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गिर गई सरकार: महंगाई के चलते सड़कों पर आई सारी जनता, देखें कजाखस्तान का हाल
Kazakhstan Government Resigns: कजाखस्तान की सरकार महंगाई से त्रस्त जनता के गुस्से और विरोध का शिकार हो गई। जिसके चलते कजाखस्तान की सरकार।
Kazakhstan Government Resigns: महंगाई से त्रस्त जनता (inflation-stricken people) के गुस्से और विरोध के चलते कजाखस्तान की सरकार (Kazakhstan government) गिर गई है। देश में महंगाई के खिलाफ कई हफ्ते से विरोध प्रदर्शन (protest against inflation) हो रहे थे। 4 जनवरी को देश में विरोध प्रदर्शन उस वक्त और तेज हो गए थे जब अधिकारियों ने एलपीजी की कीमतों (lpg prices) पर लगी सीमा को हटा लिया था, जिसके बाद ईंधन की कीमतों में तेज वृद्धि देखी गई।
कजाखस्तान के राष्ट्रपति कासिम-योमात तोकायेव (Kazakhstan President Kasim-Yomat Tokayev) ने बुधवार सुबह ही देश में दो हफ्ते का आपातकाल लागू कर दिया था। राष्ट्रपति कासिम-योमात तोकायेव ने कहा है कि उन्होंने केंद्र सरकार का इस्तीफा स्वीकार कर लिया है और अलीखान समाईलोव (Alikhan Samailov) को कार्यवाहक प्रधानमंत्री नियुक्त कर दिया है। साथ ही उन्होंने सरकार से तेल की कीमतें नियमित करने का भी आदेश दिया है।
अब देश में आपातकाल लागू है जिसके तहत रात 11 से सुबह 7 बजे तक कर्फ्यू रहेगा और लोगों के जमा होने व आने-जाने पर पाबंदी होगी। यानी अब प्रदर्शनों का सिलसिला खत्म हो जाएगा।
तेल की कीमतों में वृद्धि को लेकर मांगिस्ताऊ में विरोध प्रदर्शन
कजाखस्तान में हाल ही में तेल की कीमतों में देश में तेज वृद्धि हुई थी जिसके बाद मांगिस्ताऊ में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए। यह प्रांत तेल का केंद्र है और इस क्षेत्र में ज्यादातर लोग ईंधन के लिए एलपीजी पर ही निर्भर हैं। एलपीजी की कीमतों की वृद्धि आम जरूरत की चीजों की कीमतें भी प्रभावित करती है। कोरोना वायरस महामारी के कारण पहले से महंगाई झेल रहे लोग इस वृद्धि से परेशान हैं। जल्द ही ये प्रदर्शन दश के बाकी हिस्सों में भी फैल गए और खासतौर पर पश्चिमी प्रांत में हजारों लोग सड़कों पर उतर आए।
कजाखस्तान क्षेत्रफल के आधार पर दुनिया का नवाँ सबसे बड़ा देश
कजाखस्तान यूरेशिया में स्थित है। क्षेत्रफल के आधार से ये दुनिया का नवाँ सबसे बड़ा देश है। एशिया में एक बड़े भूभाग में फैला हुआ यह देश पहले सोवियत संघ का हिस्सा हुआ करता था। 1991 में सोवियत संघ के विघटन के उपरांत इसने सबसे अंत में अपने आपको स्वतंत्र घोषित किया। सोवियत प्रशासन के दौरान यहाँ कई महत्वपूर्ण परियोजनाएँ संपन्न हुईं, जिसमें कई रॉकेटों का प्रक्षेपण से लेकर वर्ज़िन भूमि परियोजना शामिल हैं।
प्राकृतिक गैस का विशाल भंडार
देश की अधिकाँश भूमि घास मैदान, जंगल तथा पहाड़ी क्षेत्रों से ढकी है। यहां प्राकृतिक गैस का विशाल भंडार भी है। यहाँ के मुख्य निवासी कजाख लोग हैं जो तुर्क मूल के हैं। अपने इतिहास के अधिकांश हिस्से में कज़ाख़स्तान की भूमि यायावर जातियों के साम्राज्य का हिस्सा रही है।