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British PM: जानिए, कैसे चुना जाएगा बोरिस जॉनसन का उत्तराधिकारी, लगेंगे महीनों

British PM: बोरिस जॉनसन की कंज़र्वेटिव पार्टी नेता का चुनाव बन्द दरवाजों के पीछे चंद नेताओं द्वारा नहीं किया जाता है। इसकी एक लंबी प्रक्रिया है जिसमें पार्टी के एक-एक सदस्य की भूमिका होती है।

Neel Mani Lal
Written By Neel Mani Lal
Published on: 9 July 2022 4:15 PM IST
Know how Boris Johnsons successor will be chosen, it will take months
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 ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन: photo - social media

Briatin Prime Minister: अपनी कैबिनेट के विद्रोह के आगे झुकते हुए, ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन (British Prime Minister Boris Johnson) ने कंजर्वेटिव पार्टी (conservative party) के नेता पद से इस्तीफा तो दे दिया है लेकिन नए नेता का चुनाव होने में अभी महीनों लग सकते हैं और तब तक वे प्रधानमंत्री बने रहेंगे।

दरअसल, बोरिस जॉनसन की कंज़र्वेटिव पार्टी नेता का चुनाव बन्द दरवाजों के पीछे चंद नेताओं द्वारा नहीं किया जाता है। इसकी एक लंबी प्रक्रिया है जिसमें पार्टी के एक-एक सदस्य की भूमिका होती है। पार्टी चुनावों के बीच ब्रिटेन में "कार्यवाहक" नेता का कोई औपचारिक पद नहीं है।

दरअसल, पार्टी का नेतृत्व करने के लिए कई दावेदार हो सकते हैं। ये सभी अपनी दावेदारी का प्रचार करते हैं, जैसा कि बोरिस सरकार (boris government) के पूर्व वित्त मंत्री ऋषि सुनक ने शुरू भी कर दिया है। अटकल है कि बोरिस जॉनसन भी अपनी दावेदारी रख सकते हैं।

क्या है परंपरा

परंपरा के अनुसार, कंज़र्वेटिव पार्टी को अपने नेता का तेजी से अभिषेक करना होगा। उसे यह दिखाना होगा कि उनके पास हाउस ऑफ कॉमन्स में बहुमत का समर्थन है। ऐसा न करने पर ब्रिटेन को आम चुनाव कराना होगा।

नेता चुनने की प्रक्रिया

- पार्टी नेतृत्व के लिए खुद का दावा पेश करने वाले उम्मीदवार या उम्मीदवारों को अन्य कंजर्वेटिव सांसदों द्वारा नामित किया जाना जरूरी है। उम्मीदवार को कितने नॉमिनेशन की जरूरत होगी ये संख्या चुनाव प्रभारी समिति द्वारा निर्धारित किया जाएगा। 2019 में प्रक्रिया को तेज करने के लिए इसे बढ़ाकर आठ नामांकन कर दिया गया।

- नॉमिनेशन के बाद कंजर्वेटिव सांसदों के बीच कई राउंड की वोटिंग होगी। हर बार उन्हें गुप्त मतदान में अपने पसंदीदा उम्मीदवार के लिए वोट करने के लिए कहा जाता है, और सबसे कम वोट पाने वाले व्यक्ति को हटा दिया जाता है।

- यह प्रक्रिया तब तक दोहराई जाती है जब तक कि मैदान में दो उम्मीदवार शेष न रह जाएं। पहले वोट हर मंगलवार और गुरुवार को होते थे, लेकिन संसद में 21 जुलाई से छह सप्ताह के ग्रीष्मकालीन अवकाश हो रहा है सो मतदान प्रक्रिया को तेज करना पड़ सकता है।

- अंतिम दो उम्मीदवारों को फिर कंजर्वेटिव पार्टी के सदस्यों की वोटिंग का सामना करना पड़ता है। पार्टी सदस्य डाक मतपत्र के जरिये अपना वोट डालते हैं। इस मतदान के बाद विजेता का नाम घोषित होता है।

- हाउस ऑफ कॉमन्स में बहुमत वाली पार्टी का नेता वास्तविक प्रधानमंत्री होता है। उसके पास मध्यावधि चुनाव कराने की भी शक्ति होती है।

कितना समय लगेगा

नेतृत्व चयन प्रतियोगिता (Leadership Selection Competition) की अवधि अलग-अलग हो सकती है। यह इस बात पर निर्भर करता है कि कितने लोग खुद को दावेदार के रूप में पेश करते हैं। थेरेसा मे 2016 में डेविड कैमरन के इस्तीफा देने के तीन सप्ताह से भी कम समय में नेता बन गईं और अन्य सभी दावेदार बीच में ही दौड़ से बाहर हो गए।

2019 में थेरेसा मे को बदलने के लिए कंजर्वेटिव सदस्यों के बैलेट में बोरिस जॉनसन का सामना पूर्व स्वास्थ्य मंत्री जेरेमी हंट से हुआ था। बोरिस ने थेरेसा में के इस्तीफे के इरादे की घोषणा के दो महीने बाद पदभार ग्रहण कर लिया था।

कोई लिखित संविधान नहीं

सच्चाई ये है कि ब्रिटेन का अपना कोई लिखित औपचारिक संविधान नहीं (Britain has no formal written constitution of its own) है। इसके बजाय शाही दरबारों, संसद और अदालतों में सदियों से चली आ रही परंपरा या कन्वेंशन के आधार पर दिशानिर्देश तय होते हैं। यानी हर चीज परंपरा या पूर्व निर्णयों से गवर्न होती है।

अलिखित संविधान यह निर्देश देता है कि ब्रिटेन एक संसदीय लोकतंत्र है (Britain is a parliamentary democracy) और आम चुनाव के बाद सबसे बड़ी पार्टी के नेता को सम्राट की सहमति से प्रधानमंत्री बनना पड़ता है। प्रधानमंत्री को संसद में विश्वास मत के माध्यम से अपना बहुमत साबित करने की जरूरत होती है। जरूरत हो तो सबसे बड़ी पार्टी के नेता एक या एक से अधिक छोटी पार्टियों का समर्थन ले सकते हैं, जैसा कि 2010 में हुआ था।

नेतृत्व परिवर्तन

पार्टियां अक्सर चुनावों के बीच नेताओं को बदल देती हैं, जैसा कि अब हुआ है।2016 में भी यही हुआ था जबब्रिटेन के ब्रेक्सिट जनमत संग्रह में डेविड कैमरन की हार के बाद थेरेसा मे ने उनकी जगह ली थी। वास्तव में, जनता द्वारा मतदान के जरिये चुने गए या रिजेक्ट किये गए अंतिम नेता 1974 में कंज़र्वेटिव पार्टी के प्रधानमंत्री एडवर्ड हीथ थे।

अविश्वास प्रस्ताव की चेतावनी

लेबर पार्टी ने जोर देकर कहा है कि अगर कंज़र्वेटिव पार्टी जल्द अपना नेता नहीं चुनती है तो संसद में अविश्वास मत को आगे बढ़ाया जाएगा। वैसे, 73 सीटों के कार्यकारी बहुमत वाले सत्तारूढ़ दल को हाउस ऑफ कॉमन्स में विश्वास मत जीतने का भरोसा है। बहरहाल, ब्रिटेन का नया प्रधानमंत्री कौन होगा, ये अभी तय नहीं है। रेस में कई नेता हैं लेकिन आगे कौन निकलेगा, ये देखना रोचक होने वाला है।



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Shashi kant gautam

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