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Liver Transplant Success: शरीर से लिवर निकाला, ठीक किया फिर दोबारा वापस लगा दिया

स्विट्जरलैंड के यूनिवर्सिटी हॉस्पिटल ज्यूरिख में लिवर4लाइफ टीम ने दावा किया है कि डॉक्टरों ने एक मरीज के क्षतिग्रस्त लिवर का तीन दिनों तक एक मशीन से इलाज करने के बाद उसे वापस उसी मरीज के शरीर में सफलतापूर्वक कर दिया।

Neel Mani Lal
Written By Neel Mani Lal
Published on: 8 Jun 2022 8:01 PM IST
Liver Transplant Success
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Liver Transplant Success। (Social Media)

Liver Transplant Success: मेडिकल साइंस का एक और नायाब उदाहरण स्विट्जरलैंड में आया है जहां डॉक्टरों ने एक मरीज के क्षतिग्रस्त लिवर का तीन दिनों तक एक मशीन से इलाज करने के बाद उसे वापस उसी मरीज के शरीर में सफलतापूर्वक कर दिया।

यूनिवर्सिटी हॉस्पिटल ज्यूरिख (University Hospital Zurich) में "लिवर4लाइफ" टीम ने दावा किया है कि यह प्रक्रिया दुनिया में अपनी तरह की पहली प्रक्रिया है और उन्होंने इस उपलब्धि को संभव बनाने के लिए अपनी इन-हाउस परफ्यूजन मशीन को श्रेय दिया है।

क्षतिग्रस्त मानव जिगर का शरीर के बाहर तीन दिन तक किया इलाज

यूएसजेड (University Hospital Zurich) ने एक बयान में कहा कि "ज्यूरिख अनुसंधान दल "लिवर 4 लाइफ" एक उपचार प्रयास के दौरान कुछ ऐसा करने में सफल रहा है जो अब तक चिकित्सा के इतिहास में कभी हासिल नहीं किया गया था। इसने एक मशीन में मूल रूप से क्षतिग्रस्त मानव जिगर का शरीर के बाहर तीन दिन तक इलाज किया। और फिर इस अंग को उसी रोगी में प्रत्यारोपित किया। एक साल बाद, मरीज अच्छा कर रहा है। ये मरीज कैंसर पीड़ित है। उन्होंने कहा कि : "लिवर4लाइफ रिसर्च टीम ने अपनी सफलता के लिए परफ्यूज़न मशीन को श्रेय दिया है, जिसे संस्थान में ही विकसित किया गया था। ये मशीन की ही बदौलत है कि शरीर के बाहर तीन दिनों की अवधि के बाद एक मानव अंग को रोगी में प्रत्यारोपित करना संभव हो सका।"

मानव यकृत के लिए सर्वोत्तम संभव की जा सके स्थिति प्रदान

बयान में कहा गया है कि मशीन मानव शरीर की बहुत सटीक नकल करती है ताकि मानव यकृत के लिए सर्वोत्तम संभव स्थिति प्रदान की जा सके। इसमें एक पंप एक रिप्लेसमेंट हृदय के रूप में कार्य करता है, एक ऑक्सीजनेटर फेफड़ों की जगह लेता है और एक डायलिसिस इकाई गुर्दे के कार्य करती है। इसके अलावा, कई हार्मोन और पोषक तत्व आंत और अग्न्याशय के कार्य करते हैं। मानव शरीर में डायफ्राम की तरह, मशीन भी यकृत को मानव श्वास की लय में ले जाती है। टीम ने विभिन्न दवाओं से लीवर को मशीन में ठीक किया। इसकी खराब गुणवत्ता के कारण इसे मूल रूप से प्रत्यारोपण के लिए अनुमोदित नहीं किया गया था। सामान्य परिस्थितियों में अंगों को केवल 12 घंटों तक ही स्टोर किया जा सकता है। उन्हें पारंपरिक रूप से बर्फ पर और व्यावसायिक रूप से उपलब्ध प्रिजर्वेशन मशीनों में संग्रहीत किया जाता है।

डॉक्टरों ने स्विस ट्रांसप्लांट प्रतीक्षा सूची में एक कैंसर रोगी को उपचारित मानव यकृत का उपयोग करने का विकल्प दिया। उसकी सहमति के बाद, मई 2021 में अंग का प्रत्यारोपण किया गया। प्रत्यारोपण के कुछ दिन बाद रोगी को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई और अब वह ठीक हैं। इस मरीज ने कहा - मैं जीवन रक्षक अंग के लिए बहुत आभारी हूं। मेरे तेजी से बढ़ते ट्यूमर के कारण, मुझे उचित समय के भीतर प्रतीक्षा सूची से यकृत प्राप्त करने की बहुत कम संभावना थी।

मानव अंगों के काम करने की कमी को दुरुस्त करना संभव: निदेशक

यूनिवर्सिटी हॉस्पिटल ज्यूरिख (University Hospital Zurich) में विसरल सर्जरी एंड ट्रांसप्लांटेशन विभाग (Department of Visceral Surgery and Transplantation) के निदेशक पियरे-एलैन क्लेवियन (Director Pierre-Alain Clavien) ने कहा - हमारी चिकित्सा से पता चलता है कि परफ्यूजन मशीन में लीवर का इलाज करके, मानव अंगों के काम करने की कमी को दुरुस्त करना संभव है।

ईटीएच ज्यूरिख में मैक्रोमोलेक्यूलर इंजीनियरिंग के प्रोफेसर मार्क टिबिट ने कहा कि इस परियोजना में शामिल जटिल जैव चिकित्सा चुनौतियों को हल करने के लिए विस्तृत दृष्टिकोण इलाज का भविष्य है। यह हमें रोगियों के इलाज के लिए नए निष्कर्षों का और भी तेज़ी से उपयोग करने की अनुमति देगा।

दरअसल, अंग प्रत्यारोपण एक बहुत ही जटिल चिकित्सा प्रक्रिया है। प्रत्यारोपित किये जाने वाले अंग को प्राप्तकर्ता के साथ मैच होना चाहिए, और इस प्रक्रिया में दाता व्यक्ति से प्राप्तकर्ता तक एक जीवित अंग को स्थानांतरित करना और सर्जरी तक काम करने के क्रम में अंग को सही बनाए रखना शामिल है। प्रत्यारोपण वाले अंगों को स्थानांतरित करने की पारंपरिक विधि में उन्हें बहुत कम तापमान पर भंडारण करना शामिल है। हालांकि, इस प्रक्रिया में समय सीमा है और अंग ऊतकों को नुकसान पहुंचा सकता है। इस कारण से वैज्ञानिक चरम ठंड के उपयोग के बिना दान किए गए अंगों को व्यवहार्य रखने के लिए नए तरीकों पर काम कर रहे हैं। इस दिशा में नई परफ्यूजन मशीन बेहद मददगार साबित हो सकती है।



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Deepak Kumar

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