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Oldest Living Crocodile: वैज्ञानिकों के लिए हैरानी की वजह बन चुकी है हेनरी की लंबी आयु, जी रहा औसत से भी कहीं ज्यादा उम्र
Oldest Living Crocodile Henry: हेनरी का जन्म 16 दिसंबर, 1900 में हुआ था। उसने हाल ही में अपना 124वां जन्मदिन मनाया। हेनरी की लंबी उम्र वैज्ञानिकों के लिए हैरानी का विषय बना हुआ है। आइए जानें इसके बारे में।
World's Oldest Living Crocodile: कभी-कभी कुदरत के कुछ ऐसे करिश्मे देखने को मिल जाते हैं जिनके आगे विज्ञान भी घुटने टेकने को मजबूर हो जाता है। यहां हम बात कर रहें हैं दुनिया में सबसे ज्यादा उम्र तक जीवित रहने वाले वृद्ध हो चुके मगरमच्छ हेनरी (World's Oldest Living Crocodile) की। इसी महीने की 16 दिसंबर को दक्षिण अफ्रीका (South Africa) के क्रोकवर्ल्ड कंजर्वेशन सेंटर (Crocworld Conservation Centre) में हेनरी (Henry) ने अपना 124वां बर्थडे मनाया है। अब तक इसके बाड़े की देखभाल करने वाले अपनी उम्र पूरी कर मृत्यु लोक को चले गए। लेकिन चिंरजीवी होने का आशीर्वाद लेकर आया हेनरी अपनी इस उम्र में भी पूरी तरह से स्वस्थ और जल क्रीड़ा करते हुए देखा जा सकता है। अपनी औसत आयु पूरी कर चुका हेनरी अब अपने 124वें जन्मदिवस के बाद से लोगों के बीच एक बार फिर चर्चा का विषय बना हुआ है।
एक नरभक्षी नील मगरमच्छ है हेनरी (Nile Crocodile Henry)
हेनरी का जन्म 16 दिसंबर, 1900 में हुआ था और वह साल 1903 में बोत्सवाना के ओकावांगो डेल्टा से पकड़ा गया था। दुनिया के सबसे पुराने ज्ञात जीवित सरीसृपों में से एक है। उसका जन्मस्थान यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल (UNESCO World Heritage Site) है और दक्षिणी अफ्रीकी देश में बना एक विशाल इनलैंड डेल्टा है। हेनरी के दांत बहुत ही भयानक हैं, उसके पैर बहुत बड़े हैं। उसकी त्वचा सूखी और पपड़ीदार है जो एक सदी से भी ज्यादा पुरानी है। वह इतना विशालकाय है कि उसकी लंबाई एक मिनीबस के बराबर है। वह सालों से क्रोकवर्ल्ड कंजर्वेशन सेंटर (Crocworld Conservation Centre) में रह रहा है।
यह मगरमच्छ धरती पर मौजूद दुनिया के सबसे पुराने जीवों (World's Oldest Creatures On Earth) में से एक हैं। इन्हें अक्सर खतरनाक जीव के रूप में देखा जाता है, जो दूसरे जीवों पर हमला करने में बिलकुल नहीं झिझकते। मगरमच्छों के बारे में एक बात बहुत कम लोगों को पता है कि इनका पेट कभी नहीं भरता। ये पेट भर खाने के बाद भी शिकार दिखने पर उस पर तुरंत हमला कर देते हैं।
दक्षिण अफ्रीका के कंजर्वेशन सेंटर में है हेनरी
हेनरी का अतीत दशकों पुराना है। ऐसा माना जाता है कि उसने बोत्सवाना जनजाति के बच्चों को खाया था, जो उसकी खूनी हरकतों से इतने तंग आ गए थे कि उन्होंने 1903 में उसे मारने के लिए एक शिकारी की मदद ली थी। सर हेनरी न्यूमैन एक प्रसिद्ध हाथी शिकारी थे, जिनके नाम पर इस जानवर का नाम पड़ा। उन्होंने इस मगरमच्छ को क्रूरतापूर्वक मारने के बजाय विदेश में आजीवन कैद की सजा देने का फैसला किया। हेनरी तीन दशकों से पड़ोसी दक्षिण अफ्रीका के स्कॉटबर्ग में क्रोकवर्ल्ड कंजर्वेशन सेंटर में रह रहा है। उसी शिकारी के नाम पर मगरमच्छ का नाम हेनरी रखा गया।
बेहद क्रूर और खतरनाक शिकारी होते हैं नील मगरमच्छ
