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उत्तर कोरिया का बुरा दौर, किम जोंग बोले- भयावह स्थिति से गुजर रहा देश
देश की स्थिति पर किम जोंग ने खुलकर बात की और यह भी स्वीकार किया कि देश अब तक की सबसे भयावह स्थिति का सामना कर रहा है।
नई दिल्ली: उत्तर कोरिया भले कितनी ही भयावह स्थिति का सामना क्यों न कर रहा हो, लेकिन तानाशाह किम जोंग उन ने कभी भी दुनिया के सामने उसे स्वीकार नहीं किया। लेकिन अब देश की स्थिति पर किम जोंग ने खुलकर बात की है और यह भी स्वीकार किया है कि देश अब तक की सबसे भयावह स्थिति का सामना कर रहा है।
किम जोंग ने मंगलवार को प्योंगयांग में आयोजित सम्मेलन में अपनी सत्तारूढ़ पार्टी के कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कई बातें सामने रखीं। इस दौरान उन्होंने अपने समर्थकों को कुछ सुझाव भी दिए। उन्होंने सम्मेलन में कहा कि इस खराब स्थिति में लोगों की जिंदगियों को बेहतर बनाना होगा। इसके लिए पार्टी की शाखाएं, पार्टी के जमीनी संगठन अपनी भूमिका निभा सकते हैं।
हमें कई अभूतपूर्व चुनौतियों से उबरना है- तानाशाह
तानाशाह ने कहा कि हमें इस भयावह स्थिति में कई अभूतपूर्व चुनौतियों से उबरना होगा। सम्मेलन में उन्होंने पार्टी के सदस्यों से जनवरी में हुई कांग्रेस में लिए गए फैसलों को लागू करने का भी अनुरोध किया। बता दें कि उत्तर कोरिया में किम जोंग उन के शासन का एक दशक पूरा होने जा रहा है और इससे पहले ही देश काफी बुरी स्थिति का सामना कर रहा है और इस बीच लॉकडाउन और अमेरिकी प्रतिबंधों ने अर्थव्यवस्था को और ज्यादा सुस्त कर दिया है।
लॉकडाउन और अमेरिका प्रतिबंधों से बुरी हुई स्थिति
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, विशेषज्ञों का ऐसा मानना है कि लॉकडाउन और अमेरिका के प्रतिबंधों की वजह से उत्तर कोरिया की पहले से चरमराई अर्थव्यवस्था और ज्यादा सुस्त हो गई है। कोरोना वायरस और इसके चलते लागू हुए लॉकडाउन ने देश को काफी ज्यादा नुकसान पहुंचाया है। हालांकि तानाशाह ने इस बात को मानने से इनकार किया था कि उत्तर कोरिया में कोरोना की दस्तक हो चुकी है।
अमेरिकी प्रतिबंधों को दरकिनार कर रहा देश
वहीं दूसरी ओर उत्तर कोरिया लगातार संयुक्त राष्ट्र के प्रतिबंधों को दरकिनार कर रहा है। वह अपने परमाणु हथियारों और बैलिस्टिक मिसाइलों को आधुनिक बनाने में जुटा हुआ है। रिपोर्ट के मुताबिक, उत्तर कोरिया पर लगाए गए यूएस के प्रतिबंधों पर निगरानी रखने वाले विशेषज्ञों के एक दल ने सिक्योरिटी काउंसिल में रिपोर्ट भेज कर बताया है कि उत्तर कोरिया की सरकार ने परमाणु हथियार बनाने में इस्तेमाल होने वाली सामग्री का भी निर्माण कर लिया है।
यही नहीं, उत्तर कोरिया ने हाल ही में अमेरिका की बाइडेन प्रशासन से बातचीत की पेशकश को ठुकरा दिया था। तानाशाह ने कहा था कि अमेरिका द्वारा बंधक बनाने वाली पॉलिसी को खत्म करने के बाद ही बात संभव है।
उधर, विशेषज्ञों का कहना है कि उत्तर कोरिया की स्थिति में शायद ही इतनी जल्द सुधार आए, क्योंकि वो अभी अमेरिका से बातचीत को तैयार नही है। जिसकी वजह किम का परमाणु कार्यक्रम नहीं छोड़ना है। अमेरिका की तरफ से तो बातचीत की पेशकश दी गई, लेकिन उत्तर कोरिया ने इसे ठुकरा दिया।