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Kabul Terror Attack: बाइडेन की सुरक्षा टीम का दावा, फिर होगा काबुल में आतंकी हमला!
Kabul Terror Attack: अफगानिस्तान पर तालिबान पर कब्जे के बाद वहां के हालात प्रतिदिन बद से बदतर होते चले जा रहे हैं।
Kabul Terror Attack: अफगानिस्तान (Afghanistan) पर तालिबान (Taliban) पर कब्जे के बाद वहां के हालात प्रतिदिन बद से बदतर होते चले जा रहे हैं। इसके बीच ही अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन की राष्ट्रीय सुरक्षा टीम ने राष्ट्रपति बाइडेन से कहा कि अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में एक और आतंकी हमला हो सकता है। यही नहीं अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन की सुरक्षा टीम के मुताबित काबुल एयरपोर्ट पर अधिकतम बल सुरक्षा उपाय किए जा रहे हैं।
आपको बता दें बीते गुरुवार को काबुल में कुल चार बम धमाके किए गए। इस बम विस्फोट में करीब 103 लोगों की मौत हुई। वहीं लगभग 143 लोगों घायल हुए हैं। ये धमाके गुरुवार शाम भीड़भाड़ वाले काबुल एयरपोर्ट के बाहर हुआ था। इस बम धमाके में 13 अमेरिकी सैनिकों की भी मौत हुई थी। जिसके बाद इस आतंकी हमले की जिम्मेदारी आईएसआईएस-खुरासान ने ली है। आपको बता दें कि खुरासान तालिबान और अमेरिका के बीच हो रही बातचीत के खिलाफ रहा है।
आने वाले दिनों में हो सकता है आतंकी हमला
वहीं व्हाइट हाउस की प्रवक्ता जेन पसाकी ने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन को उनकी टीम से क्या सूचना मिली है। हालांकि पसाकी ने इसके बारे में वितृस्त रूप से कुछ नहीं बताया है। लेकिन काबुल एयरपोर्ट पर हुए हमले के बाद आतंकी हमले के एक दिन बाद बाइडेन की सुरक्षा टीम से मिली इस जानकारी को बेहद अहम माना जा रहा है।
व्हाइट हाउस की प्रवक्ता जेन पसाकी ने बताया कि अगले कुछ दिनों तक अफगानिस्तान से अमेरिकी नागरिकों और अफगानों को बाहर निकालने का मिशन अब तक का सबसे खतरनाक वक्त होगा । जबकि अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा कि है कि 31 अगस्त की गाइडलाइन तक सभी लोगों को बाहर निकाल लेंगे।
इन देशों ने अपने नागरिकों के लिए जारी किया था अलर्ट
वहीं इसके पहले गुरुवार को ऑस्टेलिया, ब्रिटेन और अमेरिका ने अपने नागरिकों के लिए अलर्ट जारी किया था। इन सभी देशों ने अपने नागरिकों से काबुल हवाई अड्डे से दूर रहने का कहा था। और शक हाजिर किया था कि काबुल एयरपोर्ट पर आंतकी हमला हो सकता है। इन देशों के द्वारा अलर्ट में साफ कहा गया कि आंतकियों द्वारा एयरपोर्ट की भीड़ वाले इलाके को टारगेट किया जाएगा। ताकि रेस्क्यू ऑपरेशन को किसी भी तरह से रोका जा सकें। लेकिन इस अलर्ट के बाद भी आतंकी हमला रोकने में अमेरिका असफल रहा, जिसके बाद अपने सैनिकों को भी नहीं बचा पाया।