TRENDING TAGS :
इजरायल-फिलिस्तीन के बीच बढ़ा संघर्ष, अब तक 83 की मौत
इजरायल और हमास के बीच हुई हिंसा में 17 बच्चों और 7 महिलाओं सहित कम से कम 83 फिलिस्तीनी मारे गए हैं।
नई दिल्ली: दशकों पुराना इजरायल-फिलिस्तीन संघर्ष (Israeli-Palestinian Conflict) एक बार फिर भड़क चुका है। पिछले एक महीने से दोनों के बीच तनाव की खबरें आ रही थीं जो कि सात मई से अपने चरम पर पहुंच गया। इस बार हमले की शुरुआत फिलिस्तीन समर्थक आतंकी संगठन हमास (Hamas) ने की। यह इस बात की प्रतिक्रिया थी जिसमें इजरायली अधिकारियों ने फिलिस्तीनियों से उनके क्षेत्र को खाली करने को कहा था।
12 मई को दोनों पक्षों से रॉकेट लॉन्च होने के बाद इसमें तेजी आ गई है और नवीनतम सरकारी आंकड़ों के अनुसार, 83 लोग हवाई हमले में मारे गए हैं, जबकि 6 इजरायलियों की मृत्यु हो गई है। इजरायल के कई शहरों से यहूदी इजरायल और फिलिस्तीनी नागरिकों के बीच हिंसक टकराव की खबरें भी आ रही हैं।
संघर्ष विराम पर बातचीत करने के प्रयास शुरू
मिस्र के खुफिया अधिकारियों ने कहा कि गाजा के साथ बढ़ते संघर्ष के बीच संघर्ष विराम पर बातचीत करने के प्रयासों के तहत मिस्र का एक प्रतिनिधिमंडल गुरुवार को तेल अवीव गया है। इस प्रतिनिधिमंडल ने पहले गाजा पट्टी में हमास के अधिकारियों के साथ मुलाकात की और फिर इजरायल में प्रवेश किया है। यह पहली बार नहीं है कि मिस्र मध्यस्थता की भूमिका निभाने आगे आया है, इसने अतीत में कई बार मध्यस्थता की कोशिश की है।
कसम ब्रिगेड के प्रवक्ता अबू ओबेदा ने अल जज़ीरा को बताया, "अयाश 250 मिसाइल जिसकी रेंज 250 किमी से अधिक है, रामोन हवाई अड्डे पर गाजा से लगभग 220 किमी दूर लॉन्च की गई है। कहा जा रहा है कि रॉकेट लॉन्चिंग कसम ब्रिगेड्स द्वारा अपने वरिष्ठ कमांडरों की हत्या का जवाब है।
इज़राइल और फिलिस्तीनियों के बीच बढ़ती हिंसा के बीच अमेरिकन एयरलाइंस, यूनाइटेड एयरलाइंस और डेल्टा एयर लाइन्स ने इजरायल के लिए उड़ानें निलंबित कर दी हैं। इजरायल ने गाजा पर हवाई हमले किये हैं और गाजा में फिलिस्तीनी आतंकवादियों ने तेल अवीव में मुख्य हवाई अड्डे सहित इजरायल के ठिकानों पर रॉकेट दागे हैं।
इस बीच मिस्र के विदेश मंत्री समीह शौरी और उनके रूसी समकक्ष सर्गेई लावरोव ने फिर दोहराया कि इजरायल को गाजा पट्टी पर हमलों को रोकने की जरूरत है। फोन पर बातचीत के दौरान दोनों समकक्षों ने सहमति व्यक्त की कि इजरायल को हिंसा बंद करनी चाहिए। हालांकि अमेरिका का कहना है कि इजरायल को अपना बचाव करने का अधिकार है।
ब्रिटिश प्रधान मंत्री बोरिस जॉनसन ने गुरुवार को कहा कि ब्रिटेन इजरायल में हिंसा को तत्काल कम करना चाहता है। जॉनसन ने संवाददाताओं से कहा, "निश्चित रूप से हम जो हो रहा है, उसे देखकर बहुत दुखी हैं।" "मुझे लगता है कि यह महत्वपूर्ण है कि हम हिंसा के इस चक्र को तोड़ दें, ऐसा तत्काल किया जाना जरूरी है।
इजरायल के प्रधान मंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने पूरे देश के शहरों में यहूदी-अरब हिंसा की "अराजकता" की निंदा की है। नेतन्याहू ने बुधवार को कहा कि "कुछ भी उचित नहीं है" यहूदी अरब पर हमला कर रहे हैं या अरब यहूदियों पर हमला कर रहे हैं। उनके शब्दों में, "मेरे लिए यह मायने नहीं रखता कि आपका खून उबल रहा है। आप कानून को अपने हाथ में नहीं ले सकते।"
एक महीने पहले हुई थी खूनी संघर्ष की शुरुआत
गौरतलब है कि इजरायल और फिलिस्तीनियों के बीच ये खूनी संघर्ष की शुरुआत लगभग एक महीने पहले हुई थी, जब पूर्वी येरुशलेम के इलाकों में यहूदियों ने फिलिस्तीनी अरबियों को उनके घर खाली करने को कहा था। इसी तनाव के बीच जब 7 मई को रमजान के महीने का आखिरी शुक्रवार था और फिलिस्तीनी पूर्वी यरुशलेम की अल अक्सा मस्जिद में नमाज के लिए पहुंचे थे, तो वहां इजरायल के सुरक्षा बल से उनकी हिंसक झड़पें हो गई। इस हिंसक झड़प में कुछ फिलिस्तीनी मारे गए और इसके बाद हमास ने इजरायल पर राकेट दाग दिये। जिसके जवाब में इजरायल ने राकेट दागे। अब इजरायल के तेल अवीव और दूसरे शहरों में भी हिंसा भड़क उठी है और कथित तौर पर इस समय वहां घरों को भी जलाया जा रहा है।