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सलाम: जिंदगी में तमाम मुश्किलों से लड़कर जैक मा ने हासिल की बुलंदी

seema
Published on: 24 Nov 2017 3:48 PM IST
सलाम: जिंदगी में तमाम मुश्किलों से लड़कर जैक मा ने हासिल की बुलंदी
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शंघाई। वे कक्षा पांच में दो बार और कक्षा आठ में तीन बार फेल हुए थे। बिल गेट्स और स्टीव जॉब्स की तरह उनके पास भी कम्प्यूटर साइंस का कोई बैकग्राउंड नहीं है। उनका बचपन इतनी गरीबी में बीता कि उन्होंने कभी कम्प्यूटर का इस्तेमाल तक नहीं किया था। उन्होंने पुलिस में भर्ती होने की दिली तमन्ना पाल रखी थी मगर वे वहां भी रिजेक्ट कर दिए गए। फिर भी उन्होंने हार नहीं मानी और दुनिया की प्रतिष्ठित हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में दाखिल होने का सपना देखने लगे मगर हार्वर्ड यूनिवर्सिटी ने उन्हें दस बार रिजेक्ट किया।

थक हारकर उन्होंने अपने शहर के एक स्कूल में टीचर की नौकरी शुरू की मगर यहां भी मन नहीं लगा। तीन साल बाद उन्होंने इस नौकरी को छोड़ अनुवाद करने वाली एक कंपनी खोली। बाद में इंटरनेट से प्रभावित होकर अलीबाबा की शुरुआत की और फिर उसके बाद कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। इस कंपनी के जरिये उन्होंने पूरी दुनिया में कामयाबी का इतिहास रच डाला।

सिंगल्स डे पर बिक्री का नया रिकॉर्ड

हम बात कर रहे अलीबाबा के मुखिया जैक मा की जिनकी जिन्दगी की कहानी बताती है कि आदमी को विफलताओं से कभी घबराना नहीं चाहिए और मुश्किलों से कभी हार नहीं माननी चाहिए। उनकी जिन्दगी यह भी बताती है कि जमीन का आदमी मेहनत व आइडिया के बल पर बुलंदी पर पहुंच सकता है और पूरी दुनिया को हैरान कर सकता है। अभी पिछले ग्यारह नवंबर को सिंगल्स डे पर अलीबाबा ने ऑनलाइन शॉपिंग आयोजन के दौरान पिछला रिकॉर्ड तोड़ते हुए 25.4 अरब डॉलर (1660 अरब रुपये) की बिक्री की है। आधे दिन में ही कंपनी ने 18 अरब डॉलर (117,000 करोड़ रुपये) की बिक्री के पिछले रिकॉर्ड को पार कर लिया था। चीन की दिग्गज ई-कॉमर्स कंपनियों ने 24 घंटे में 45 अरब डॉलर (करीब 2,93,000 करोड़ रुपये) मूल्य के सामान बेच डाले। यह पूरी दुनिया में एक दिन में होने वाली बिक्री का सबसे बड़ा आंकड़ा है।

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टूरिस्ट गाइड बनकर सीखी अंग्रेजी

दुनिया में बहुत सारे लोग नौकरी पाने के लिए कंपनियों के दरवाजे खटखटाते हैं। उनमें से कुछ लोग नौकरी पाने में कामयाब होते हैं तो कुछ नाकामयाब। लेकिन दुनिया में कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जो नौकरी न मिलने पर खुद की कंपनी खोलने के बारे में सोचते हैं। जैक मा ऐसे ही जुनूनी लोगों में एक हैं। काम के लिए एक हद तक पागल जैक आज चीन के सबसे अमीर लोगों में से एक हैं।

जैक ने मेहनत के बल पर ही कामयाबी हासिल की है। 13 साल की उम्र में ही उन्होंने अंग्रेजी सीखनी शुरू कर दी थी। चीन में आम तौर पर लोग ऐसा नहीं करते। अंग्रेजी में पारंगत होने के लिए उन्होंने किसी टीचर का सहारा नहीं लिया बल्कि टूरिस्ट गाइड बन गए थे। एक इंटरव्यू में उन्होंने खुलासा किया था कि पश्चिमी लोगों के साथ रहकर उन्होंने न केवल अंग्रेजी सीखी बल्कि उनके स्टाइल को भी सीखा। उन्होंने यह काम करीब नौ साल तक किया।

