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Tooth Regrowing: अब दांत दोबारा उगाए जा सकेंगे, दुनिया की पहली दवा का ह्यूमन ट्रायल

Tooth Regrowing: एक जापानी फार्मास्युटिकल स्टार्टअप टोरेगेम बायोफार्मा पांच साल पहले चूहों में नए दांत उगाने में सफल होने के बाद अगले साल जुलाई में क्लिनिकल परीक्षण शुरू करने वाली है।

Neel Mani Lal
Written By Neel Mani Lal
Published on: 27 Sept 2023 12:06 PM IST
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Tooth-Regrowing  (photo: social media )

Tooth Regrowing: बचपन की उम्र के बाद किसी के दांत फिर से नहीं उगते। एक बार गए तो गए। लेकिन अब दुनिया में पहली बार एक ऐसी दवा ईजाद हुई है जिससे दांत उगाए जा सकेंगे। इस हैरतअंगेज दवा का ट्रायल शुरू होने वाला है।

एक जापानी फार्मास्युटिकल स्टार्टअप टोरेगेम बायोफार्मा पांच साल पहले चूहों में नए दांत उगाने में सफल होने के बाद अगले साल जुलाई में क्लिनिकल परीक्षण शुरू करने वाली है।

इस प्रोजेक्ट के प्रमुख शोधकर्ता और मेडिकल रिसर्च इंस्टीट्यूट किटानो अस्पताल में दंत चिकित्सा और ओरल सर्जरी विभाग के प्रमुख डॉ. कात्सु ताकाहाशी कहते हैं कि, "नए दांत उगाने का विचार हर दंत चिकित्सक का सपना होता है। मैं इस पर तब से काम कर रहा हूं जब मैं स्नातक छात्र था। मुझे विश्वास था कि मैं ऐसा कर पाऊंगा।"

चूहों पर रिसर्च

अपने शोध में, जो वह 2005 से क्योटो विश्वविद्यालय में कर रहे हैं, ताकाहाशी ने चूहों में एक विशेष जीन के बारे में सीखा जो उनके दांतों के विकास को प्रभावित करता है। इस जीन के लिए एंटीबॉडी, यूएसएजी-1 को अगर दबा दिया जाए तो वह दांतों की ग्रोथ को प्रोत्साहित करने में मदद कर सकता है। वैज्ञानिकों ने तब से एक "निष्क्रिय एंटीबॉडी दवा" डेवलप करने के लिए काम किया जो यूएसएजी-1 को अवरुद्ध करने में सक्षम है।अब, उनकी टीम इस सिद्धांत का परीक्षण कर रही है कि इस प्रोटीन को "अवरुद्ध" करने से दांत बढ़ सकते हैं।

सफल परीक्षण

चूहों पर अपने सफल परीक्षणों के बाद, टीम ने फेरेट्स पर भी इसी तरह के सकारात्मक परीक्षण किए। फेरेट्स ऐसे जानवर हैं जिनके दांतों का पैटर्न इंसानों के समान होता है।

अब ह्यूमन ट्रायल

अब स्वस्थ वयस्क मनुष्यों पर ट्रायल किया जाएगा और, यदि सब कुछ ठीक रहा तो टीम 2025 से एनोडोंटिया वाले दो से छह साल के बच्चों के लिए दवा के लिए क्लीनिकल परीक्षण आयोजित करने की योजना बना रही है। एनोडोंटिया एक ऐसा दुर्लभ आनुवंशिक विकार जिसके परिणामस्वरूप कम दांत उगते हैं।क्लिनिकल परीक्षण में शामिल बच्चों को दवा की एक खुराक का इंजेक्शन लगाया जाएगा ताकि यह देखा जा सके कि यह दांतों की ग्रोथ को प्रेरित करता है या नहीं। सफल होने पर, दवा 2030 तक रेगुलेटरी अनुमोदन के लिए उपलब्ध हो सकती है। शोधकर्ताओं को उम्मीद है कि नई खोज से दांत के इलाज में एक नई क्रांति आएगी।

Monika

Monika

Content Writer

पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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