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टीवी स्टार कैली के एक ट्वीट से ‘स्नैपचैट’ को 1.3 अरब डॉलर का झटका

raghvendra
Published on: 28 Feb 2018 8:45 AM GMT
टीवी स्टार कैली के एक ट्वीट से ‘स्नैपचैट’ को 1.3 अरब डॉलर का झटका
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अमेरिका की रियलिटी टीवी स्टार कैली जेनर ने 18 शब्दों का एक ऐसा ट्वीट किया कि सोशल मीडिया मैसेजिंग और मल्टीमीडिया ऐप ‘स्नैपचैट’ को 1.3 अरब डॉलर यानी करीब 8445 करोड़ रुपये की चपत लग गई। हुआ यूं कि कैली के एक ट्वीट के बाद स्नैपचैट के शेयर बुरी तरह टूट गये और देखते-देखते कंपनी की मार्केट वैल्यू 130 करोड़ डॉलर घट गई। स्नैपचैट पर कैली के करीब दो करोड़ 45 लाख फॉलोअर्स हैं।

करोड़ों लोग स्नैपचैट का इस्तेमाल कर रहे हैं। हाल ही में कंपनी ने इसका डिजाइन बदला है, लेकिन बड़ी तादाद में लोगों को नयी डिजाइन पसंद नहीं आ रही है। हाल ही में दस लाख लोगों ने इन बदलावों को वापस लेने की मांग करते हुए याचिका भी दाखिल की है।

कैली का ट्वीट था - ‘क्या अब कोई और भी स्नैपचैट को नहीं खोल रहा है? यह सिर्फ मैं ही ऐसा कर रही हूं।ये तो बहुत दुखद है।’ कैली का ये ट्वीट करना था कि स्नैपचैट की पैरेंट कंपनी का शेयर वॉल स्ट्रीट पर आठ फीसदी का गोता खा गया, हालाँकि कारोबारी सत्र के दौरान शेयर में कुछ रिकवरी हुई और बाद में यह 6.06 फीसदी की गिरावट के साथ बंद हुआ।

स्नैपचैट को इंस्टाग्राम से कड़ी प्रतिस्पर्धा मिल रही है और सैलेब्रेटी के बीच इंस्टाग्राम तेजी से लोकप्रिय हो रहा है। निवेशकों के लिए ये तो चिंता की बात है ही, कैली के ट्वीट ने उन्हें मोटी चपत लगा दी। हालांकि बाद में कैली ने एक और ट्वीट किया, ‘अब भी मैं स्नैपचैट को प्यार करती हूं....मेरा पहला प्यार।’

स्नैपचैट ने नवंबर में मैसेजिंग ऐप के डिजाइन में बदलाव किए थे और इसके बाद से यूजर्स की शिकायतें मिलनी शुरू हो गईं थीं। लेकिन स्नैपचैट के मुखिया इवान स्पाइजेल ने इन शिकायतों को यह कहते हुए नजरअंदाज किया कि यूजर्स को इससे एडजस्ट होने में थोड़ा वक्त लगेगा।

स्नैपचैट की मुश्किलें यहीं तक सीमित नहीं है, इवान स्पाइजेल के भारी भरकम वेतन को लेकर भी निवेशकों में नाराजगी है। बताया जाता है कि इवान को पिछले साल 63 करोड़ 78 लाख डॉलर का भुगतान किया गया। माना जा रहा है कि कंपनियों के सीईओ के वेतन के मामले में ये अब तक की तीसरी सबसे बड़ी रकम है।

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राघवेंद्र प्रसाद मिश्र जो पत्रकारिता में डिप्लोमा करने के बाद एक छोटे से संस्थान से अपने कॅरियर की शुरुआत की और बाद में रायपुर से प्रकाशित दैनिक हरिभूमि व भाष्कर जैसे अखबारों में काम करने का मौका मिला। राघवेंद्र को रिपोर्टिंग व एडिटिंग का 10 साल का अनुभव है। इस दौरान इनकी कई स्टोरी व लेख छोटे बड़े अखबार व पोर्टलों में छपी, जिसकी काफी चर्चा भी हुई।

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