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Kabul Airport Blast: काबुल में धमाकों के बाद बाइडेन घिरे, नाराज ट्रंप बोले-अगर मैं राष्ट्रपति होता तो नहीं होता ऐसा

Kabul Airport Blast: पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हमले में अमेरिकी सैनिकों के मारे जाने पर गहरा दुख जताया है और कहा कि अगर मैं राष्ट्रपति होता तो कभी भी ऐसा हमला नहीं हो सकता था।

Anshuman Tiwari
Written By Anshuman TiwariPublished By Shreya
Published on: 27 Aug 2021 7:40 AM GMT
Kabul Airport Blast: काबुल में धमाकों के बाद बाइडेन घिरे, नाराज ट्रंप बोले-अगर मैं राष्ट्रपति होता तो नहीं होता ऐसा
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जो बाइडेन-डोनाल्ड ट्रंप (फोटो साभार- सोशल मीडिया) 

Kabul Airport Blast: काबुल हवाई अड्डे पर फिदायीन हमलों के बाद अमेरिका (America) की सियासत भी गरमा गई है। इन हमलों में 13 अमेरिकी सैनिकों (US Soldiers Killed) के मारे जाने पर अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन (Joe Biden) भी घिर गए हैं और उन पर सियासी हमले शुरू हो गए हैं। पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने हमले में अमेरिकी सैनिकों के मारे जाने पर गहरा दुख जताया है। एक बयान में उन्होंने इस हमले को अमेरिका की गलत नीतियों का नतीजा बताया और कहा कि अगर मैं राष्ट्रपति होता तो कभी भी ऐसा हमला नहीं हो सकता था।

ट्रंप की रिपब्लिकन पार्टी ने भी अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन पर बड़ा हमला बोला है। पार्टी के सीनेटर और पूर्व प्रवक्ता डेन क्रेनशॉ ने कहा कि राष्ट्रपति बाइडेन के हाथ खून से सने हुए हैं। उनकी गलत नीतियों के कारण अब दुश्मन मौके का फायदा उठाने में जुट गए हैं जिसकी अमेरिका को बड़ी कीमत चुकानी पड़ रही है। इस बीच अमेरिकी राष्ट्रपति ने अमेरिकी सैनिकों के मारे जाने शोक जताते हुए चेतावनी दी है कि अमेरिका हमलावरों को नहीं छोड़ेगा। इस हमले को अंजाम देने वाले आतंकियों को खोज-खोज कर मारा जाएगा।

डोनाल्ड ट्रंप (फोटो साभार- सोशल मीडिया)

ट्रंप ने हमले पर गहरा दुख जताया

अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों की वापसी के फैसले के बाद ही बाइडेन पर हमले शुरू हो गए थे मगर गुरुवार को काबुल एयरपोर्ट पर हुए आत्मघाती हमलों के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति पर हमले और तेज हो गए हैं। पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इन हमलों में मारे गए अमेरिकी सैनिकों के परिवारों के प्रति गहरी संवेदना जताई है। एक बयान में उन्होंने कहा कि अगर मैं अमेरिका का राष्ट्रपति होता तो अमेरिका को यह दिन नहीं देखना पड़ता।

पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि मैं और मेरी पत्नी मेलानिया की संवेदनाएं उन परिवारों के साथ जुड़ी हुई हैं जो काबुल में हमले का शिकार हुए हैं। हमें इस मामले में काफी सतर्क रहना चाहिए था ताकि इस तरह की घटनाएं न हो पातीं। इस हमले ने हमारे दुख को और गहरा बना दिया है।

जो बाइडेन (फोटो साभार- सोशल मीडिया)

ट्रंप की पार्टी का बाइडेन पर बड़ा हमला

ट्रंप की रिपब्लिकन पार्टी ने भी काबुल हमले के बाद बाइडेन पर हमले तेज कर दिए हैं। पार्टी के सीनेटर और पूर्व प्रवक्ता डेन क्रेनशॉ ने कहा कि राष्ट्रपति बाइडेन ने ही अफगानिस्तान का यह नया संकट खड़ा किया है। इसलिए इस संकट के समाधान के लिए उन्हें ही आगे आना होगा। अब वे इस संकट से भागने की कोशिश नहीं कर सकते। उन्होंने काबुल हमले में निर्दोष लोगों और अमेरिकी सैनिकों के मारे जाने पर गहरा दुख जताते हुए कहा कि राष्ट्रपति बाइडेन के हाथ खून से रंगे हुए हैं। उन्होंने दुश्मन को निर्दोष लोगों और अमेरिकी सैनिकों पर हमले का मौका दे दिया है। उन्होंने राष्ट्रपति की अफगानिस्तान की नीति पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि उनकी गलत नीतियों के कारण आज अफगानिस्तान ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया के सामने एक बड़ा संकट खड़ा हो गया है।

जारी रहेगी अमेरिका की मुहिम

इस बीच अमेरिका ने स्पष्ट किया है कि काबुल हमले के बावजूद अफगानिस्तान से लोगों को बाहर निकालने की मुहिम जारी रहेगी। काबुल एयरपोर्ट पर मारे गए लोगों के सम्मान में 30 अगस्त तक अमेरिका का झंडा आधा झुका रखने का निर्देश जारी किया गया है। दूसरी ओर अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन ने हमलावरों को कड़ी चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि अमेरिका इस मामले की अनदेखी नहीं कर सकता। उन्होंने अमेरिकी सैनिकों के मारे जाने पर दुख जताते हुए कहा कि अमेरिकी सैनिकों ने दूसरे लोगों को बचाने के लिए अपने प्राणों का बलिदान किया है।

अमेरिकी राष्ट्रपति (फोटो साभार- सोशल मीडिया)

हमलावरों को राष्ट्रपति की कड़ी चेतावनी

उन्होंने कहा कि हम अमेरिकी सैनिकों के इस बलिदान को कभी नहीं भूलेंगे और न ही इस हमले को अंजाम देने वाले आतंकियों को कभी माफ करेंगे। उन्होंने सैनिकों के परिवारों के प्रति गहरी संवेदना जताते हुए कहा कि हमलावरों को खोज-खोज कर मारा जाएगा। उन्होंने अफगानिस्तान से अमेरिकी लोगों और सहयोगियों को बाहर निकालने की मुहिम जारी रखने की भी घोषणा की। उन्होंने कहा कि अमेरिका का मिशन आगे भी जारी रहेगा और जरूरत पड़ने पर अमेरिका की ओर से और भी फौज अफगानिस्तान भेजी जाएगी। अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि काबुल एयरपोर्ट पर हुए हमले में तालिबान और आईएस के बीच मिलीभगत का अभी तक कोई सबूत नहीं मिला है।

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