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नेपाल में विरोध प्रदर्शन: चीन के खिलाफ सड़कों पर आए सैकड़ों लोग, चीनी राजदूत यांकी वापस जाओ के लगाए नारे
Kathmandu: नेपाल में चीनी सरकार के बढ़ते हस्तक्षेप के खिलाफ काठमांडू की सड़कों पर सैकड़ों की तादात में प्रदर्शनकारी इकट्ठा हुए।
Kathmandu: चीन अपनी करतूतों से बाज नहीं आ रहा है। ऐसे में अब नेपाल में ड्रैगन देश(China) की बढ़ते दखल से जनता त्रस्त आ चुकी है। जिसके चलते नेपाल में लोग चीन के विरोध में सड़कों पर उतरे आए हैं और आक्रोश में चीनी राजदूत होउ यांकी(Hou Yanqi) की फोटो को आग के हवाले की गया। नेपाल (Nepal) के हिंदू नागरिक समाज ने आतंरिक मामलों में चीन की दखलनदाजी के खिलाफ राष्ट्रीय एकता अभियान के जरिए विरोध प्रदर्शन किया।
नेपाल में चीनी सरकार के बढ़ते हस्तक्षेप के खिलाफ काठमांडू की सड़कों पर सैकड़ों की तादात में प्रदर्शनकारी इकट्ठा हुए। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने देश विरोधी नारे लगाते हुए कहा कि चीनी राजदूत (Chinese Ambassador) को नेपाल के आंतरिक मामलों में अनावश्यक रूप से दखल करने की आदत छोड़नी चाहिए।
चीन का कट्टर विरोध
आगे उन्होंने रासुवागढ़ी तातोपानी में अघोषित नाकाबंदी और राजनयिक सीमाओं को पार करने के लिए भी होउ यांकी को बुरी तरह की तंज कसा। काठमांडू में प्रदर्शन के दौरान प्रदर्शनकारियों के हाथ में कई तख्तियां थीं। उन पर लिखा हुआ था 'चीनी राजदूत यांकी वापस जाओ'।
काठमांडू में राष्ट्रीय एकता अभियान संगठन ने मंगलवार को जनकपुर के जनक चौक पर चीन के विरोध में जबरदस्त प्रदर्शन किया था। चीन अपनी दखलंदाजी नेपाल में तमाम विवादास्पद मामलों में, राजनीतिक, आर्थिक और सांस्कृतिक मसलों में बढ़-चढ़कर कर रहा है। जिसके चलते अब नेपालियों में चीन के खिलाफ गुस्सा दिन-प्रति-दिन बढ़ता ही जा रहा है।
दरअसल चीन ने नेपाल में अपनी गतिविधियों तेजी से बढ़ दिया है। अब ऐसे में चीन की क्या साजिश है उस बारे में साफ तौर पर तो नहीं बताया जा सकता है। लेकिन बीते कई महीनों से चीनी राजदूत की नेपाल सरकार के कामों में दखलंदाजी से जनता पर बुरा असर पड़ा रहा है। वहीं अब तो होउ यांकी और पूर्व नेपाली प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली की आपसी रिश्ते भी अच्छे होने लगे हैं।