फेल हो गयी पहली कंपनी

इंटरनेट की दुनिया में दाखिल होने से पहले जैक एक अनुवाद कंपनी चलाते थे। इसके बाद एक बार वे अमेरिका गए। वहां उन्होंने इंटरनेट देखा और उन्होंने इंटरनेट पर सबसे पहला शब्द बीयर (भालू) टाइप किया। ऐसा करने पर उन्हें कई देशों के बीयर ऑप्शन दिखे, लेकिन चाइनीज बीयर नहीं दिखा। इससे उन्हें झटका लगा और उन्होंने चाइनीज में होम पेज तैयार किया। जैक ने सबसे पहले चाइना पेजेज नाम की इंटरनेट कंपनी बनाई। हालांकि इस कंपनी को शुरू करने के लिए उनके पास पैसे तक नहीं थे। अपनी बहन से पैसे उधार लेकर उन्होंने इस कंपनी की शुरुआत की मगर जैक का दुर्भाग्य यह था कि उनकी यह कंपनी फेल हो गयी। फिर उन्होंने चीन की कॉमर्स मिनिस्ट्री में काम किया और कुछ दिनों बाद नौकरी छोड़ दी, जिसके बाद वे अपने घर हैंग्जू चले गए और वहीं उन्होंने अलीबाबा की शुरुआत की जिसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा।

सबसे बड़ा आईपीओ

अलीबाबा की सफलता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इस कंपनी ने अपना आईपीओ 4080 रुपए (68 डॉलर) पर पेश किया था और मार्केट खत्म होने पर इसकी कीमत 5711 रुपए (93.89 डॉलर) तक पहुंच गयी थी। इसे अमेरिका का अब तक का सबसे बड़ा आईपीओ बताया जाता है। जैक मा ने 21 फरवरी, 1999 को अलीबाबा की शुरुआत की थी। जैक ने अपने 17 दोस्तों के साथ मिलकर इस कंपनी की शुरुआत की थी। उन्होंने इस कंपनी की शुरुआत तब की जब वे करीब 30 नौकरियों से रिजेक्ट हो चुके थे। अलीबाबा के लिए सबसे पहले जापान की सॉफ्टबैंक ने जैक को कर्ज दिया था।

तीन साल तक ठग समझते रहे लोग

अलीबाबा में निवेश करने वालों में से एक वू यिंग ने के मुताबिक जैक एक पुरानी सी जैकेट और हाथ में एक कागज पकड़े हमारे पास आया था और सिर्फ छह मिनट में उसने हमें इतना यकीन दिला दिया कि उसे दो करोड़ अमेरिकी डॉलर का कर्ज मिल गया। जैक की जीवनी पर एक किताब भी लिखी जा चुकी है जिसका नाम है अलीबाबा: द हाउस दैट जैक मा बिल्ट। इस किताब के मुताबिक जब 1999 में हंागझू के अपने अपार्टमेंट में जब उन्होंने यह कंपनी शुरू की तो लोग उन्हें शक की नजरों से देखते थे। लोग करीब तीन साल तक उन्हें ठग समझते रहे। अलीबाबा कंपनी के शुरुआती दिनों में सिर्फ 18 लोग काम करते थे और अभी करीब 22 हजार लोग काम करते हैं। जैक के बारे में उनकी पत्नी जैंग यिंग का मानना है कि जैक हैंडसम नहीं है, लेकिन मुझे उनसे इसलिए प्यार हो गया, क्योंकि वे ऐसे कई काम कर सकते हैं जो हैंडसम पुरुष भी नहीं कर सकते।

आयोजन में जुटे कई बड़े सितारे

सिंगल्स डे को कभी चीन में अकेले रहने वाले लोगों का उत्सव कहा जाता था, लेकिन अब यह दुनिया में खरीदारी का सबसे बड़ा उत्सव बन गया है। हर साल 11 नवम्बर को सिंगल्स डे का आयोजन किया जाता है। अलीबाबा ने 2009 से सिंगल्स डे परंपरा को भारी छूट के साथ भुनाना शुरू किया था अमेरिका में इसी तरह साल में ब्लैक फ्राइडे को कंपनियां भारी डिस्काउंट की पेशकश करती हैं। इस बार सिंगल्स डे पर शंघाई में भव्य आयोजन किया गया। अलीबाबा ने भी सह संस्थापक और चेयरमैन जैक मा की अगुआई में शानदार आयोजन किया। यह आयोजन कितना शानदार था इसे इसी से समझा जा सकता है कि आयोजन में हॉलीवुड अभिनेत्री निकोल किडमैन, गायक फैरेल विलियम्स और झांग जियी व फैन बिंगबिंग जैसे चीनी संगीतकार और फिल्मी सितारों ने हिस्सा लिया।

