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Lionel Messi: दिग्गज फुटबॉलर को बचपन में हो गई थी गंभीर बीमारी, डॉक्टरों ने कह दिया था फुटबॉल नहीं खेल पाएंगे मेसी
Lionel Messi: भयानक आर्थिक संकट से जूझ रहे साउथ अमेरिकी देश अर्जेंटीना के लोगों के हिस्से में लंबे समय बाद खुशी का मौका आया है।
Lionel Messi: भयानक आर्थिक संकट से जूझ रहे साउथ अमेरिकी देश अर्जेंटीना के लोगों के हिस्से में लंबे समय बाद खुशी का मौका आया है। पिछले कुछ समय से यह देश राजनीतिक अस्थिरता के कारण अंतरराष्ट्रीय मीडिया में छाया हुआ था। लेकिन अब फीफा वर्ल्ड कप चैंपियन टीम के तौर पर इंटरनेशनल मीडिया में इस देश का गुणगान हो रहा है। अर्जेंटीना के इस बड़ी सफलता के पीछे हैं, दिग्गज फुटबॉलर लियोनेल मेसी। 38 वर्षीय मेसी ने 36 साल बाद अपने देश को फुटबॉल का विश्व चैंपियन बना दिया है।
दुनियाभर में लियोनेल मेसी के करोड़ों प्रशसंक हैं, जो कि इस बड़ी जीत के बाद जश्न मना रहे हैं। विश्व के सफलतम फुटबॉलरों में गिने जाने वाले मेसी को हमेशा फीफा विश्व कप न जीत पाने का मलाल रहता था। खिताबी मुकाबले में फ्रांस को हराने के साथ ही अब वे डिएगो मैराडोना के बाद अर्जेंटीना को चैंपियन बनाने वाले दूसरे कप्तान बन गए हैं। मेसी का यहां तक सफर काफी संघर्षों से भरा रहा है। एक बेहद ही सामान्य परिवार से ताल्लुक रखने वाले इस स्टार फुटबॉलर का यहां तक का सफर काफी रोचक है।
बचपन से था फुटबॉल के प्रति जुनून
लियोनेल एंड्रेस मेसी का जन्म अर्जेंटीना के रोजारियो शहर में 24 जून 1987 को हुआ था। ये वही शहर जहां दुनिया के महान क्रांतिकारी और अरबों लोगों के आदर्श चे ग्वेरा का जन्म हुआ था। मेसी के पिता एक फैक्ट्री वर्कर थे जबकि मां सफाई का काम करती थीं। उनके जन्म से ठीक एक साल पहले यानी 1986 में अर्जेंटीना ने फीफा विश्व कप जीता था। जिसके कारण देश में फुटबॉल के प्रति दीवानगी चरम पर थी। उनके परिवार में भी फुटबॉल का माहौल था।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मेसी के पिता ही उनके पहले कोच थे। मगर उनके खेल पर सबसे अधिक असर दादी ने डाला। वही मेसी को ट्रेनिंग के लिए ले जाती थीं। 6 साल की उम्र में ही मेसी की प्रतिभा सभी को दिखऩे लगी थी। उन्होंने इसी उम्र में रोजारियो के न्यूवैल ओल्ड बॉयज़ क्लब के साथ फुटबॉल खेलना शुरू कर दिया था। छोटी सी उम्र में ही लियोनेल मेसी का गेंद पर कंट्रोल ऐसा था कि वह 15-15 मिनट तक बिना रूके अपने दोनों पैरों से जगलिंग किया करते थे। धीरे-धीरे उनकी ख्याति पूरे देश में फैल गई थी।
डॉक्टरों ने जब कह दिया था फुटबॉल नहीं खेल पाएंगे मेसी
लियोनेल मेसी जब थोड़े और बड़े हुए तो उन्हें पता चला कि वो एक गंभीर बीमारी से पीड़ित हैं, जिसके कारण उन्हें फुटबॉल के मैदान से दूर होना पड़ सकता है। मेसी की उम्र जब 11 साल के आसपास थी तब पता चला कि उन्हें ग्रोथ हार्मोन डेफिशिएंसी (GHD) नाम की एक बीमारी है, इस बीमारी के कारण बच्चे के शरीर का ग्रोथ रूक जाता है। डॉक्टरों ने भी कह दिया था कि वे अब फुटबॉल नहीं खेल पाएंगे। इस बीमारी के इलाज पर हर महीने 1000 डॉलर खर्च होते थे, जिसे मेसी का परिवार उठाने में सक्षम नहीं था। मेसी अब तक अपनी दादी को भी खो चुके थे। ऐसे में फुटबॉलर बनने का उनका सपना टूटने के कगार पर था।
फुटबॉल के लिए देश छोड़ने पर हुए राजी
मेसी की बीमारी से परेशान उनके पिता को एक दिन पता चला कि बार्सिलोना फुटबॉल क्लब प्रतिभावान खिलाड़ियों के लिए टैलेंट हंट प्रोग्राम चला रहा है। उन्होंने बिना देर किए बार्सिलोना एफसी से संपर्क किया। बार्सिलोना फुटबॉल क्लब के डायरेक्टर मेसी की प्रतिभा के किस्से सुन रखे थे। मेसी के प्रदर्शन से प्रभावित बार्सिलोना क्लब उनके इलाज का सारा खर्च इस शर्त पर देने के लिए तैयार हो गया कि वह स्पेन में ही बस जाए। मेसी के परिवार ने इसपर अपनी रजामंदी दे दी और स्पेन में जाकर बस गए। खास बात यह रही कि मेसी के साथ अनुबंध करने के दौरान जब क्लब के डायरेक्टर कार्ल्स रैज़ैक को जब आस-पास कोई कागज नहीं मिला, तो उन्होंने नैपकिन पर ही कॉन्ट्रैक्ट साइन करवा लिया। मेसी 13 साल की उम्र में 2000 में बार्सिलोना क्लब से जुड़े थे। उन्होंने इस साल यानी अगस्त 2022 में क्लब बार्सिलोना को छोड़ा था।