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कोरिया बन रहा एशिया का कोरोना वैक्सीन हब, जानिए कैसे
दुनिया की सबसे बड़ी वैक्सीन निर्माता कंपनी सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया भारत में स्थित है।
लखनऊ: दुनिया में भारत सबसे बड़ा वैक्सीन निर्माता देश है। दुनिया की सबसे बड़ी वैक्सीन निर्माता कंपनी सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया भारत में स्थित है। लेकिन अब भारत को इस उद्योग में कोरिया से चुनौती मिल रही है, खासकर कोरोना की वैक्सीन और दवा के उत्पादन के क्षेत्र में।
विश्व की बड़ी दवा व वैक्सीन निर्माता कम्पनियां अपने उत्पाद, ख़ासकर कोरोना की वैक्सीनें और कोरोना के इलाज में काम आने वाली दवाएं कोरिया में अनुबंध के आधार पर बनवा रही हैं। कोरिया का टारगेट है कि वह इस क्षेत्र में लीडर बन जाये। कोरिया के पास पहले से ही वैक्सीन और दवाई के निर्माण की एडवांस क्षमता और कैपेसिटी है। अब अमेरिका की मॉडर्ना कम्पनी कोरिया के इन्चेन द्वीप में प्रोडक्शन प्लांट लगाने पर विचार कर रही है।
यह द्वीप बायो कम्पनियों के लिए मुफीद लोकेशन है। यहां के 9 लाख 20 हजार वर्ग मीटर के सोंग्दो इंटरनेशनल बिजनेस डिस्ट्रिक्ट में 60 कोरियन और विदेशी बायो कंपनियां और रिसर्च सेंटर स्थित हैं। इनमें सैमसंग बायोलॉजिक्स, सेलट्रियान और मर्क जैसी दिग्गज कम्पनियां शामिल हैं।
सैमसंग बायोलॉजिक्स और सेलट्रियान, प्रोडक्शन सुविधाएं और रिसर्च व डेवलपमेंट सेंटर स्थापित करने के लिए करीब पौने दो खरब रुपये लगा रही हैं। इन दोनों कम्पनियों के दूसरे और चौथे प्लांट्स का निर्माण जारी है। इन कंपनियों का लक्ष्य इस क्षेत्र को बायो मेडिकल प्रोडक्ट्स के लिए विश्व का सबसे बड़ा हब बनाना है।
वैसे, कोरिया की लोकल बायो कम्पनियां पहले से ही ग्लोबल कम्पनियों के लिए कोरोना की वैक्सीनें और दवाइयां बना रही हैं। मिसाल के तौर पर एस के बायोसाइंस यूके की आस्ट्रा जेनका और अमेरिका की नोवावैक्स के लिए वैक्सीनें बना रही है। हानकूक कोरस कम्पनी के नेतृत्व में 8 अलग अलग कंपनियां रूस की स्पूतनिक 5 वैक्सीन बना रही हैं। जीसी फार्मा भी ग्लोबल फाउंडेशन के लिए कोरोना वैक्सीन बना रही है।
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