अलीबाबा के सह संस्थापक और वाइस चेयरमैन जोसेफ साय ने कहा कि इस दिन खरीदारी करना खेल और मनोरंजन की तरह है। यह चीन और चीनी अर्थव्यवस्था के लिए बड़ा उत्सव है। इस बार अलीबाबा ने पिछले साल के आंकड़े को काफी पीछे छोड़ दिया। अलीबाबा ने इस बार 1 लाख 65 हजार करोड़ रुपए का सामान बेचकर अपना ही पुराना वल्र्ड रिकॉर्ड तोड़ दिया है। पिछले साल इस दिन चीनी ई-कॉमर्स कंपनी ने 17.7 अरब डॉलर (करीब 1.16 लाख करोड़ रुपये) की बिक्री की थी।

विशेषज्ञों का कहना है कि धीरे-धीरे सिंगल्स डे की महासेल चीन के बाहर के लोगों को भी लुभाने लगी है। अलीबाबा के सीईओ डैनियल झांग योंग ने सिंगल्स डे को चीन के व्यापारियों का ओलंपिक खेल बताया है। भारत में भी फ्लिपकार्ट, अमेजन और स्नैपडील जैसी ई-कॉमर्स कंपनियां हर साल 'बिग बिलियन सेलÓ जैसे आयोजन करती हैं। इस बार सितंबर-अक्टूबर में इन कंपनियों ने 15,000 करोड़ रुपये की बिक्री की थी। इस दौरान 50 लाख तो स्मार्टफोन ही बिक गए थे।

एशिया के चौथे सबसे अमीर आदमी

मौजूदा समय में जैक मा एशिया के चौथे सबसे अमीर आदमी हैं। उनकी कुल संपत्ति 1 लाख 90 हजार करोड़ रुपए से भी ज्यादा है। नेट वर्थ की बात करें तो अलीबाबा की मार्केट वैल्यू फिलहाल 3 हजार अरब रुपए से भी ज्यादा है। ई-कॉमर्स/ रीटेल, फार्मा, आईटी, फाइनेंस, टूरिज्म और मीडिया एंड एंटरटेनमेंट से जुड़ी 37 कंपनियां अलीबाबा ग्रुप का हिस्सा है। इसके अलावा भारत के पेटीएम मॉल समेत दुनिया भर की कई बड़ी कंपनियों में अलीबाबा ने निवेश किया है। पेटीएम मॉल में 1200 करोड़ रुपए का निवेश किया है। इसके आलावा जल्द ही और 200 मिलियन डॉलर का निवेश करने पर बातचीत जारी है। अलीबाबा की यूसी न्यूज के जरिये स्नैपडील में भी हिस्सेदारी है। गोल्डमैन सैक्स के मुताबिक भारत का ऑनलाइन शॉपिंग मार्केट 45 लाख करोड़ हो गया है जिसमें जैक की अलीबाबा अपनी हिस्सेदारी क्लेम करने पर मेहनत कर रही है।

कंपनी की नजर में भारत अहम बाजार

अलीबाबा के चीफ एक्जीक्यूटिव ऑफीसर डेनियन जांग ने कहा है कि कंपनी की ग्लोबल रणनीति में भारत का अहम स्थान है क्योंकि कंपनी की नजर में भारत बहुत बड़ा बाजार है। उनका मानना है कि कंपनी के लिए ग्लोबलाइजेशन अहम रणनीति है और इसमें भारत सबसे ऊपर है। कंपनी का फोकस है कि स्थानीय स्तर पर बाजार का विकास हो। कंपनी रणनीति के तहत स्थानीय कारोबारियों को मदद करती है।

भारतीय डिजिटल पेमेंट कंपनी पेटीएम में निवेश करके अलीबाबा अपनी उपस्थिति दर्ज करवा चुकी है। झांग ने कहा कि भारत में डिजिटल पेमेंट का तेज विकास उनके लिए खुशी की बात है। भारत यात्रा के दौरान जैक मा पीएम नरेंद्र मोदी से मुलाकात कर चुके हैं। इस बैठक में जैक मा ने पीएम को बताया कि कैसे अलीबाबा भारत में छोटे व्यवसायों को सशक्त बनाने में मदद कर सकता है।

विवादों में भी रही अलीबाबा

2011 में अलीबाबा को झटका लगा जब कंपनी को कथित रूप से नकली सामान बेचते पाया गया। जैक पर चीन की कम्युनिस्ट पार्टी से मिले होने के आरोप भी लगते रहे हैं। इसके आलावा अलीबाबा ग्रुप की कई कंपनियों पर आयडिया चोरी के आरोप भी लगते रहे हैं।



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सीमा शर्मा लगभग ०६ वर्षों से डिजाइनिंग वर्क कर रही हैं। प्रिटिंग प्रेस में २ वर्ष का अनुभव। 'निष्पक्ष प्रतिदिनÓ हिन्दी दैनिक में दो साल पेज मेकिंग का कार्य किया। श्रीटाइम्स में साप्ताहिक मैगजीन में डिजाइन के पद पर दो साल तक कार्य किया। इसके अलावा जॉब वर्क का अनुभव है।

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