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Light Pollution: प्रकाश प्रदूषण आखिर क्यों है आने वाले समय के लिए चिंता का विषय, आइए जानें
Light Pollution: प्रकाश प्रदूषण का दुष्प्रभाव केवल हमारे आंखों पर ही नहीं बल्कि मोटापा, नींद ना आना डिप्रेशन जैसी कई और गम्भीर समस्याओं को भी पैदा करती है। कई रिसर्च की माने तो रात के वक़्त लगातार कृतिम प्रकाश में काम करने वाली महिलाओं को स्तन कैंसर तक का खतरा होता है।
Light Pollution: क्या आपने कभी सोचा है जिन टिमटिमाते तारों को देखकर बचपन में नानी और दादी से कहानियां सुना करते थे, जिन तारों से जगमगाती रातों पर ना जाने कितनी कविताएं लिखी गई हों, हमारी पृथ्वी जो खुद 118 तत्वों से बना हुआ है, जिनका निर्माण अंतरिक्ष में हुआ है, यूं कहें तो तारों के धूल से हुआ है। ब्रम्हांड में लगभग 70 अरब तारे हैं जो हमारे अस्तित्व को रोशन करते हैं। तारे जो लाखों-करोड़ों किलोमीटर दूर होकर भी हमें पृथ्वी से बिल्कुल साफ नजर आते थे आखिर क्यों अब वो तारों से भरा जगमगाता आकाश धीरे-धीरे हमें कम नज़र आने लगा हैं?
आज आधुनिक दुनिया में तेज प्रकाश का हम सब के जीवन में बहुत महत्वता है। आज कृत्रिम रोशनी के कारण रात में भी दिन के तरह जगमगाते शहरों ने रात के अंधेरों को जैसे निगल ही लिया है। दुनिया में लगभग 80 फीसदी लोग अब तारों से चमकता आकाश नहीं देख पाते हैं जिसका सबसे बड़ा कारण है कृत्रिम रोशनी। अब हर छोटे-बड़े शहर दिन-रात रोशनी में ही रहते हैं आज स्ट्रीट लाइटों ने हर कोनो में प्रकाश फैला रखा है। लेकिन आज यह कृत्रिम प्रकाश हमारे पारिस्थितिकी तंत्र पर बेहद खतरनाक असर डाल रहा है।
आज वह दौर आ गया है जब ज्ञान का प्रतीक माने जाने वाला प्रकाश भी हमारे लिए चिंता का विषय बन चुका है। इस आधुनिक युग में पृथ्वी के लिए जरूरी माने जाना वाला प्राकृतिक अंधेरा लगभग खत्म हो गया है। सिंगापुर में तो इतनी रोशनी में रहते हैं कि वो अंधेरे की कल्पना तक नहीं कर सकते। लेकिन अब वैज्ञानिकों ने कृत्रिम लाइटों को लेकर चिंता व्यक्त करना शुरू कर दिया हैं। एशियाई देशों में तो कृत्रिम लाइटों का उपयोग बाकी देशों से कहीं ज्यादा बढ़ गया है।
प्रकाश प्रदूषण के दुष्प्रभाव (side effects of light pollution)
प्रकाश प्रदूषण (Light Pollution) का दुष्प्रभाव केवल हमारे आंखों पर ही नहीं बल्कि मोटापा, नींद ना आना डिप्रेशन जैसी कई और गम्भीर समस्याओं को भी पैदा करती है। कई रिसर्च की माने तो रात के वक़्त लगातार कृतिम प्रकाश में काम करने वाली महिलाओं को स्तन कैंसर तक का खतरा होता है। कृतिम रोशनी से पाचन तंत्र तथा ब्लड प्रेशर से जुड़ी समस्या भी हो सकती हैं।
प्रकाश प्रदूषण का जीव जंतुओं पर दुष्प्रभाव (Effects of light pollution on animals)
आज कृतिम लाइटों के वजह से कई जीव-जंतुओं पर दुष्प्रभाव पड़ रहा है। पंक्षी समय से पहले प्रजनन करने लगते हैं, ज्यादा प्रकाश के कारण समय से पहले वह जग जाते, पेड़ों की पत्तियां देर से गिरती हैं साथ ही किट-पतंगे समय से पहले अधिक संख्या में मर जाते हैं। एक रिसर्च के मुताबिक अकेले जर्मनी में 24 घण्टे में स्ट्रीट लाइटों के वजह से एक अरब से भी ज्यादा किट-पतंगे अपने समय से पहले मर जाते हैं। रात में अंधेरे की जगह कृत्रिम लाइटों के रोशनी से कोरल को भी परेशानी का सामना करना पड़ता है, अंडों से निकले कछुओं के बच्चे जो समुद्र में जाना चाहते हैं वह रास्ता भटक जाते हैं जिससे उनके जान को खतरा होता है।
प्रकाश प्रदूषण से निपटने लिए क्या करें
उपयोग ना होने पर लाइट्स ऑफ कर दें, कम प्रकाश वाले लाइट्स का उपयोग करें, लाइट लैंप कर उपयोग करें जिससे प्रकाश इधर उधर ना फैले। इन छोटी बातों को अपने आदतों में लाकर हम खुद को और पूरे देश को प्रकाश प्रदूषण से बचा सकते हैं।
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