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जापान के नए सम्राट नारुहितो ने जनता के साथ खड़े रहने का संकल्प जताया

जापान के नए सम्राट नारुहितो ने अपने पहले संबोधन में विश्व में शांति के लिए प्रार्थना के साथ ही देश की जनता को भरोसा दिलाया कि वह हमेशा उनके साथ खड़े रहेंगे।

Anoop Ojha
Published on: 1 May 2019 11:12 AM IST
जापान के नए सम्राट नारुहितो ने जनता के साथ खड़े रहने का संकल्प जताया
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तोक्यो: जापान के नए सम्राट नारुहितो ने अपने पहले संबोधन में विश्व में शांति के लिए प्रार्थना के साथ ही देश की जनता को भरोसा दिलाया कि वह हमेशा उनके साथ खड़े रहेंगे।नारुहितो ने शपथ ली, ‘‘संविधान के अनुरूप काम करूंगा...मेरे विचार सदैव मेरे लोगों के लिए होंगे और मैं हमेशा उनके साथ खड़ा रहूंगा।’’

उन्होंने कहा कि उनके कामों में उनके पिता आकिहितो की झलक दिखाई देगी। आकिहितो को विश्व के प्राचीनतम साम्राज्य को जनता के समीप लाने वाला माना जाता है।गौरतलब है कि युवराज नारुहितो को मध्यरात्रि के दौरान आधिकारिक रूप से नया सम्राट बनाया गया । नारुहितो अपने पिता अकिहितो के पद त्यागने के बाद सम्राट बने हैं। जापान के इतिहास में 200 साल से अधिक समय बाद किसी सम्राट ने पद त्याग किया है।

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59 वर्षीय नारुहितो ने बुधवार को सुबह एक समारोह में औपचारिक रूप से ‘क्रिसेंथमम थ्रोन’ (राजगद्दी) ग्रहण किया। इसके साथ ही जापानी राजशाही का नया युग ‘रेइवा’ (सुन्दर सौहार्द) शुरू हो गया।

इम्पीरियल पैलेस में हुए राजतिलक के दौरान नारुहितो को शाही तलवार, शाही आभूषण, राज्य की मुहर और व्यक्तिगत मुहर सौंपी गयी। इस समारोह के दौरान, नियमानुसार राजपरिवार की कोई महिला सदस्य मौजूद नहीं थी, यहां तक कि इसमें सम्राज्ञी मसाको को भी भाग लेने की अनुमति नहीं थी।

पूरे समारोह के दौरान प्रधानमंत्री शिंजों आबे के मंत्रिमंडल की एकमात्र महिला सदस्य ही वहां मौजूद थीं।

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नारुहितो देश के 126वें सम्राट हैं। वह शनिवार को फिर से देश को संबोधित करेंगे।

सम्राट नारुहितो और सम्राज्ञी मसाको 22 अक्टूबर को पारंपरिक राजसी पोशाक में राजधानी का दौरा करेंगे जहां विभिन्न देशों के नेता और अन्य राजपरिवार उन्हें बधाई देंगे।

दोनों पति-पत्नी ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय से पढ़े हैं।

जापान में महिलाओं को राजगद्दी नहीं मिलती। ऐसे में सम्राट नारुहिता की बेटी राजकुमारी अकियो (17) देश की अगली शासक नहीं होंगी। सम्राट के बाद सत्ता की बागडोर उनके भतीजे के हाथों में जाएगी।

अपने अंतिम भाषण में अकिहितो ने जापान के लोगों का हृदय से आभार जताया और कहा कि वह जापान और पूरी दुनिया में सभी लोगों की शांति और खुशी के लिए प्रार्थना करते हैं।

एएफपी शोभना अर्पणा मनीषा मनीषा 0105 1037 तोक्यो



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Anoop Ojha

Anoop Ojha

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