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कारगिल युद्ध: भारत ही नहीं, पाकिस्तान तक को धोखा दिया था मुशर्रफ ने
Pervez Musharraf News Today: भारत और पाकिस्तान के बीच हुए कारगिल युद्ध को प्लान करने वाले परवेज मुशर्रफ ने भारत के साथ साथ पाकिस्तान को भी इस ऑपरेशन से अनजान रखा था।
Pervez Musharraf News Today: 1965 और 1971 की लड़ाइयों में करारी हार देखने वाले परवेज़ मुशर्रफ (Pervez Musharraf) ने शायद बदले की भावना से कारगिल युद्ध (Kargil War) प्लान किया था। उन्होंने तत्कालीन प्रधानमंत्री नवाज शरीफ (Nawaz Sharif) तक को इसकी जानकारी नहीं दी थी। मुशर्रफ ने अपने उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए सैन्य धोखे का इस्तेमाल किया था। कारगिल को सबसे बुरे प्रकार के सैन्य धोखे का एक उदाहरण माना जाता है। जब उनके देश का राजनीतिक नेतृत्व भारत के साथ बातचीत कर रहा था, तब मुशर्रफ अपनी सेना के एक ऑपरेशन की योजना बना रहे थे। एक तरफ नवाज़ शरीफ, अटल बिहारी वाजपेयी से हाथ मिला रहे थे, उसी समय मुशर्रफ भारत की पीठ में छुरा घोंपने की तैयारी में लगे थे।
बताया जाता है कि जब तक पाकिस्तानी सैनिकों ने जेहादी लड़ाके बनकर एलओसी (LoC) पार नहीं कर ली, तब तक मुशर्रफ ने कारगिल ऑपरेशन (Kargil Operation) की जानकारी किसी को नहीं दी। मुशर्रफ ने पाकिस्तानी वायुसेना (Pakistani Air Force) और नौसेना (Pakistan Navy) को भी बहुत सीमित जानकारी दी थी। यानी मुशर्रफ ने भारत ही नहीं बल्कि खुद अपने देश के साथ धोखेबाजी की थी।भारतीय सेना (Indian Army) को धोखा देने के लिए मुशर्रफ ने रेडियो पर जेहादियों की दो कूट भाषाओं में झूठे संदेश जारी कराए थे।
मुशर्रफ ने रचा था षड्यंत्र
कारगिल युद्ध के दौरान भारतीय सेना के प्रमुख रहे वेद प्रकाश मलिक ने अपनी किताब 'फ्रॉम सरप्राइज टू विक्टरी' में लिखा है कि जनरल परवेज मुशर्रफ के धोखे को कोई समझ नहीं सका था। रॉ ने लड़ाई से पहले और लड़ाई के दौरान मुशर्रफ और उनके विश्वासपात्र लेफ्टिनेंट जनरल मोहम्मद अजीज खान के बीच हुई बातचीत को पकड़ा था। इसमें पता चला कि मुशर्रफ के कारगिल षड्यंत्र की जानकारी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ और उनके वरिष्ठ मंत्रियों को नहीं दी गई थी। पाकिस्तानी वायुसेना और नौसेना के कमांडरों को केवल यह बताया गया कि जेहादी घुसपैठ कर रहे हैं। लेकिन वे जेहादी पाकिस्तानी रेंजर हैं, ये छिपा कर रखा गया।
भारतीय खुफ़िया एजेंसियों (Indian intelligence Agencies) को धोखा देने के लिए मुशर्रफ ने बाल्टी और पश्तो भाषा में झूठे रेडियो संदेश जारी करा दिए। ऐसा इसलिए किया गया ताकि भारतीय एजेंसियों को लगे कि कारगिल क्षेत्र में जेहादी ही सक्रिय हैं, पाकिस्तान सेना की कोई कार्रवाई नहीं है। रेडियो संदेशों में यह भी कहा जा रहा था कि पाकिस्तानी सेना जेहादियों का साथ नहीं दे रही है। परवेज मुशर्रफ ने पाकिस्तान की सरकार को भी जेहादियों की घुसपैठ जैसा कुछ बताया था। दरअसल, मुशर्रफ का पूरा फोकस विदेशी आक्रमणकारियों की तरह इलाकों पर कब्जा करना था, इसके आगे वह कभी सोच ही नहीं पाए।
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