हेनरी एक नील मगरमच्छ प्रजाति का जीव है। इसकी 26 देशों में उपस्थिति पाई जाती है। ये सभी देश मुख्य रूप से उप-सहारा अफ्रीका में स्थित है। ये मगरमच्छ झीलों, नदियों, दलदलों और दलदली भूमि जैसे विभिन्न प्रकार के जलीय वातावरण में रहते हैं। ये बेहद शातिर, क्रूर और खतरनाक शिकारी माने जाते हैं। अपने लिए ये सीधे साधे जीवों जैसे जेब्रा और साही को शिकार बनाना सबसे आसान समझते हैं। इस क्षेत्र में हर साल सैकड़ों लोग नील मगरमच्छ के कारण अपनी जान गंवा देते हैं। हेनरी को धरती पर घूमने वाले सबसे बूढ़े जीवित मगरमच्छ का खिताब हासिल है। वहीं ऑस्ट्रेलियाई मगरमच्छ कैसियस आकार में सबसे बड़ा है।
आपको जानकर हैरानी होगी कि हेनरी अब तक 6 मादा मगरमच्छों के साथ रहते हुए अब तक कुल 10,000 बच्चों का पिता बन चुका है। पूरे क्रोकवर्ल्ड कंजर्वेशन सेंटर में हेनरी की संताने नजर आई हैं। बता दें कि इस बुजुर्ग मगरच्छ का वजन लगभग 700 किलो है, जबकि वह 16.4 फीट लंबा है। हेनरी की लंबाई की तुलना की जाए तो वह एक जीप के बराबर हो सकता है।
नील मगरमच्छ की विशेषताएं (Characteristics of Nile Crocodile)
आमतौर पर, वयस्क नर नील मगरमच्छ की लंबाई 3.5 से 5 मीटर (11 फीट 6 इंच और 16 फीट 5 इंच) के बीच होती है और इसका वजन 225 से 750 किलोग्राम (496 से 1,653 पाउंड) होता है। हालांकि, 6.1 मीटर (20 फीट) से अधिक लंबाई और 1,000 किलोग्राम (2,200 पाउंड) वजन वाले नमूने दर्ज किए गए हैं।
यह मगरमच्छ की सबसे खतरनाक प्रजातियों में से एक है और हर साल सैकड़ों मानव मौतों के लिए जिम्मेदार है। यह आम है और माघरेब में कुछ क्षेत्रीय गिरावट या विलुप्त होने के बावजूद लुप्तप्राय नहीं है। नील मगरमच्छ अवसरवादी शीर्ष शिकारी होते हैं। ये बहुत आक्रामक मगरमच्छ होते हैं, वे अपनी सीमा के भीतर लगभग किसी भी बड़े से बड़े जानवर को खा लेने में सक्षम होते हैं। इनका आहार ज्यादातर विभिन्न प्रजातियों की मछलियाँ, सरीसृप, पक्षी और स्तनधारी होते हैं। घात लगाने वाले शिकारियों के रूप में, वे हमला करने के लिए उपयुक्त क्षण के लिए घंटों, दिनों और यहाँ तक कि हफ्तों तक प्रतीक्षा कर सकते हैं।
वे फुर्तीले शिकारी होते हैं और शिकार की वस्तु के हमले की सीमा के भीतर आने के अवसर की प्रतीक्षा करते हैं। यहाँ तक कि तेज शिकार भी हमले से सुरक्षित नहीं होते हैं। अन्य मगरमच्छों की तरह, नील मगरमच्छों के काटने का एक शक्तिशाली गुण होता है जो सभी जानवरों में अद्वितीय होता है, और तीखे, शंक्वाकार दांत मांस में धंस जाते हैं, जिससे शिकार किए गए जीव के लिए उसकी पकड़ को ढीला करना लगभग असंभव हो जाता है। वे लंबे समय तक उच्च बल लगा सकते हैं, जो बड़े शिकार को पानी के नीचे दबाकर रखने और डूबने के लिए एक बेहतर तरकीब है।
दोगुनी से भी कहीं अधिक उम्र जी चुका हेनरी
जंतु वैज्ञानिकों के अनुसार, एक नील मगरमच्छ का औसत जीवनकाल 45 वर्ष होता है। वहीं हेनरी की लंबी आयु वैज्ञानिकों के लिए एक अचंभे का विषय है। इस कड़ी में अलबामा विश्वविद्यालय के जीवविज्ञानी स्टीवन ऑस्टैड ने लाइव साइंस से हेनरी की उम्र के बारे में बात करते हुए कहा, “वह स्पष्ट रूप से बूढ़ा है। वह 100 साल का है या 130 वर्षीय, ये हम नहीं जानते, लेकिन मगरमच्छ के लिए 124 साल तक जीवित रहना संभव नहीं है।“ ऑस्टैड ने आगे कहा कि हो सकता है हेनरी का लंबे समय से निष्क्रिय रहते हुए पोषक भोजन और अनुकूल वातावरण जैसी परिस्थितियां उसकी लंबी आयु की वजह हो सकती हैं।
फिलहाल वैज्ञानिकों के लिए हेनरी की लंबी आयु एक नये शोध का विषय बनी हुई है। कुछ वैज्ञानिकों का मानना है कि हेनरी का इम्यून सिस्टम और आंत माइक्रोबायोम काफी ज्यादा स्ट्रांग है, वहीं कुछ वैज्ञानिकों का कहना है कि हेनरी के खून में जीवाणुरोधी गुण मौजूद हैं, जो उसे लंबी उम्र तक स्वस्थ रखने में में सहायक हैं।