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Italy Election: धुर दक्षिणपंथी नेता बनेंगी इटली की पीएम, मुसोलिनी के बाद पहली बार होगा ऐसा

Italy Election: एग्जिट पोल के मुताबिक इटली में रविवार को हुए संसदीय चुनाव में राष्ट्रवादी नेता जियोर्जिया मेलोनी के नेतृत्व वाले धुर दक्षिणपंथी गठबंधन ने बहुमत हासिल कर लिया है

Neel Mani Lal
Published on: 26 Sep 2022 2:28 PM GMT
Italy Election extreme right wing leader become Italy PM this happen first time after Mussolini
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Giorgia Meloni, Benito Mussolini

Italy Election: धुर दक्षिणपंथी गठबंधन का नेतृत्व करने वाली जियोर्जिया मेलोनी इटली की पहली महिला प्रधानमंत्री बनने की राह पर हैं। वह मुसोलिनी के बाद पद संभालने वाली पहली धुर दक्षिणपंथी नेता होंगी।

एग्जिट पोल के मुताबिक इटली में रविवार को हुए संसदीय चुनाव में राष्ट्रवादी नेता जियोर्जिया मेलोनी के नेतृत्व वाले धुर दक्षिणपंथी गठबंधन ने बहुमत हासिल कर लिया है।मेलोनी ने कहा है कि इटली की जनता ने उनके गठबंधन को समर्थन देते हुए "स्पष्ट संदेश" दिया है। मेलोनी ने कहा, अगर हमें इस देश पर शासन करने के लिए कहा जाता है, तो हम सभी ऐसा इटली की जनता के लिए करेंगे, जिसका उद्देश्य लोगों को एकजुट करना है। हम आपके भरोसे के साथ विश्वासघात नहीं करेंगे। उनकी यह टिप्पणी मध्य-वामपंथी डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडी) द्वारा हार मानने के तुरंत बाद आई। मध्य-वामपंथी डेमोक्रेटिक पार्टी की वरिष्ठ सांसद डेबोरा सेराचियानी ने पार्टी की ओर से जारी आधिकारिक टिप्पणी में पत्रकारों से कहा - यह देश के लिए एक दुखद बात है। दक्षिणपंथियों के पास संसद में बहुमत है, लेकिन देश में नहीं।

एग्जिट पोल ने मेलोनी के ब्रदर्स ऑफ इटली पार्टी के नेतृत्व वाले गठबंधन को लगभग 45 फीसदी वोट हासिल करते हुए दिखाया है। मेलोनी की अपनी पार्टी खुद का 26 फीसदी वोट हासिल करती दिखी, जो चुनावों में सबसे मजबूत समूह बना है। डेमोक्रेटिक पार्टी के नेतृत्व वाले मध्य-वाम गठबंधन को 29 प्रतिशत वोट मिलने का अनुमान है, जो दूसरा सबसे मजबूत ब्लॉक है। लोकप्रियता में आखिरी मिनट में उछाल की रिपोर्ट के कारण 5 स्टार मूवमेंट ने भी लगभग 16.5 प्रतिशत वोट हासिल किया।

इटली के गृह मंत्रालय के अनुसार कुल 64 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मत डाले। यह 2018 के पिछले चुनाव की तुलना में काफी कम है, जिसमें रिकॉर्ड 73 प्रतिशत मतदान हुआ था।

मेलोनी और उनकी पार्टी ब्रदर्स ऑफ इटली ने चुनाव प्रचार के दौरान एजेंडा ऑफ गॉड के साथ मातृभूमि और ईसाई पहचान को मुद्दा बनाया था। 45 वर्षीय राष्ट्रवादी मेलोनी को इस बात के लिए आलोचना झेलनी पड़ी कि उन्होंने खुद को स्पष्ट तौर पर उस नव फासीवादी आंदोलन से अलग नहीं किया है जो तानाशाह बेनितो मुसोलिनी से हमदर्दी रखने वालों ने शुरू किया था। उन्होंने प्रचार के दौरान फासीवादी होने के आरोपों को खारिज किया और धुर दक्षिणपंथी बयानबाजी में तेजी से कमी लाई थी।

यूरोप पर असर

दक्षिणपंथी गठबंधन की जीत का यूरोप के लिए बड़ा प्रभाव हो सकता है। इस सफलता का अर्थ है कि द्वितीय विश्व युद्ध और फासीवादी नेता बेनिटो मुसोलिनी के बाद से रोम में सबसे दक्षिणपंथी सरकार का प्रवेश होने वाला है। विश्लेषक कहते हैं कि आने वाले सप्ताह और महीने यह निर्धारित करेंगे कि "कौन सा मेलोनी" शासन करेगा - नाटो समर्थक, यूक्रेन समर्थक अटलांटिकवादी, या राजनीतिक पाखण्डी जिसने यूरोपीय संघ के नियमों को चुनौती देने की इच्छा व्यक्त की है, जैसे कि यूरोस्केप्टिक दक्षिणपंथी पर अन्य।

ब्रदर्स ऑफ इटली पार्टी ने 2012 में अपनी स्थापना के बाद से लोकप्रियता में जबर्दस्त वृद्धि का अनुभव किया है। आव्रजन, अर्थव्यवस्था, नौकरियों और जीवन स्तर से संबंधित मसलों पर इस पार्टी के साथ जनता का जुड़ाव दिखता है और पार्टी ने इटली और यूरोप की चुनौतियों से निपटने का संकल्प लिया है। विशेष तौर पर ये राष्ट्रवाद और यूरोप की ख़ास पहचान की बात उठाती है। अंधाधुंध इमिग्रेशन जैसे मसले से कई देश अब त्रस्त हैं और इसी वजह से जनता दक्षिणपंथी दल को समर्थन दे रही है। जर्मनी से लेकर फ़्रांस तक यही ट्रेंड देखा जा रहा है।

ब्रदर्स ऑफ इटली पार्टी और उसके गठबंधन सहयोगी 'लेगा', दोनों अपने मूल में राष्ट्रवादी पार्टियां हैं और अतीत में यूरो को छोड़ने की वकालत करते हुए अतीत में विभिन्न प्रस्ताव व्यक्त किए हैं हालांकि उस पर उनका रुख अब नरम हो गया है। ब्रदर्स ऑफ इटली पार्टी ने कम नौकरशाही वाले यूरोपीय संघ के लिए तर्क दिया है और घरेलू मुद्दों में इतालवी कानून की प्रधानता का समर्थन किया है। पार्टी ने यह भी कहा है कि वह यूक्रेन युद्ध के मद्देनजर बड़े पैमाने पर मुद्रास्फीति और बढ़ते ऊर्जा बिलों को देखते हुए यूरोपीय संघ से इटली के कोविड रिकवरी फंड को फिर से हासिल करने की कोशिश करेगी।

Anant kumar shukla

Anant kumar shukla

Content Writer

अनंत कुमार शुक्ल - मूल रूप से जौनपुर से हूं। लेकिन विगत 20 सालों से लखनऊ में रह रहा हूं। BBAU से पत्रकारिता में पोस्ट ग्रेजुएशन (MJMC) की पढ़ाई। UNI (यूनिवार्ता) से शुरू हुआ सफर शुरू हुआ। राजनीति, शिक्षा, हेल्थ व समसामयिक घटनाओं से संबंधित ख़बरों में बेहद रुचि। लखनऊ में न्यूज़ एजेंसी, टीवी और पोर्टल में रिपोर्टिंग और डेस्क अनुभव है। प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया प्लेटफॉर्म पर काम किया। रिपोर्टिंग और नई चीजों को जानना और उजागर करने का शौक।

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