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Indian Journalist in China: अंतिम भारतीय पत्रकार जून के अंत तक छोड़ देगा चीन, आखिर क्यों चल रहा 'जर्नलिस्ट पॉलिटिक्स'?

Indian Journalist in China : 2023 की शुरुआत में भारत के 4 पत्रकार चीन में मौजूद थे। लेकिन, इस साल अप्रैल में भारत के दो पत्रकारों के वीजा फ्रीज कर उन्हें देश वापस लौटने को कहा गया था, इसी तरह एक और जर्नलिस्ट इंडिया लौट चुका है। इस आखिरी पत्रकार को चीन छोड़ने को कहा गया है।

Aman Kumar Singh
Published on: 12 Jun 2023 4:29 PM GMT (Updated on: 12 Jun 2023 4:47 PM GMT)
Indian Journalist in China: अंतिम भारतीय पत्रकार जून के अंत तक छोड़ देगा चीन, आखिर क्यों चल रहा जर्नलिस्ट पॉलिटिक्स?
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प्रतीकात्मक चित्र (Social Media)

Indian Journalist in China : भारत और चीन के बीच के रिश्ते बेहद तल्ख़ रहे हैं। हालात ऐसे बिगड़ते जा रहे हैं कि, सोचने पर मजबूर होना पड़ता है कि क्या कभी शांति आएगी? सीमा विवाद से शुरू हुई खटास अब पत्रकारों तक जा पहुंची है। जी हां, चीन ने अपने देश में मौजूद एक भारतीय पत्रकार को 30 जून तक देश छोड़कर जाने का आदेश दिया है। जानकारी के लिए बता दें, बीते कुछ महीनों में ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं। चीन ने हाल के महीनों में कई भारतीय पत्रकारों (Indian Journalists) को बाहर का रास्ता दिखाया है।

ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट (Bloomberg report) की मानें तो इस पूरे मामले से वाकिफ एक व्यक्ति के हवाले से बताया गया है कि चीन सरकार ने प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया (PTI) के एक जर्नलिस्ट को देश छोड़ने का फरमान सुनाया है। चीन ने पीटीआई के पत्रकार का वीजा रिन्यू करने से साफ इनकार कर दिया। भारतीय पत्रकार को 30 जून तक भारत लौट जाने को कहा गया है।

भारतीय पत्रकारों को यूं किया बाहर

आपको बता दें, 2023 की शुरुआत में भारत के 4 पत्रकार चीन में थे। ये सभी वहां से रिपोर्टिंग करते थे। लेकिन, इस साल अप्रैल आते-आते हालात बदलने लगे। भारत के दो पत्रकारों के वीजा फ्रीज कर उन्हें भारत लौटने को कहा गया। शेष दो भारतीय पत्रकारों (Indian journalists in China) में से एक ने 11 जून को चीन छोड़ दिया। अब आखिरी भारतीय पत्रकार को जून के अंत तक चीन छोड़ने को कहा गया है। यहां ये बताना जरूरी है कि, PTI पत्रकार के चीन छोड़ने के साथ ही अब चीन में भारत का एक भी पत्रकार नहीं होगा।

क्यों चल रहा 'जर्नलिस्ट पॉलिटिक्स'?

अब मन में सवाल उठना लाजमी है कि, आखिर दोनों देशों के बीच 'जर्नलिस्ट पॉलिटिक्स' की वजह क्या है? जानकारी के अनुसार, भारत और चीन लगातार एक-दूसरे के पत्रकारों को अपने देशों से बाहर निकाल रहे हैं। दोनों देश एक-दूसरे पर अपने-अपने जर्नलिस्ट्स के साथ हो रहे अनुचित व्यवहार (Inappropriate Behavior) और भेदभाव का आरोप लगा रहे हैं। इसी तरह, चीन ने भारत में मौजूद अपने पत्रकारों के साथ भेदभाव और अनुचित व्यवहार का आरोप लगाया है। चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन (Wang Wenbin) ने कहा है कि, 'भारत में चीन के पत्रकारों के साथ अनुचित व्यवहार हो रहा है।'

भारत का क्या है कहना?

भारत में चीन के पत्रकारों (Chinese journalists in India) के साथ हो रहे अनुचित व्यवहार पर प्रतिक्रिया देते हुए भारत सरकार ने कहा है कि, 'चीन के पत्रकार भारत में बिना किसी दिक्कत-तकलीफ के काम करते रहे हैं। मगर, चीन में भारतीय पत्रकारों के बारे में ऐसा नहीं कहा जा सकता।' भारत सरकार ने कहा, पिछले महीने भारत ने हो रहे शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के विदेश मंत्रियों की बैठक के लिए चीन के पत्रकारों को अस्थायी वीजा दिया गया था।

क्यों शुरू हुआ विवाद?

ख़बरों के मुताबिक, दोनों देशों के बीच वीजा का यह विवाद कुछ महीने पहले शुरू हुआ। इस मामले के एक जानकार ने पहचान उजागर न करने की शर्त पर इंडिया टुडे को बताया कि, 'भारतीय पत्रकारों ने रिपोर्टिंग के सिलसिले में सहायता के लिए चीन में कुछ सहायक रखने की कोशिश की थी, इसी वजह से विवाद शुरू हुआ।'

Aman Kumar Singh

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