कों पर उतर आए और नारेबाजी करते हुए फलस्तीन का झंडा लहराने लगे

Neel Mani Lal
Written By Neel Mani LalPublished By Pallavi Srivastava
Published on: 21 May 2021 10:20 AM GMT (Updated on: 21 May 2021 10:26 AM GMT)
Ceasefire: अमेरिका ने कराया युद्धविराम, फलस्तीनियों ने ली राहत की सांस
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लखनऊ। इजरायल और फलस्तीनी उग्रवादी गुट हमास का युद्ध विराम हो गया है। ये द्विपक्षीय युद्धविराम आज तडके प्रभावी हुआ जिसके बाद गाजा में लोग घरों से बाहर निकल आए और अल्ला हू अकबर के नारे लगाए। विश्व के नेताओं ने संघर्ष विराम का स्वागत किया है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन ने कहा कि यह आगे बढ़ने का एक वास्तविक अवसर है। उन्होंने मध्यस्थता के प्रयासों के लिए मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सिसी को धन्यवाद दिया। हमास ने युद्धविराम को 'फलस्तीनी लोगों की जीत' बताया है और कहा है कि लड़ाई में नष्ट हुए सभी घरों का पुनर्निर्माण किया जाएगा।


युद्धविराम की घोषणा के बाद ही गाजा पट्टी के लोग काफी खुश नजर आए और वहां अचानक युद्ध की जगह जश्न का माहौल हो गया। बड़ी संख्या में लोग सड़कों पर निकल आए और नारेबाजी करते हुए फलस्तीन का झंडा लहराने लगे। ग्यारह दिन चली इस लड़ाई में न किसी की जीत हुई और न किसी की हार, लेकिन दोनों ही पक्षों ने संघर्ष विराम को जीत बताया है। इजरायल के प्रधानमंत्री नेतान्याहू के कार्यालय से जारी एक बयान में कहा गया है कि गाजा पर हमले में महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल हुईं हैं जिनमें से कुछ अभूतपूर्व हैं।


जानमाल का भारी नुकसान

गाजा पर इजरायल की बमबारी में 232 फलस्तीनी मारे गए जिनमें 65 बच्चे और तीन दर्जन से अधिक महिलाएं शामिल हैं। वहीं हमास के रॉकेट हमले में दो इजरायली सैनिकों समेत 12 लोगों की मौत हुई है। इस लड़ाई में डेढ़ हजार से ज्यादा फलस्तीनी घायल हुए और कई स्कूल, अस्पताल और सैकड़ों अन्य आवासीय भवन नष्ट हो गए। वहीं हमास के राकेटों से इजरायल में सैकड़ों लोग घायल भी हुए हैं। इजरायल और हमास के बीच युद्ध 10 मई को शुरू हुआ था।


लड़ाई की शुरुआत के बाद दोनों ओर से हवाई हमले का सिलसिला शुरू हुआ। इजरायल का दावा है कि उसने हवाई हमलों के जरिए हमास के ठिकानों और सुरंग नेटवर्क को भी ध्वस्त करने में सफलता हासिल की है। दूसरी ओर हमास के उग्रवादियों ने इजरायल पर चार हजार से ज्यादा रॉकेट दागे और हालांकि इजरायल के आयरन डोम हवाई प्रतिरक्षा सिस्टम ने हमास के रॉकेटों को हवा में ही नष्ट कर दिया। लेकिन चंद राॅकेट इजरायल के भीतर भी पहुँच गए। इस बीच संयुक्त राष्ट्र महासचिव अंटोनियो गुटेरेश ने भी संघर्ष विराम का स्वागत किया और मारे गए लोगों के प्रति संवेदना व्यक्त की। उन्होंने फलस्तीन और इजरायल से समस्या की जड़ तक जाने और इसका समाधान निकालने का भी आग्रह किया। उन्होंने कहा, मैं इस बात पर जोर देता हूं कि शांति बहाली से परे संघर्ष के मूल कारणों को हल करने के लिए गंभीर बातचीत में शामिल होना इजरायल और फलस्तीनी नेताओं की जिम्मेदारी है। यूरोपीय परिषद के अध्यक्ष चार्ल्स मिशेल ने भी दोनों पक्षों के बीच हुए संघर्ष विराम का स्वागत किया है। मिशेल ने एक ट्वीट में कहा कि 11 दिनों के संघर्ष को समाप्त करने के लिए इजरायल और हमास के बीच संघर्ष विराम की घोषणा का स्वागत है। नागरिकों के शांति और सुरक्षा के लिए इस अवसर का लाभ लिया जा सकता है।

युद्ध विराम में अमेरिका की बड़ी भूमिका

युद्ध विराम कराने में अमेरिका की बड़ी भूमिका है। अमेरिका नहीं चाहता था कि संयुक्त राष्ट्र में ये मसला आगे बढ़े। युद्ध विराम के लिए मिस्र लगा हुआ था जिसे अमेरिका का पूरा समर्थन था। युद्ध विराम का ऐलान जो बिडेन और मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सीसी के बीच हुई फोन पर बातचीत के कुछ घंटो बाद ही हो गया। मिस्र के अधिकारी लंबे समय से इजरायल और हमास के बीच मध्यस्थता कर रहे थे। इजरायली कैबिनेट ने मिस्र का प्रस्ताव मंजूर करते हुए कहा कि पारस्परिक और बिना शर्तों के युद्ध विराम किया जाएगा। साथ ही कैबिनेट ने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के प्रमुख मेयर बेन-शब्बात मिस्र के साथ शांति समझौते को आखिरी रूप देने पर काम करेंगे। ऐसा कहा जा रहा है कि अल-सीसी भी एक सुरक्षा डेलीगेशन को गाजा और इजरायल भेजेंगे। पिछले कुछ दिनों में मिस्र ने वेस्ट बैंक में रामल्लाह और इजरायल के तेल अवीव में युद्ध विराम की मध्यस्थता के लिए अपना प्रतिनिधि मंडल कई बार भेजा था।

Pallavi Srivastava

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