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Ponytail के कारण लड़के होते हैं उत्तेजित, इस देश ने लगायी पोनीटेल बनाने पर रोक
Girls Ponytails: जापान द्वारा लड़कियों को लेकर लिए गए एक फैसले और उसके पीछे की वजह ने दुनिया को हैरान कर दिया है। इस एशियाई देश ने अपने यहां स्कूल में पढ़ने वाली लड़कियों के पोनीटेल बनाने पर रोक लगा दी है।
जापान: लड़कियों के पोनीटेल बनाने पर रोक: Photo - Social Media
New Delhi: दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था (Economy) जापान (Japan) की पहचान एक समृध्द, आधुनिक और शिक्षित राष्ट्र के तौर पर है। लेकिन जापान द्वारा लड़कियों को लेकर लिए गए एक फैसले और उसके पीछे की वजह ने दुनिया को हैरान कर दिया है। इस एशियाई देश ने अपने यहां स्कूल में पढ़ने वाली लड़कियों के पोनीटेल बनाने पर रोक लगा दी है। लड़कियों से कहा गया है कि उनके गर्दन का पिछला हिस्सा लड़कों को यौन पर रूस से उत्तेजित करता है। इसलिए इसपर रोक लगाई जाती है।
जापान में अजीब फरमान
एक अंतराष्ट्रीय न्यूज पोर्टेल की रिपोर्ट में मिडिल स्कूल के पूर्व टीचर के हवाले से बताय गया है कि स्कूल के अधिकारियों ने वहां पढ़ने वाली लड़कियों से कहा कि उनकी गर्दन का पिछला हिस्सा दिखने से लड़के यौन रूप से उत्तेजित हो सकते हैं। टीचर ने कहा कि उन्हें चिंता हो रही है कि लड़के उन्हें देखेंगे। उन्होंने कहा कि छात्रों को ऐसे नियम मानने पड़ते हैं क्योंकि यहां ऐसे नियमों की निंदा काफी कम होती है।
Photo - Social Media
दरअसल, जापान में ऐसे अजीबोगरीब प्रतिबंध पहले भी लागू होते रहे हैं। यहां जुराबों की लंबाई से लेकर अंडरवियर के कलर तक पर नियम बनाए गए हैं। साल 2020 में जापान के फुकुओका शहर के शहर में इसे लेकर एक सर्वे किया गया था, जिसमें 10 में से एक स्कूल ने पोनीटेल बनाए जाने पर बैन लगाने की सलाह दी थी। यहां पर अंडरकट हेयरस्टाइल बनाने की अनुमति नहीं है।
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उत्तर कोरिया (North Korea) से तुलना
दुनिया का सबसे बंद देश के तौर पर जाने जाने वाला उत्तर कोरिया (North Korea) से अब जापान के ऐसे नियमों की तुलना होने लगी है। स्कूलों पर मनमानी करने का आरोप लगाते हुए कुछ जापानी नागरिक इसे उत्तर कोरिया के नियम के सामना मानते हैं। बता दें कि नार्थ कोरिया में बीते साल तानाशाह किम जोंग (dictator kim jong) उन ने स्किनी जींस, मुलेट हेयरस्टाइल और बॉडी के कुछ हिस्सों में पियरसिंग कराए जाने पर रोक लगा दी थी। उनका मानना था कि इनसे युवा पश्चिमी सभ्यता के प्रति आकर्षित होते हैं, जिसे समाज विरोधी माना जाता है। दरअसल नार्थ कोरिया अपने नागरिकों को हरसंभव पश्चिम के प्रभाव से बचाने की कोशिश में लगा रहता है।